मुंबई:
महाराष्ट्र सरकार के सर्वोच्च सम्मान, 'महाराष्ट्र भूषण' को लेकर राज्य में हिंसक प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। छत्रपति शिवाजी के इतिहास के लेखक बाबासाहब पुरंदरे को बुधवार को मुम्बई स्थित राजभवन में यह सम्मान दिया जाना है। राज्य सरकार द्वारा इस सम्मान के लिए बाबासाहब पुरंदरे को चुने जाने का एनसीपी समेत संभाजी ब्रिगेड जैसे मराठा समाज से जुड़े संगठन विरोध कर रहे हैं।
अबतक महज जुबानी रहे विरोध ने मंगलवार को हिंसक रूप इख़्तियार कर लिया। इस आंदोलन में संभाजी ब्रिगेड के कार्यकर्ता अग्रणी थे। आंदोलनकारियों ने पंढरपुर में राज्य परिवहन की एक बस फूंक दी। दूसरी तरफ़ अहमदनगर में राज्य के गृह राज्यमंत्री राम शिंदे के दफ्तर को निशाना बनाया गया।
इस सबके बीच सरकार ने सम्मान की गरिमा को ध्यान में रखते हुए आंदोलन खत्म करने का आग्रह किया है। राज्य सरकार ने कहा है कि समाज के गणमान्य लोगों की कमेटी ने महाराष्ट्र भूषण सम्मान के लिए इस साल बाबासाहब पुरंदरे को चुना है।
अबतक महज जुबानी रहे विरोध ने मंगलवार को हिंसक रूप इख़्तियार कर लिया। इस आंदोलन में संभाजी ब्रिगेड के कार्यकर्ता अग्रणी थे। आंदोलनकारियों ने पंढरपुर में राज्य परिवहन की एक बस फूंक दी। दूसरी तरफ़ अहमदनगर में राज्य के गृह राज्यमंत्री राम शिंदे के दफ्तर को निशाना बनाया गया।
उधर, मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने पुरंदरे के खिलाफ़ हो रहे हिंसक आंदोलन को लेकर एनसीपी मुखिया शरद पवार पर आरोप लगाया है। ठाकरे ने मुम्बई में संवाददाताओं से कहा कि, वे बाबासाहब पुरंदरे का बाल भी बांका नहीं होने देंगे।
इस सबके बीच सरकार ने सम्मान की गरिमा को ध्यान में रखते हुए आंदोलन खत्म करने का आग्रह किया है। राज्य सरकार ने कहा है कि समाज के गणमान्य लोगों की कमेटी ने महाराष्ट्र भूषण सम्मान के लिए इस साल बाबासाहब पुरंदरे को चुना है।
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