कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने आज कहा कि आम आदमी पार्टी (AAM Aadmi Party) ने हाल ही में संपन्न गुजरात विधानसभा चुनावों (Gujarat Assembly Elections 2022) में सबसे पुरानी पार्टी के खराब प्रदर्शन में बड़ी भूमिका निभाई है. साथ ही उन्होंने दावा किया कि अगर AAP नहीं होती तो कांग्रेस सत्तारूढ़ भाजपा को हरा देती. उन्होंने अपनी पार्टी के इस दावे को दोहराया कि अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी भाजपा की "बी टीम" है और उसने कांग्रेस को नुकसान पहुंचाने के लिए सांठगांठ की है. हालांकि AAP ने इन आरोपों को खारिज करते हुए जोर देकर कहा कि यह कांग्रेस है जिसने गुजरात में उसके प्रवेश को रोकने के लिए बीजेपी का पक्ष लिया.
राहुल गांधी ने भाजपा पर फिर से "भारत को विभाजित करने" और घृणा फैलाने का आरोप लगाते हुए हमला किया. उन्होंने कहा, "बीजेपी इस बारे में बहुत स्पष्ट है कि वे कौन हैं, उन्होंने भारत को विभाजित किया है. वे नफरत फैलाते हैं और वे इस बारे में बहुत स्पष्ट हैं कि वे कौन हैं. जिस दिन कांग्रेस समझ जाएगी कि वह क्या नहीं है, वह हर चुनाव जीत जाएगी." क्षेत्रीय दलों के बारे में उन्होंने कहा कि भाजपा को हराने के लिए उनके पास "दृष्टिकोण नहीं है".
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी कुछ दिनों पहले NDTV को बताया था कि AAP ने कांग्रेस की हार में "बड़ी भूमिका" निभाई. गुजरात में सबसे पुरानी पार्टी के चुनाव प्रभारी रहे गहलोत ने आरोप लगाया था कि AAP जहां भी जाती है झूठ बोलती है, उन्होंने कहा कि AAP के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने "बहुत नुकसान किया है".
अशोक गहलोत ने भी कांग्रेस के निराशाजनक प्रदर्शन के कारणों में से एक के रूप में फंडिंग का हवाला दिया. उन्होंने कहा था, "चुनावी बॉन्ड एक बड़ा घोटाला है. बीजेपी को इसके जरिए एकतरफा फंडिंग मिलती है, क्योंकि कांग्रेस को चंदा देने वालों को डराया जाता है."
गुजरात में ऐतिहासिक जीत के साथ बीजेपी ने अपने मुख्य प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस को हरा दिया है. कांग्रेस के नई विधानसभा में विपक्ष के नेता का पद खोने की भी संभावना है.
AAP ने दावा किया था कि वह भाजपा की मुख्य प्रतिद्वंद्वी है और सरकार बनाएगी. उसने पांच सीटें जीती लेकिन अपनी बुलंद महत्वाकांक्षाओं से काफी पीछे रह गई. इसके तुरंत बाद उनके विधायकों के भाजपा के संपर्क में होने की खबरें थीं, हालांकि अभी तक कोई भी दूसरे पाले में नहीं गया है.
बीजेपी ने कुल 182 सीटों में से 156 सीटें जीतीं हैं. गुजरात के चुनावी इतिहास में यह किसी भी राजनीतिक दल के लिए सबसे ज्यादा सीटों की संख्या हैं. इसने 1985 के चुनावों में कांग्रेस के 149 सीटों के 37 साल पुराने रिकॉर्ड को तोड़ दिया. अब तक 2002 के चुनावों में भाजपा की सर्वाधिक सीटों की संख्या 127 थी.
महज 17 सीटों के साथ कांग्रेस को 2017 की 77 सीटों की तुलना में भारी नुकसान हुआ है. यह गुजरात में कांग्रेस की सबसे कम सीटों की संख्या है. उसका पिछला निचला स्तर 1990 के चुनावों में 33 सीटों का था.
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