- मल्लिकार्जुन खरगे ने सीडब्ल्यूसी की बैठक में बांग्लादेश मामले पर पार्टी नेताओं को सावधानी बरतने की सलाह दी.
- खरगे ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की तुलना भारत की घटनाओं से करना गलत बताया.
- उन्होंने बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों की कड़ी निंदा की और पूरे देश की चिंता जताई.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सीडब्ल्यूसी की बैठक में बांग्लादेश को लेकर बयानबाजी करने वाले पार्टी नेताओं को सावधानी बरतने की नसीहत दी. सूत्रों के मुताबिक, खरगे ने कहा कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ़ हो रही हिंसा की तुलना भारत की घटनाओं से करना गलत है. दरअसल कांग्रेस के कुछ नेताओं ने पहले ऐसे बयान दिए थे जिसमें वो बांग्लादेश की तुलना भारत से कर रहे थे.
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खरगे ने की हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा की निंदा
सीडब्ल्यूसी की बैठक में खरगे ने बांग्लादेश में हिंदुओं के ख़िलाफ हो रही हिंसा की निंदा भी की. खरगे ने कहा कि हाल के महीनों में बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हुए हमलों ने पूरे देश को चिंतित किया है, हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं. मल्लिकार्जुन खरगे ने सीडब्ल्यूसी की बैठक को संबोधित करते हुए बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमलों की निंदा की और कहा कि इससे पूरा भारत चिंतित है.
CWC बैठक में और भी कई मुद्दों पर हुई चर्चा
बता दें कि मल्लिकार्जुन खरगे ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के स्थान पर ‘विकसित भारत-जी राम जी अधिनियम' बनाए जाने को लेकर शनिवार को नरेन्द्र मोदी सरकार पर ‘गरीबों की पीठ में छुरा घोंपने' का आरोप लगाया और कहा कि इस विषय पर राष्ट्रव्यापी जनांदोलन खड़ा करना होगा. इसके अलावा और भी कई अन्य मुद्दों पर बैठक में चर्चा की गई.
कांग्रेस नेताओं को खरगे की नसीहत
बता दें कि बांग्लादेश के हालात इन दिनों बिल्कुल भी ठीक नहीं हैं. वहां पर हिंदुओं पर अत्याचार किए जा रहे हैं. पहले दीपू दास और फिर अमृत तो मौत के घाट उतार दिया गया. जिसके बाद से वहां रह रहे हिंदुओं को सुरक्षा की चिंता सता रही है. इस बीच भारत में भी इस मुद्दे पर राजनीति गरम है. ये मुद्दा काफी संवेदनशील है, शायद इसी वजह से कांग्रेस अध्यक्ष ने अपने नेताओं को इस मुद्दे पर बयानबाजी को लेकर संभलने की नसीहत दी है.
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