
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) गुरुवार को उदयपुर में पार्टी के चिंतन शिविर (Udaipur Chintan Shivir ) में शामिल होने के लिए ट्रेन से रवाना हुए. राहुल गांधी जब दिल्ली के सराय रोहिल्ला स्टेशन पहुंचे तो तो वहां कार्यकर्ताओं का हुजूम जुट गया. कुली एसोसिएशन ने राहुल गांधी का स्वागत भी किया. उनके प्रतिनिधिमंडल ने अपनी चिंताओं को भी विपक्ष के नेता के सामने रखा. कांग्रेस के शीर्ष स्तर के नेता इस शिविर में हिस्सा ले रहे हैं. लोकसभा के दो चुनाव और हालिया यूपी चुनाव में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद कांग्रेस के इस चिंतन मंथन को बेहद अहम माना जा रहा है. राहुल गांधी को दोबारा पार्टी अध्यक्ष बनाए जाने की मांग भी इस सम्मेलन में उठ सकती है.
कांग्रेस के समक्ष मौजूदा संकट से निपटने के लिए राष्ट्रीय स्तर से लेकर स्थानीय स्तर तक के संगठन में व्यापक सुधार एवं समयबद्ध बदलाव और ध्रुवीकरण की राजनीति से निपटने जैसे मुद्दों पर ‘चिंतन शिविर' में मुख्य रूप से चर्चा की जाएगी. पार्टी स्पष्ट संदेश देगी कि वह इन मुद्दों पर आगे क्या करने जा रही है. पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी. सूत्रों ने बताया कि उदयपुर में 13-15 मई को होने जा रहे इस चिंतन शिविर में जो ‘नवसंकल्प' दस्तावेज जारी होगा, वह आगे के कदमों की घोषणा (एक्शनेबल डिक्लियरेशन) होगा. इसमें यह संदेश भी दिया जाएगा कि राष्ट्रीय स्तर पर गठबंधन के लिए ‘मजबूत कांग्रेस' का होना जरूरी है तथा गठबंधन से पहले कांग्रेस को मजबूत किया जाना महत्वपूर्ण है.
सूत्रों ने यह भी बताया कि इस शिविर में कांग्रेस अध्यक्ष के स्तर पर बदलाव को लेकर शायद चर्चा नहीं हो क्योंकि इसके चुनाव की घोषणा पहले ही हो चुकी है. इस चिंतन शिविर में राजनीति, सामाजिक न्याय एवं सशक्तीकरण, अर्थव्यवस्था, संगठन, किसान एवं कृषि तथा युवाओं से जुड़े विषयों पर छह अलग-अलग समूहों में 430 नेता चर्चा करेंगे यानी हर समूह में करीब 70 नेता शामिल होंगे.
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि तीन दिनों के मंथन की पूरी कवायद का मकसद पार्टी को अगले लोकसभा चुनाव के लिए तैयार करना है. सूत्रों ने मीडिया के एक हिस्से में आई उन खबरों को भी खारिज कर दिया जिनमें कहा गया था कि कांग्रेस इस चिंतन शिविर में ‘एक परिवार, एक टिकट' मुद्दे पर चर्चा कर इस संबंध में कोई निर्णय ले सकती है. कांग्रेस के सूत्र ने कहा, पिछले दिनों कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में सोनिया गांधी के समक्ष पार्टी महासचिव मुकुल वासनिक ने लोगों की ओर से आए कई सुझावों का उल्लेख किया जिनमें यह बात शामिल थी, लेकिन इस पर कोई चर्चा नहीं हुई है.
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