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Explainer : ओडिशा के लिए बंगाल का आलू क्यों जरूरी? समझिए 'आलू पालिटिक्स' के मायने

बंगाल में आलू व्यापारियों ने दूसरे राज्यों को आलू की आपूर्ति करते समय राज्य पुलिस और स्थानीय प्रशासन द्वारा कथित उत्पीड़न के ख़िलाफ़ अनिश्चितकालीन हड़ताल का आह्वान किया था. इससे आलू की कमी हो गई है और बदले में राज्य में कीमतों में उछाल आया है.

Explainer : ओडिशा के लिए बंगाल का आलू क्यों जरूरी? समझिए 'आलू पालिटिक्स' के मायने
महंगे आलू से परेशान ओडिशा
नई दिल्ली:

आलू सब्जियों में ऐसा नाम जिसका अपना अलग ही रसूख है. बात जब भारतीय पकवानों की हो तो आलू का दर्जा थोड़ा और ऊंचा हो जाता है. खास बात ये है कि आलू सस्ता भी होता है. इसलिए देश के ज्यादातर लोगों के आलू खरीदना कोई बड़ी बात नहीं है. मगर इन दिनों भारत में आलू खास वजह से चर्चा में है. दरअसल ओडिशा में आलू के रेट आसमान छू रहे हैं. हुआ ये कि पिछले दिनों पश्चिम बंगाल के आलू व्यापारियों ने हड़ताल कर दी थी. बस इसी वजह से ओडिशा और बंगाल बॉर्डर पर आलू से लदे कई ट्रक रास्ते में फंस गए. नतीजतन आलू के दाम भी बढ़ गए. हालांकि अब हड़ताल खत्म हो चुकी है. लेकिन इस बीच ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक का एक पत्र वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने ममता बनर्जी से हस्तक्षेप करने की मांग की है.

ओडिशा में क्यों बढ़े आलू के दाम

बंगाल में आलू व्यापारियों ने दूसरे राज्यों को आलू की आपूर्ति करते समय राज्य पुलिस और स्थानीय प्रशासन द्वारा कथित उत्पीड़न के ख़िलाफ़ अनिश्चितकालीन हड़ताल का आह्वान किया था. इससे आलू की कमी हो गई है और बदले में राज्य में कीमतों में उछाल आया है. इसी मामले को लेकर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और मुख्य विपक्षी दल बीजू जनता दल के बीच एक-दूसरे से आगे निकलने की होड़ भी लगी हुई है. शुक्रवार को विपक्ष के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखकर आपूर्ति को सुचारू बनाने का अनुरोध किया. पटनायक ने अपने पत्र में कहा, "बारिश के कारण ओडिशा के बाजार में आलू की आपूर्ति कम हो गई है, जिसके परिणामस्वरूप कीमतों में वृद्धि हुई है, जिससे आम लोगों की परेशानी बढ़ गई है."

बंगाल में आलू व्यापारियों ने दूसरे राज्यों को आलू की आपूर्ति करते समय राज्य पुलिस और स्थानीय प्रशासन द्वारा कथित उत्पीड़न के ख़िलाफ़ अनिश्चितकालीन हड़ताल का आह्वान किया था. इससे आलू की कमी हो गई है और बदले में राज्य में कीमतों में उछाल आया है.

क्यों छिड़ी आलू पॉलिटिक्स

पश्चिम बंगाल ने ओडिशा के लिए आलू की सप्लाई रोकी हुई है. जिससे दोनों राज्यों के बीच आलू पर सियासत का दौर शुरू हो चुका है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाल में अधिकारियों को आलू सहित सब्जियों की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाने का निर्देश दिया था. जमाखोरी रोकने के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित ‘कार्य बल' बाजारों में छापेमारी कर रही है. एक अधिकारी ने कहा, इससे बंगाल के बाजार में आलू की कीमतें थोड़ी कम हो गई हैं.

सीएम ममता बनर्जी ने हाल में अधिकारियों को आलू सहित सब्जियों की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाने का निर्देश दिया था.

आलू संकट पर चर्चा

ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने शनिवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से उनके राज्य से आलू की आपूर्ति से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की. उन्होंने पश्चिम बंगाल से आलू की आपूर्ति ‘‘रोके जाने'' से उत्पन्न संकट को हल करने के लिए बनर्जी से हस्तक्षेप करने की मांग की. माझी ने नयी दिल्ली में बनर्जी से मुलाकात की. दोनों नेता नीति आयोग की शासी परिषद की बैठक में भाग लेने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में थे.

