Puducherry floor test: वी नारायणसामी ने पुदुच्चेरी विधानसभा में बहुमत खो दिया है.
पुदुच्चेरी में कांग्रेस-डीएमके की सरकार गिर गई है. विश्वास मत परीक्षण पर वोटिंग से पहले ही राज्य के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने सदन से वाकआउट कर दिया. इसके बाद विधान सभा अध्यक्ष ने एलान किया कि सरकार ने अपना बहुमत खो दिया है. कांग्रेस के पांच विधायकों और सहयोगी डीएमके के एक विधायक के इस्तीफा देने के बाद नारायणसामी सरकार अल्पमत में आ गई थी.
- पुदुच्चेरी विधानसभा में बहुमत परीक्षण से पहले ही सोमवार (22 फरवरी) को कांग्रेस नेता और राज्य के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने सदन से वाकआउट कर दिया. इसके बाद स्पीकर ने ऐलान किया कि सरकार के पास बहुमत नहीं है. सीएम अब राजभवन जाकर उप राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौपेंगे.
- पुदुच्चेरी में बहुमत परीक्षण हारने के साथ ही कांग्रेस के हाथ से एक और राज्य की सत्ता चली गई. इससे पहले पिछले साल मध्य प्रदेश में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार गिर गई थी. उसके बाद भाजपा के शिवराज सिंह चौहान ने वहा सरकार बनाई थी. पुदुच्चेरी में नई सरकार बनेगी या राष्ट्रपति शासन लगेगा इस पर स्थिति साफ नहीं हो सकी है लेकिन संभावना जताई जा रही है कि वहां राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है.
- विधान सभा में विश्वास मत प्रस्ताव पेश करते हुए सीएम नारायणसामी ने कहा कि कांग्रेस सरकार के पास बहुमत है, लेकिन पूर्व उपराज्यपाल किरण बेदी ने कई कल्याणकारी योजनाओं में अड़चनें पैदा कीं. उधर, फ्लोर टेस्ट से पहले निर्दलीय विधायक वी रामचंद्रन ने कहा कि मैं मौजूदा सरकार का समर्थन कर रहा हूं, मैं अपनी राय नहीं बदलना चाहता, लेकिन लगता है कि मौजूदा सरकार के पास विधानसभा में बहुमत नहीं है.
- इससे पहले रविवार की शाम को मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी के आवास पर पार्टी और सहयोगी दलों के नेताओं की एक अहम बैठक हुई थी. इसके बाद सीएम विधानसभा पहुंचे थे और कांग्रेस विधायकों के साथ सरकार बचाने की रणनीति पर चर्चा की थी. सरकार कैसे बचाएंगे? पूछने पर सीएम ने कहा था कि वो अपनी रणनीति का खुलासा सदन में ही करेंगे.
- इधर, बहुमत परीक्षण से ऐन पहले कांग्रेस के एक और विधायक के. लक्ष्मीनारायणन और द्रमुक के विधायक वेंकटेशन के इस्तीफा देने के बाद 33 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस-द्रमुक गठबंधन के विधायकों की संख्या घटकर 11 रह गई थी, जबकि विपक्षी दलों के 14 विधायक हैं.
- लक्ष्मीनारायणन और वेंकटेशन ने विधानसभा अध्यक्ष वी. पी. शिवकोलुंधु को उनके आवास पर रविवार को जाकर अपना इस्तीफा सौंपा था. इसके बाद लक्ष्मीनारायणन ने पत्रकारों से कहा था, ‘‘नारायणसामी नीत सरकार ने बहुमत खो दिया है.'' लक्ष्मीनारायणन ने कहा कि उन्होंने पार्टी की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है.
- वेंकटेशन ने पत्रकारों से कहा कि उन्होंने केवल विधायक पद से इस्तीफा दिया है और वह द्रमुक का हिस्सा बने रहेंगे. उन्होंने कहा, ‘‘...मैं अपने निर्वाचन क्षेत्र में अपने लोगों की जरूरतों को पूरा नहीं कर पा रहा था, क्योंकि विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास निधि के तहत धन का आवंटन नहीं किया गया है.''
- पूर्व मंत्री ए नमसिवायम (अब भाजपा में) और मल्लाडी कृष्ण राव समेत कांग्रेस के चार विधायकों ने इससे पहले इस्तीफा दिया था, जबकि पार्टी के एक अन्य विधायक को अयोग्य ठहराया गया था.नारायसामी के करीबी ए. जॉन कुमार ने भी इस सप्ताह इस्तीफा दे दिया था. अब तक कांग्रेस के पांच और डीएमके के एक कुल छह विधायकों ने इस्तीफा दिया है.
- पुदुच्चेरी की नवनियुक्त उप राज्यपाल तमिलिसाई सौंदर्यराजन ने छह विधायकों के इस्तीफे के बाद नारायणसामी सरकार से 22 फरवरी को विधानसभा में बहुमत साबित करने को कहा था. विपक्ष ने आरोप लगाया था कि नारायणसामी सरकार अल्पमत में आ गई है.
- पुदुच्चेरी में कांग्रेस का चेहरा रहे नारायणसामी के खिलाफ पार्टी विधायकों ने तब बगावत का बिगुल फूंका है जब कुछ ही महीनों में वहां विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और कांग्रेस ने उन्हीं की अगुवाई में चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. पांच साल पहले कांग्रेस ने नारायणसामी को केंद्र की राजनीति से राज्य की राजनीति में भेजा था. वो केंद्र की मनमोहन सिंह की यूपीए-2 सरकार में प्रधान मंत्री कार्यालय में केंद्रीय राज्य मंत्री के तौर पर काम कर रहे थे, लेकिन 2016 में उन्हें पुडुचेरी का सीएम बनाया गया था.