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आयोग के अंदर से हमें सूचनाएं मिल रही हैं... 'वोट चोरी' के आरोपों के बीच राहुल गांधी का बड़ा दावा 

राहुल गांधी ने कहा कि आयोग के निशाने पर दलित, ओबीसी और अल्पसंख्यक समुदाय के लोग हैं. कर्नाटक में बड़े स्तर पर लोगों के नाम को बगैर उन्हें जानकारी दिए हटाया गया है.

आयोग के अंदर से हमें सूचनाएं मिल रही हैं... 'वोट चोरी' के आरोपों के बीच राहुल गांधी का बड़ा दावा 
राहुल गांधी ने एक बार फिर चुनाव आयोग पर साधा निशाना
नई दिल्ली:

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने एक बार फिर चुनाव आयोग पर निशाना साधा है. उन्होंने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आयोग पर वोट डिलीट करने का आरोप लगाया है. राहुल गांधी ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कई सबूत पेश किए हैं. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग के अंदर से हमें जो सूचनाएं मिल रही हैं वो बेहद हैरान करने वाली हैं. आपको बता दें कि ये कोई पहला मौका नहीं है जब राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर निशाना साधा है. 

दलित और ओबीसी हैं निशाने पर 

राहुल गांधी ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि चुनाव आयोग खास तौर पर दलित और ओबीसी कैटेगरी के लोगों को निशाना बना रहा है. साथ ही साथ ऐसी गड़बड़ियां उन सीटों पर ज्यादा हुई है जहां कांग्रेस मजबूत थी या बीते कई चुनाव से जीतते हुए आ रही थी. आयोग ने बगैर लोगों को बताए उनका वोट डिलीट किया है. जिनका वोट डिलीट हुआ है उन्हें पहले इसकी बारे में बताया जाना चाहिए था. 

कर्नाटक में फिर सामने आई गड़बड़ी

राहुल गांधी ने आगे कहा कि कर्नाटक के आलंद में 6018 वोट डिलीट किए गए हैं. हमने पाया है कि महज 14 मिनट में 12 वोट डिलीट किए गए. इससे ये तो साफ है कि चुनाव आयोग वोट चोरों को बचा रहा है. अभी तक आयोग ने टारगेट करके लाखों वोटर्स को लिस्ट से हटाया है. कर्नाटक में जानबूझकर वोट खत्म किए गए हैं. फर्जी वोटर जोड़ने के लिए फर्जी नाम और फर्जी पते तक दिए गए. कर्नाटक में बड़े स्तर पर किसी से पूछे ही उनका वोट डिलीट कर दिया गया. ऐसे में हम मांग करते हैं कि चुनाव आयोग सीआईडी को जवाब दे. चुनाव आयोग हिंदुस्तान के संविधान की रक्षा नहीं कर रहा है. आज हमने जो भी प्रूफ दिए हैं वो बुलेटप्रूफ हैं.

मुख्य चुनाव आयुक्त पर लगाए गंभीर आरोप

चुनाव आयोग जानता है इसके पीछे कौन है. आज चुनाव आयोग लोकतंत्र की हत्या कर रहा है. ये हाइड्रोजन बम नहीं है, वो अभी आने वाला है. आयोग लोकतंत्र के हत्यारों को बचा रहा है. सीआईडी ने जब विवादित नंबरों की जानकारी मांगी तो कर्नाटक चुनाव आयोग की तरफ से कोई जवाब नहीं आया. इस तरह की गड़बड़ी कर्नाटक के साथ-साथ महाराष्ट्र में कई गई है. मुख्य चुनाव आयुक्त वोट चोरों को बचा रहे हैं. मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार वोट चोरों को बचा रहे हैं. 
एक हफ़्ते में चुनाव आयोग को कर्नाटक सीआईडी को सारे सबूत सौंप देने चाहिए वरना ये आरोप सही साबित हो जाएगा. 

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