माझी ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ ओडिशा में आलू की आपूर्ति की समस्या पर चर्चा की. इस अस्थायी मुद्दे को हल करने के लिए, ओडिशा के आपूर्ति मंत्री ने भंडारण की जांच की और स्थिति की समीक्षा की. राज्य सरकार आलू की कीमतों को नियंत्रित करने और आपूर्ति की समस्या को जल्द से जल्द हल करने के लिए आवश्यक कदम उठा रही है.''

मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, माझी ने बनर्जी से आलू की आपूर्ति को सुचारू बनाने का अनुरोध किया. उन्होंने बनर्जी से इस मुद्दे को जल्द से जल्द हल करने का आग्रह किया क्योंकि ओडिशा में लोग समस्याओं का सामना कर रहे हैं.

ओडिशा के लिए क्यों जरूरी बंगाल का आलू

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक पश्चिम बंगाल देश के सबसे बड़े आलू उत्पादकों में से एक है, जहां 2021-22 में देश के कुल हिस्से का 23.51 प्रतिशत उत्पादन हुआ. जबकि उत्तर प्रदेश (29.65 प्रतिशत) के बाद आलू उत्पादन में पहले नंबर पर है. ओडिशा आलू की अपनी ज़रूरतों के लिए काफ़ी हद तक पश्चिम बंगाल पर निर्भर है. ओडिशा में भी आलू की खपत बड़ी तादाद में होती है. बाज़ार के सूत्रों के अनुसार, राज्य को हर साल 13 लाख मीट्रिक टन (MT) से ज़्यादा आलू की ज़रूरत होती है, लेकिन यहां. 3 लाख मीट्रिक टन से भी कम आलू का उत्पादन होता है. कीमतों को कम करने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार 23 जुलाई से अन्य राज्यों को आलू की आपूर्ति सीमित कर रही है. इस बीच, कम आपूर्ति के कारण ओडिशा में आलू की कीमतें बढ़ गई हैं - जबकि राज्य सरकार ने आलू की कीमतें 32 रुपये प्रति किलोग्राम पर सीमित करने के आदेश जारी किए हैं, फिलहाल आलू खुदरा में 50-55 रुपये प्रति किलोग्राम के बीच बिक रहा है.

बाज़ार के सूत्रों के अनुसार, ओडिशा को हर साल 13 लाख मीट्रिक टन (MT) से ज़्यादा आलू की ज़रूरत होती है, लेकिन यहां 3 लाख मीट्रिक टन से भी कम आलू का उत्पादन होता है.

ओडिशा के पास क्या विकल्प

शुक्रवार को खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता कल्याण मंत्री ने कहा था कि अगर आपूर्ति जल्द ही सुचारू नहीं हुई तो राज्य सरकार अपनी मांग को पूरा करने के लिए उत्तर प्रदेश का रुख करेगी. अप्रैल 2015 में ओडिशा सरकार ने राज्य में आलू की खेती को बढ़ाने के लिए आलू मिशन की शुरुआत की थी. इस पहल का उद्देश्य भंडारण और वितरण प्रणाली को मजबूत करना भी था. हालांकि, इसके परिणाम उम्मीदों के मुताबिक नहीं रहे, जिसका मुख्य कारण पर्याप्त भंडारण सुविधाओं की कमी बताया गया. हालांकि राज्य के कोरापुट और कंधमाल क्षेत्रों में आलू की खेती की जाती है, लेकिन किसानों को अक्सर मजबूरी में आलू बेचना पड़ता है.

आलू की जमाखोरी पर सरकार की चेतावनी

ओडिशा सरकार ने प्रदेश में आलू की जमाखोरी करने वालों को कार्रवाई की चेतावनी दी है. खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता कल्याण मंत्री कृष्ण चंद्र पात्रा ने कहा है कि राज्य सरकार अब उत्तर प्रदेश से आलू खरीदने पर विचार कर रही है. उन्होंने दावा किया कि ओडिशा में 7-8 दिनों के लिए आलू का पर्याप्त स्टॉक है. डीलर अभी 26 रुपये प्रति किलो आलू खरीद रहे हैं, इसलिए लोगों को यह 35 रुपये किलो मिलना चाहिए. पश्चिम बंगाल के आलू कारोबारियों ने भी हड़ताल खत्म कर दी है.

ओडिशा के खाद्य आपूर्ति और उपभोक्ता कल्याण मंत्री कृष्ण चंद्र पात्रा ने कहा कि आपूर्ति को सुचारू बनाने के प्रयास में दोनों सरकारों के अधिकारी संपर्क में हैं. पात्रा ने संवाददाताओं से कहा, "पश्चिम बंगाल के अधिकारियों ने सूचित किया है कि 21-24 जुलाई तक व्यापारियों की हड़ताल के कारण आलू की सामान्य आपूर्ति बाधित हुई थी, आलू की सामान्य आपूर्ति बहाल होने में एक या दो दिन लगेंगे."

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