रामनाथ कोविद हाईकोर्ट में वकालत भी कर चुके हैं (फाइल फोटो)
अगले माह होने जा रहे राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए एनडीए ने 72 वर्षीय रामनाथ रामनाथ कोविंद को उम्मीदवार घोषित किया है. उनके नाम की घोषणा बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने की. बीजेपी और एनडीए को उम्मीद है कि अनुसूचित जाति (एससी) वर्ग से जुड़े होने के कारण कोविंद के नाम पर वह कांग्रेस सहित विपक्ष की सहमति भी हासिल करने में सफल रहेंगे. गौरतलब है कि इससे पहले अनुसचित जाति वर्ग से केआर नारायणन देश का राष्ट्रपति पद संभाल चुके हैं.
रामनाथ कोविंद का जन्म 1 अक्टूबर 1945 को देश के सबसे बड़े राज्य उत्तरप्रदेश के कानपुर जिले के परौंख गांव में हुआ था. अध्ययन में बचपन से ही मेधावी रहे कोविंद बीजेपी में कई पदों पर रहने के अलावा हाईकोर्ट में वकालत कर चुके हैं. वे सुप्रीम कोर्ट में भी केंद्र सरकार के वकील भी रह चुके हैं. वर्ष 2015 से वे बिहार के राज्यपाल का पद संभाल रहे हैं. कोविंद करीब 16 वर्ष तक हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में वकालत कर चुके हैं.
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एक नजर में रामनाथ कोविंद
जन्म: एक अक्टूबर, 1945
जन्म स्थान: गांव परौंख, जिला कानपुर
शैक्षणिक योग्यता: एलएलबी
पेशा: वकालत और राजनीति
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स्नातक डिग्री हासिल करने के बाद सिविल सर्विसेस परीक्षा दी. पहले और दूसरे प्रयास में नाकाम रहने के बाद तीसरी बार में उन्होंने कामयाबी हासिल की. कोविंद ने आईएएस जॉब इसलिए ठुकरा दिया क्योंकि मुख्य सेवा के बजाय उनका एलाइड सेवा में चयन हुआ था. वर्ष 1977 में जनता पार्टी की सरकार बनने के बादवे तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरार जी देसाई के निजी सचिव भी रहे. बाद में वे बीजेपी से जुड़े. पार्टी की टिकट से वे दो बार चुनाव भी लड़ चुके हैं लेकिन दुर्भाग्य से दोनों ही बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा.
कोविंद वर्ष 1991 में बीजेपी में शामिल हुए. उच्च सदन राज्यसभा में 12 वर्ष तक कोविंद बीजेपी का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. वे वर्ष 1994 में पहली बार राज्यसभा के लिए चुने गए थे. पार्टी के प्रवक्ता का पद भी उन्होंने संभाला है. कोविंद बीजेपी के दलित मोर्चे के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद भी संभाल चुके हैं. कुष्ठ रोगियों के लिए काम करने वाली संस्था दिव्य प्रेम सेवा मिशन के कोविंद संरक्षक हैं. कोविंद के परिवार में एक पुत्र और एक पुत्री है.
रामनाथ कोविंद का जन्म 1 अक्टूबर 1945 को देश के सबसे बड़े राज्य उत्तरप्रदेश के कानपुर जिले के परौंख गांव में हुआ था. अध्ययन में बचपन से ही मेधावी रहे कोविंद बीजेपी में कई पदों पर रहने के अलावा हाईकोर्ट में वकालत कर चुके हैं. वे सुप्रीम कोर्ट में भी केंद्र सरकार के वकील भी रह चुके हैं. वर्ष 2015 से वे बिहार के राज्यपाल का पद संभाल रहे हैं. कोविंद करीब 16 वर्ष तक हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में वकालत कर चुके हैं.
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एक नजर में रामनाथ कोविंद
जन्म: एक अक्टूबर, 1945
जन्म स्थान: गांव परौंख, जिला कानपुर
शैक्षणिक योग्यता: एलएलबी
पेशा: वकालत और राजनीति
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स्नातक डिग्री हासिल करने के बाद सिविल सर्विसेस परीक्षा दी. पहले और दूसरे प्रयास में नाकाम रहने के बाद तीसरी बार में उन्होंने कामयाबी हासिल की. कोविंद ने आईएएस जॉब इसलिए ठुकरा दिया क्योंकि मुख्य सेवा के बजाय उनका एलाइड सेवा में चयन हुआ था. वर्ष 1977 में जनता पार्टी की सरकार बनने के बादवे तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरार जी देसाई के निजी सचिव भी रहे. बाद में वे बीजेपी से जुड़े. पार्टी की टिकट से वे दो बार चुनाव भी लड़ चुके हैं लेकिन दुर्भाग्य से दोनों ही बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा.
कोविंद वर्ष 1991 में बीजेपी में शामिल हुए. उच्च सदन राज्यसभा में 12 वर्ष तक कोविंद बीजेपी का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. वे वर्ष 1994 में पहली बार राज्यसभा के लिए चुने गए थे. पार्टी के प्रवक्ता का पद भी उन्होंने संभाला है. कोविंद बीजेपी के दलित मोर्चे के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद भी संभाल चुके हैं. कुष्ठ रोगियों के लिए काम करने वाली संस्था दिव्य प्रेम सेवा मिशन के कोविंद संरक्षक हैं. कोविंद के परिवार में एक पुत्र और एक पुत्री है.
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