छत्तीसगढ़ में एनडीटीवी की खबर का बड़ा असर हुआ है. एनडीटीवी की जांच रिपोर्ट के बाद, छत्तीसगढ़ के बीजापुर में गंगालूर से नेलेशनार मार्ग पर खराब गुणवत्ता वाले सड़क निर्माण में कथित संलिप्तता के लिए लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के दो अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.
बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार से घिरी 52.40 किलोमीटर लंबी सड़क परियोजना अब क्षेत्र में पीडब्ल्यूडी की कार्यप्रणाली की व्यापक जांच का सामना कर रही है.
एफआईआर में तत्कालीन कार्यकारी अभियंता बीएल ध्रुव, उपमंडल अधिकारी आरके सिन्हा, उप अभियंता जीएस कोडोपी और अन्य अज्ञात अधिकारियों के नाम हैं, जिन तीन अधिकारियों को निलंबित किया गया है, उनके खिलाफ कार्रवाई भी की गई है.
इसके अतिरिक्त, सरकार ने पुलिस को भ्रष्टाचार में शामिल होने के संदेह में सेवानिवृत्त पीडब्ल्यूडी अधिकारियों की जांच करने का भी निर्देश दिया है.
एनडीटीवी की रिपोर्ट 'सड़क निर्माण परियोजना में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार' में खराब गुणवत्ता वाली सामग्री और गलत तरीके से लिए गए पैसे के सबूत के साथ खुलासा किया गया था. इसके तुरंत बाद सरकार ने जांच के आदेश दिए थे.
हालांकि, इसके बाद अनियमितताओं को उजागर करने से जुड़े एनडीटीवी के रिपोर्ट में योगदान देने वाले पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या कर दी गई. पत्रकार साथी मुकेश चंद्राकर हत्याकांड का आरोपी और ठेकेदार सुरेश चंद्राकर का टेंडर पहले ही निरस्त किया जा चुका है.
एनडीटीवी की पड़ताल में पता चला कि जिस सड़क को बदलते बस्तर का प्रतीक माना जा रहा था, उस सड़क पर महज एक किलोमीटर में 35 से ज्यादा गड्ढे हैं.
स्थानीय अधिकारियों ने घटिया निर्माण की बात स्वीकार की.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं