दादर ईस्ट में 80 साल पुराने हनुमान मंदिर को रेलवे ने एक हफ़्ते के अंदर जमीन खाली करने का नोटिस दिया है, जिससे विवाद गहरा गया है. उद्धव ठाकरे ने बीजेपी पर तीखा हमला बोलते हुए उनके हिंदुत्व पर सवाल उठाए हैं. वहीं, बीजेपी ने आश्वासन दिया है कि भक्तों की भावनाओं का सम्मान किया जाएगा और समस्या का समाधान निकाला जाएगा.
दादर ईस्ट का यह 80 साल पुराना हनुमान मंदिर, जो बरसों से श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र रहा है, अब विवादों में आ गया है. रेलवे ने इसे खाली करने का नोटिस जारी किया, जिस पर विपक्ष ने बीजेपी पर निशाना साधा है.
शिवसेना UBT के नेता उद्धव ठाकरे ने कहा कि इस तरह मंदिर को तोड़ना कौन सा हिंदुत्व है? बीजेपी का यह कौन सा हिंदुत्व मॉडल है? 80 साल पुराने मंदिर को अब क्यों याद किया जा रहा है?.
उद्धव ठाकरे के आरोपों का जवाब देते हुए पर बीजेपी ने कहा है कि भक्तों की भावनाओं का ध्यान रखते हुए मंदिर के मुद्दे पर उचित कार्रवाई की जाएगी. बीजेपी विधायक कालिदास कोलंबकर ने कहा कि यह मामला अभी हमारे संज्ञान में आया है. हम रेलवे अधिकारियों से बात करेंगे और सही फैसला लिया जाएगा. विपक्ष जब मुद्दाविहीन हो जाता है, तो इस तरह के बयान देने लगता है.
80 साल पुराना यह मंदिर लोगों की आस्था से जुड़ा है. मंदिर तोड़ने के फैसले से भक्त नाराज हैं और इसे रोकने की मांग कर रहे हैं. लोगों ने कहा कि अगर मंदिर हटाया जा रहा है, तो वक्फ बोर्ड की जमीन पर भी कार्रवाई होनी चाहिए. हम सालों से यहां दर्शन करने आते हैं. रेलवे को हमारी आस्था का सम्मान करना चाहिए. अब जाकर इन्हें मंदिर याद आ रहा है? हम मंदिर तोड़ने की इजाजत नहीं देंगे.
मंदिर के ट्रस्टी का कहना है कि सभी की यही इच्छा है कि मंदिर को बचाया जाए और इस मामले पर सियासत नहीं होनी चाहिए. ट्रस्टी प्रकाश खारकनिस ने कहा कि यह मंदिर बहुत पुराना है. लोग इसे टूटने नहीं देना चाहते. लेकिन आगे क्या होगा, यह कहना मुश्किल है. जो लोग केंद्र में हिंदुत्व का प्रचार कर रहे हैं, उनके राज में यह नहीं होना चाहिए. यहां रोजाना सैकड़ों भक्त दर्शन के लिए आते हैं. लेकिन रेलवे क्यों ऐसा कर रही है, यह समझ नहीं आता.
दादर ईस्ट का 80 साल पुराना हनुमान मंदिर अब राजनीतिक चर्चा का केंद्र बन गया है. जहां उद्धव ठाकरे ने इसे लेकर बीजेपी पर हमला बोला है, वहीं, बीजेपी ने भक्तों को आश्वस्त किया है कि उनकी भावनाओं का सम्मान होगा. देखना यह है कि रेलवे इस नोटिस पर क्या रुख अपनाती है और भक्तों की आस्था से जुड़े इस मंदिर का भविष्य क्या होता है.
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