भारत को विकसित बनाने के लिए गांवों की पंचायती व्यवस्था को विकसित करना जरूरी- पीएम मोदी
रीवा:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश के रीवा में राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर आयोजित पंचायती राज सम्मेलन कार्यक्रम को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला. रीवा के एसएएफ ग्राउंड पर आयोजित कार्यक्रम में पीएम मोदी ने 17,000 करोड़ की लागत वाली परियोजनाओं की आधारशिला रखी...
- मध्यप्रदेश के रीवा में राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस कार्यक्रम में शामिल हुए पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 4 लाख 11 हजार लोगों का वर्चुअल गृह प्रवेश कराया.17 हजार करोड़ की परियोजनाओं की सौगात दी. इसमें जल जीवन मिशन की 7,853 करोड़ की लागत से तैयार 5 जल आपूर्ति से जुड़ी योजनाओं का शिलान्यास और 2300 करोड़ से अधिक की रेल परियोजनाओं का लोकार्पण, शिलान्यास शामिल है.
- विकसित भारत के लिए देश की हर पंचायत, हर संस्था, हर प्रतिनिधि, हर नागरिक को जुटना होगा. ये तभी संभव है, जब मूल सुविधा तेज़ी से शत-प्रतिशत लाभार्थी तक पहुंचे, बिना किसी भेदभाव के पहुंचे. पहले की सरकारें गांव के लिए पैसे खर्च करने से बचती थी, क्योंकि गांव अपने आप में कोई वोट बैंक तो था ही नहीं, इसलिए उन्हें नजरअंदाज किया जाता था. गांव के लोगों को बांटकर कई राजनीतिक दल अपनी दुकान चला रहे थे. भाजपा ने गांवों के साथ हो रहे इस अन्याय को भी समाप्त कर दिया है. हमारी सरकार ने गांवों के विकास के लिए तिजोरी खोल दी है.
- देश के गांवों को जब बैंकों की ताकत मिली है, तो खेती-किसानी से लेकर व्यापार कारोबार तक, सब में गांव के लोगों की मदद हो रही है. हमने जनधन योजना चलाकर गांव के 40 करोड़ से ज्यादा लोगों के बैंक खाते खुलवाए. हमने India Post Payments Bank के माध्यम से गांवों तक बैंकों की पहुंच बढ़ाई.
- आजादी के बाद जिस दल ने सबसे ज्यादा समय तक सरकार चलाई, उसने ही हमारे गांवों का भरोसा तोड़ दिया. गांव में रहने वाले लोग, गांव के स्कूल, गांव की सड़कें, गांव की बिजली, गांव में भंडारण, गांव की अर्थव्यवस्था... कांग्रेस सरकार के दौरान इन सबको सरकारी प्राथमिकताओं में सबसे निचले पायदान पर रखा गया.
- हमारे यहां गांव के घरों के प्रॉपर्टी के कागजों को लेकर बहुत उलझनें रही हैं. इसके चलते भांति-भांति के विवाद होते हैं, अवैध कब्ज़ों की आशंका होती है. 'पीएम स्वामित्व योजना' से अब ये सारी स्थितियां बदल रही हैं.
- डिजिटल क्रांति के इस दौर में अब पंचायतों को भी स्मार्ट बनाया जा रहा है. आज ई-ग्राम स्वराज-GeM इंटीग्रेटेड पोर्टल का शुभारंभ किया गया है. इससे पंचायतों के माध्यम से होने वाली खरीद की प्रक्रिया सरल और पारदर्शी बनेगी. 2014 के बाद से, देश ने अपनी पंचायतों के सशक्तिकरण का बीड़ा उठाया है और आज इसके परिणाम नजर आ रहे हैं. आज भारत की पंचायतें, गांवों के विकास की प्राणवायु बनकर उभर रही हैं.
- पंचायती राज सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि पंचायती राज संस्थाएं लोकतंत्र की भावना को बढ़ावा देने के साथ हमारे नागरिकों के विकास की आकांक्षाओं को पूरा करती हैं. इनकी महत्ता को समझना बेहद जरूरी था.
- साल 2014 से पहले के 10 वर्षों में केंद्र सरकार की मदद से 6,000 के आस पास ही पंचायत भवन बनवाए गए थे. पूरे देश में करीब-करीब 6,000 पंचायत घर ही बने थे. हमारी सरकार 8 वर्ष के अंदर-अंदर ही 30 हजार से ज्यादा नई पंचायतों का निर्माण करवा चुकी है. पहले की सरकार ने 70 से भी कम ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ा. ये हमारी सरकार है, जो देश की 2 लाख से भी ज्यादा पंचायतों तक ऑप्टिकल फाइबर ले गई है. फर्क साफ है- आजादी के बाद की सरकारों ने भारत की पंचायती राज व्यवस्था को ध्वस्त किया. जो व्यवस्था सैकड़ों वर्ष, हजारों वर्ष पहले से थी, उसी पंचायती राज व्यवस्था पर आजादी के बाद भरोसा ही नहीं किया गया.
- आजादी के इस अमृतकाल में हम सभी देशवासियों ने विकसित भारत का सपना देखा है और उसे पूरा करने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं. भारत को विकसित बनाने के लिए भारत के गांवों की आर्थिक व्यवस्था को विकसित करना जरूरी है. भारत को विकसित बनाने के लिए भारत के गांवों की पंचायती व्यवस्था को भी विकसित करना जरूरी है. इसी सोच के साथ हमारी सरकार देश की पंचायत व्यवस्था को मजबूत करने के लिए लगातार काम कर रही है.
- हम सभी जनता के प्रतिनिधि हैं. हम सभी इस देश के लिए, इस लोकतंत्र के लिए समर्पित हैं. हमारे काम के दायरे भले ही अलग हों, लेकिन लक्ष्य एक ही है- जनसेवा से राष्ट्रसेवा. इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हमाारी सरकार लगातार तेजी से काम कर रही है.