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तेजस्वी की वो एक भूल... जिस कारण सर्कुलर रोड वाले सरकारी बंगले से बेदखल होंगे लालू-राबड़ी

बिहार भवन निर्माण विभाग ने पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को उनका सरकारी आवास 10, सर्कुलर रोड खाली करने का नोटिस जारी कर दिया. विभाग ने अब उन्हें 39, हार्डिंग रोड वाला आवास आवंटित किया है, जो आगे चलकर उनका नया सरकारी ठिकाना होगा.

तेजस्वी की वो एक भूल... जिस कारण सर्कुलर रोड वाले सरकारी बंगले से बेदखल होंगे लालू-राबड़ी
  • बिहार की NDA सरकार ने पूर्व CM राबड़ी को 10, सर्कुलर रोड का सरकारी आवास खाली करने का नोटिस जारी किया है.
  • राबड़ी देवी को अब 39, हार्डिंग रोड स्थित नया सरकारी आवास आवंटित किया गया है जो उनका नया ठिकाना होगा.
  • 2017 में तेजस्वी की याचिका के बाद ही HC ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन आवास देने की व्यवस्था खत्म की थी.
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बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में बन चुकी नई NDA सरकार कामकाज संभालते ही प्रशासनिक फैसलों पर तेजी दिखा रही है. इसी कड़ी में मंगलवार शाम भवन निर्माण विभाग ने पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को उनका सरकारी आवास 10, सर्कुलर रोड खाली करने का नोटिस जारी कर दिया. विभाग ने अब उन्हें 39, हार्डिंग रोड वाला आवास आवंटित किया है, जो आगे चलकर उनका नया सरकारी ठिकाना होगा. भवन निर्माण विभाग के आदेश में साफ लिखा है कि 'नेता प्रतिपक्ष, बिहार विधान परिषद के लिए पटना केंद्रीय पूल का आवास संख्या-39, हार्डिंग रोड आवंटित किया जाता है.' इसका मतलब यह है कि लालू-राबड़ी परिवार को अब 10 सर्कुलर रोड स्थित बंगला खाली करना ही होगा.

2017 की वही लड़ाई, जिसने सब बदल दिया

राबड़ी देवी का बंगला खाली कराए जाने की वजह सिर्फ राजनीतिक बदलाव नहीं है, इसकी शुरुआत 2017 की एक कानूनी लड़ाई से होती है, जो तेजस्वी यादव की जिद से शुरू हुई थी.

साल 2017: तेजस्वी बनाम भवन निर्माण विभाग

2017 में NDA सरकार बनने पर तेजस्वी यादव को डिप्टी सीएम पद से हटना पड़ा था. इसके साथ ही उन्हें आवंटित सरकारी आवास 5, देशरत्न मार्ग खाली करने का नोटिस मिला. तेजस्वी इस बंगले में काफी खर्च कर चुके थे और विपक्ष के नेता रहते इसी घर में रहना चाहते थे. उन्होंने फैसले को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की.

यह भी पढ़ें- घर से तो निकाल देंगे, लोगों के दिल से कैसे निकालेंगे... राबड़ी आवास खाली करने के नोटिस पर भड़कीं रोहिणी आचार्या

हाईकोर्ट का बड़ा फैसला

हाईकोर्ट ने तेजस्वी की याचिका न सिर्फ खारिज की, बल्कि उससे भी बड़ा फैसला दिया.अदालत ने अपने फैसले में पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन बंगला, सुरक्षा स्टाफ और अन्य सुविधाएं देने की व्यवस्था खत्म कर दी. यही फैसला अब 2025 में प्रभावी हुआ है. अगर तेजस्वी 2017 में हाईकोर्ट न गए होते, तो पूर्व मुख्यमंत्री होने के नाते राबड़ी देवी 10 सर्कुलर रोड में बनी रह सकती थीं. तेजस्वी के फैसले के बाद ही कोर्ट ने सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों की विशेष सुविधाओं पर अंकुश लगाने का फैसला सुनाया था. 

लालू परिवार का दशकों पुराना ठिकाना अब खाली होगा

राबड़ी देवी और लालू यादव लंबे समय से 10 सर्कुलर रोड पर रह रहे थे. लालू परिवार की राजनीतिक हलचल, प्रेस कॉन्फ्रेंस, तेजस्वी-तेजप्रताप की बैठकों से यह बंगला वर्षों से राजनीतिक गतिविधियों का केंद्र रहा है. लेकिन सरकार के ताजा आदेश के बाद इस बंगले का इतिहास अब बदलने वाला है.

रोहिणी आचार्य का फूटा गुस्सा 

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नोटिस जारी होते ही लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने लिखा, 'सुशासन बाबू का विकास मॉडल… करोड़ों लोगों के मसीहा लालू प्रसाद यादव का अपमान पहली प्राथमिकता. घर से तो निकाल देंगे, बिहार की जनता के दिल से कैसे निकालिएगा? सेहत नहीं तो कम से कम लालू जी के राजनीतिक क़द का ही सम्मान रखते.'

रोहिणी का ये बयान साफ दिखाता है कि परिवार इस फैसले को राजनीतिक बदले की कार्रवाई मान रहा है. इन सबके बीच सबसे बड़ा बदलाव तो यही है कि लालू परिवार का दशकों पुराना ठिकाना अब इतिहास बन जाएगा.

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