चुनाव आयोग शनिवार को महत्वपूर्ण बैठक करने वाला है, जिसमें यह फैसला लिया जाएगा कि क्या पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के दौरान चुनावी रैलियों पर पाबंदी को आगे बढ़ाया जाना है या नहीं. कोविड-19 के मामलों की समीक्षा के साथ चुनाव आयोग ये निर्णय करेगा. इस समीक्षा बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव और राज्यों के अधिकारी भी शामिल होंगे. चुनाव आयोग ने 8 जनवरी को जब उत्तर प्रदेश, गोवा, मणिपुर, उत्तरांखड और पंजाब में विधानसभा चुनावों का ऐलान किया था, तब उसने एक हफ्ते के लिए रैलियों और जनसभाओं पर पाबंदी लगाई थी. कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए यह फैसला किया गया था. इस समयसीमा को 15 जनवरी को फिर बढ़ाया गया था. यह अवधि भी 22 जनवरी को खत्म हो रही है. यह जानता दिलचस्प होगा कि चुनाव आयोग कल चुनावी रैलियों पर प्रतिबंध के मामले में क्या फैसला लेता है.
गौरतलब है कि कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते चुनाव वाले राज्यों में रैलियों पर प्रतिबंध के चलते सियासी पार्टियां प्रचार की नई तैयारी में जुटी हैं. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कोविड-19 संबंधी दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखते हुए प्रचार जो नई रणनीति बनाई है, उसके तहत पार्टी छोटी-छोटी प्रत्यक्ष रैलियां करेगी और सोशल मीडिया के विभिन्न मंचों पर उनका लाइव प्रसारण किया जाएगा.
भाजपा सूत्रों के अनुसार, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने प्रचार अभियान की रणनीति को लेकर पार्टी के कई पदाधिकारियों और नेताओं से चर्चा की और यह तय किया गया कि सभी रैलियां डिजिटल होंगी, जिसमें पार्टी के शीर्ष पदाधिकारी छोटी जनसभाओं को प्रत्यक्ष संबोधित करेंगे और इनका सोशल मीडिया के विभिन्न माध्यमों से प्रसारण किया जाएगा. देश के पांच राज्यों, यूपी, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में फरवरी-मार्च माह में विधानसभा चुनाव होंगे. आबादी के लिहाज से देश के सबसे बड़े राज्य यूपी में सात चरणों में मतदान होगा. चुनाव परिणाम 10 मार्च को घोषित होंगे.
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