- कांग्रेस ने मनरेगा योजना को बचाने के लिए पांच जनवरी से मनरेगा बचाओ अभियान शुरू करने का ऐलान किया है.
- मोदी सरकार ने विकसित भारत-जी राम जी योजना के माध्यम से ग्रामीण रोजगार और मजदूर अधिकारों को और मजबूत किया है.
- नए कानून में ग्रामीण परिवारों को 125 दिनों की रोजगार गारंटी और बेरोजगारी भत्ते का प्रावधान किया गया है.
दुनिया की सबसे बड़ी रोज़गार गारंटी योजना मनरेगा की जगह नए "विकसित भारत -जी राम जी" कानून पर राजनीति गर्माती जा रही है. शनिवार को कांग्रेस वर्किंग कमिटी ने "मनरेगा बचाओ अभियान" लॉन्च करने का ऐलान कर दिया. CWC की बैठक के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, "हमने यह शपथ ली कि मनरेगा योजना को प्रमुख बिंदु बनाकर देश में एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा. हम शपथ लेते हैं कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी अग्रणी भूमिका लेते हुए 5 जनवरी से 'मनरेगा बचाओ अभियान' शुरू करेगी. हम महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) की हर हाल में रक्षा करेंगे".
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कांग्रेस पर मोदी सरकार का पलटवार
अब मोदी सरकार ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा है कि ग्रामीण रोजगार, ग्राम पंचायत के अधिकार और मजदूरों की सुरक्षा को लेकर कांग्रेस सहित विपक्ष द्वारा फैलाया जा रहा भ्रम पूरी तरह तथ्यों से परे और भ्रामक है.
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक बयान में कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में सरकार ने विकसित भारत- जी राम जी योजना के माध्यम से ग्रामीण भारत और मजदूरों के अधिकारों को पहले से अधिक मजबूत किया है, न कि कमजोर. कांग्रेस के राज में तो मनरेगा योजना भ्रष्टाचार के दलदल में फंसी थी और अब हम पूरी पारदर्शिता के साथ विकसित भारत- जी राम जी योजना लाए हैं, जिससे देशभर के मजदूरों को वास्तविक लाभ मिलेगा".
मनरेगा को लेकर शिवराज का कांग्रेस पर आरोप
शिवराज सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस का शोर सिर्फ राजनीतिक है. कांग्रेस ने चुनावी फ़ायदे के लिए मनरेगा के साथ महात्मा गांधी का नाम जोड़ा था. कांग्रेस की नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने समय-समय पर मनरेगा का बजट कम किया, अब कांग्रेसी घड़ियाली आंसू बहा रही है.
"विकसित भारत - जी राम जी" कानून का हवाला देते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मोदी सरकार ने मांग-आधारित रोजगार को कम नहीं, बल्कि और मजबूत किया है. नए रोज़गार गारंटी कानून के ज़रिये ग्रामीण परिवारों को 100 दिनों की जगह 125 दिनों की वैधानिक रोजगार-गारंटी दी जा रही है. यदि तय समय में काम नहीं मिलता, तो नए कानून में अनिवार्य रूप से बेरोज़गारी भत्ता के भुगतान का प्रावधान किया गया है. साथ ही, काम मिलने के बाद अगर समय पर मजदूरी का भुगतान नहीं होता, तो विलंबित मजदूरी भुगतान यानी देरी पर अतिरिक्त भुगतान की व्यवस्था भी नए कानून में की गई है.
गांव की जरूरतों के आधार पर कार्यों की पहचान होगी
ग्राम पंचायत और ग्राम सभा के अधिकार को कमज़ोर करने के कांग्रेस नेताओं के आरोपों पर केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने कहा, "यह कहना कि ग्राम सभा और ग्राम पंचायत के अधिकार कमजोर किए जा रहे हैं, पूरी तरह निराधार है. वीबी-जी राम जी अधिनियम में ग्राम सभा, ग्राम पंचायत और स्थानीय समुदाय की भूमिका को योजना, अनुमोदन, निगरानी और सामाजिक अंकेक्षण में और मजबूत किया गया है. ग्राम सभा में लोगों और गांव की जरूरतों के आधार पर कार्यों की पहचान और प्राथमिकता तय होगी, जबकि कार्यों के गुणवत्तापूर्ण क्रियान्वयन और प्रगति की नियमित निगरानी भी स्थानीय स्तर पर होगी.
खर्च, भुगतान और कार्य-गुणवत्ता की सोशल ऑडिट के माध्यम से सार्वजनिक समीक्षा ग्राम सभा में अनिवार्य की गई है, ताकि पूर्ण पारदर्शिता और सामाजिक जवाबदेही सुनिश्चित हो सके". गांधीजी के नाम और विचार हटाने के विपक्ष के आरोपों को शिवराज सिंह चौहान ने राजनीतिक और निराधार बताया. ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा, "वीबी-जी राम जी अधिनियम" गांधीजी के उन सिद्धांतों पर ही आधारित है, जिन्हें उन्होंने भारत के ग्रामीण भविष्य के लिए बताया था- ग्राम आधारित विकास, ग्राम स्वराज, आत्मनिर्भरता, श्रम का सम्मान और जनभागीदारी के साथ सामाजिक जवाबदेही.
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