स्वास्थ्य का अधिकार (आरटीएच) विधेयक को लेकर आंदोलन कर रहे निजी चिकित्सकों और सरकार के बीच सोमवार को हुई वार्ता में सहमति नहीं बनी और चिकित्सकों का आंदोलन 16वें दिन भी जारी रहा. ‘प्राइवेट हॉस्पिटल्स एंड नर्सिंग होम्स सोसाइटी' के सचिव डॉ. विजय कपूर के नेतृत्व में चिकित्सकों के छह सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल ने सोमवार को सरकार से वार्ता की. जानकारी के मुताबिक वार्ता सौहार्दपूर्ण वातावरण में हुई, लेकिन बेनतीजा रही.
उल्लेखनीय है कि राजस्थान में निजी चिकित्सक पिछले 28 मार्च को राज्य विधानसभा में पारित विधेयक को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. विधेयक के अनुसार, राज्य के प्रत्येक निवासी को किसी भी 'सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थान, स्वास्थ्य देखभाल प्रतिष्ठान और नामित स्वास्थ्य देखभाल केंद्रों' में 'बिना पूर्व भुगतान' के आपातकालीन उपचार और देखभाल का अधिकार होगा.
डॉ. कपूर ने एक बयान में बताया कि ‘स्वास्थ्य का अधिकार' (राइट टू हेल्थ) विधेयक के विरोध में राज्यव्यापी निजी चिकित्सा प्रतिष्ठानों और डॉक्टरों की हड़ताल सोमवार को 16वें दिन भी जारी रही.
उन्होंने बताया कि सुबह बड़ी संख्या में चिकित्सक के साथ अन्य सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि जेएमए सभागार पहुंचे. विभिन्न सामाजिक संगठनों ने आंदोलन को समर्थन देते हुए सरकार से चिकित्सकों की न्यायोचित मांगो को मानकर इस गतिरोध को तुरंत समाप्त करने का आवाहन किया.
उन्होंने बताया कि प्रदेश के समस्त जिलो में भी चिकित्सा प्रतिष्ठानों में बंदी जारी रही एवं विभिन्न जिलो में प्रदर्शन किये गये. सिरोही में आमरण अनशन पर बैठे डॉ. सोहन कुमावत अनशन के पांचवें दिन सोमवार को जयपुर पहुंचे और यहां उनकी जांच की गई. डॉ. कपूर ने दावा किया कि जयपुर के 218 निजी चिकित्सालयों ने सरकारी योजनाओं को बंद करने के लिए अपनी लिखित सहमति दे दी है. उन्होंने यह भी दावा किया कि प्रदेश के अन्य 21 जिलों के 100 फीसदी निजी चिकित्सालयों ने सरकारी योजनाओं से सामूहिक रूप से अलग होने के लिए लिखित आवेदन दिया है.
उन्होंने बताया कि ने आज यानी चार अप्रैल को एक ‘महारैली' का आयोजन किया गया है जिसमें पिछली बार से भी ज़्यादा चिकित्साकर्मी हिस्सा लेंगे. डॉ. कपूर ने कहा, ‘‘हमे देश के अन्य प्रदेशों से भी समर्थन मिल रहा है, संभव है कि चार तारीख़ की महारैली में शामिल होने अन्य प्रदेशों के भी लोग पहुंचे.'' डॉ विजय कपूर ने पुनः मुख्यमंत्री से निवेदन किया की वे जल्द से जल्द इस विधेयक को वापस लेकर प्रदेश की जनता को राहत दें.
यह भी पढ़ें -
-- शोभायात्रा के दौरान हुए दंगों का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस ने अर्जी दाखिल की
-- इतिहास से मुगल बाहर? CBSE और UP बोर्ड के 12वीं के पाठ्यक्रम में मुगल काल पर चली कैंची
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं