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This Article is From Nov 14, 2017

पश्चिम बंगाल ने ओडिशा से जीती रसगुल्ले की 'जंग', जियोग्राफिकल इंडिकेशन ने ममता के दावों पर जताई सहमति

रसगुल्ले की शुरुआत पश्चिम बंगाल में हुई या ओडिशा में इसका फैसला हो गया है. जियोग्राफिकल इंडिकेशन के चेन्नई ऑफिस ने इस विवाद को सुलझा दिया है और ये फैसला कर दिया है कि रसगुल्ला पश्चिम बंगाल का है न कि ओडिशा का.

पश्चिम बंगाल ने ओडिशा से जीती रसगुल्ले की 'जंग', जियोग्राफिकल इंडिकेशन ने ममता के दावों पर जताई सहमति
रसगुल्ला (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: रसगुल्ले की शुरुआत पश्चिम बंगाल में हुई या ओडिशा में इसका फैसला हो गया है. जियोग्राफिकल इंडिकेशन के चेन्नई ऑफिस ने इस विवाद को सुलझा दिया है और ये फैसला कर दिया है कि रसगुल्ला पश्चिम बंगाल का है न कि ओडिशा का. बता दें कि जियोग्राफिकल इंडिकेशन एक तरह से इंटलेक्चुअल प्रॉपर्टी का फैसला करती है और ये बताती है कि कोई प्रोडक्ट्स किस इलाके, समुदाय या समाज का है.

साल 2015 से जियोग्राफिकल इंडिकेशन रजिस्ट्रेशन को लेकर ओडिशा और बंगाल के बीच विवाद कायम था. उस वक्त ओडिशा के एक मंत्री ने कहा था कि इस बात के सबूत हैं कि रसगुल्ला राज्य में पिछले 600 सालों से मौजूद है. वहीं इस मामले में बंगाल का दावा था कि 1868 में नबीन चंद्र दास नाम के शख्स ने पहली बार रसगुल्ला बनाया था, जो मिठाई बनाने के लिए खास तौर पर जाने जाते थे. 

यह भी पढ़ें - मिठाई की लड़ाई : ओडिशा ने रसगुल्ला के 600 साल पहले राज्य में होने का सबूत पाया

जबकि ओडिशा ने ऐतिहासिक रिसर्च के हवाले से दावा किया था रसगुल्ला पहली बार पुरी में बना और उसका पहला अवतार खीर मोहन था और उससे ही पहला रसगुल्ला विकसित हुआ.  मगर अब आए फ़ैसले ने ममता बनर्जी सरकार का मुंह मीठा कर दिया है. 

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