नई दिल्ली:
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने आज कहा कि विवादों में घिरे आईपीएल के पूर्व चेयरमैन की कथित रूप से मदद करने वाली बीजेपी की शीर्ष नेता सुषमा स्वराज और वसुंधरा राजे को उनके पदों से नहीं हटाया जाता, तब तक उनकी पार्टी संसद नहीं चलने देगी।
कांग्रेस के इस रुख पर अब तक दूसरे विपक्षी दलों की ओर कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं आई है। इस पर आजाद कहते हैं, 'उन्हें यह साबित करना चाहिए कि वह अपने सिद्धांतों से कोई समझौता नहीं करते हुए सत्ताधारी पार्टी को राहत नहीं देंगी।'
वहीं केंद्र सरकार का कहना है कि विदेशमंत्री स्वराज या राजस्थान की मुख्यमंत्री राजे ना तो नैतिक और ना ही कानूनी अपराध की दोषी हैं, ऐसे में उनके इस्तीफे का सवाल ही नहीं उठता।
यहां सत्ताधारी बीजेपी और मुख्य विपक्षी कांग्रेस दोनों ही पार्टियां अपने रुख पर अड़ी हैं। ऐसे में संसद का आगामी मानसून सत्र खासा हंगामेदार रहने का अंदेशा है। कांग्रेस के इस रुख से जीएसटी और भूमि अधिग्रहण जैसे अपने अहम विधेयकों को संसद से पारित कराने के लिए मोदी सरकार को दूसरे विपक्षी दलों को साधने की जरूरत पड़ सकती है।
कांग्रेस के इस रुख पर अब तक दूसरे विपक्षी दलों की ओर कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं आई है। इस पर आजाद कहते हैं, 'उन्हें यह साबित करना चाहिए कि वह अपने सिद्धांतों से कोई समझौता नहीं करते हुए सत्ताधारी पार्टी को राहत नहीं देंगी।'
वहीं केंद्र सरकार का कहना है कि विदेशमंत्री स्वराज या राजस्थान की मुख्यमंत्री राजे ना तो नैतिक और ना ही कानूनी अपराध की दोषी हैं, ऐसे में उनके इस्तीफे का सवाल ही नहीं उठता।
यहां सत्ताधारी बीजेपी और मुख्य विपक्षी कांग्रेस दोनों ही पार्टियां अपने रुख पर अड़ी हैं। ऐसे में संसद का आगामी मानसून सत्र खासा हंगामेदार रहने का अंदेशा है। कांग्रेस के इस रुख से जीएसटी और भूमि अधिग्रहण जैसे अपने अहम विधेयकों को संसद से पारित कराने के लिए मोदी सरकार को दूसरे विपक्षी दलों को साधने की जरूरत पड़ सकती है।
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