एनसीपी विधायक रमेश कदम (फाइल फोटो)
मुंबई:
धन शोधन विरोधी विशेष अदालत ने सरकारी निगम में कथित तौर पर 300 करोड़ रुपये के गबन के मामले में महाराष्ट्र के विधायक रमेश कदम और अन्य लोगों की लगभग 50 करोड़ रुपये की संपत्ति की कुर्की के आदेश दिए हैं. मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने की है.
इस मामले में एजेंसी ने राज्य की सीआईडी द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी के आधार पर कदम और अन्य लोगों के खिलाफ सितंबर, 2015 में धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत आपराधिक मामला दर्ज किया था और फिर मार्च में इस बाबत अस्थायी आदेश जारी किया.
शोलापुर की मोहोल सीट से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के विधायक कदम अगस्त 2012 से दिसंबर 2014 तक लोकशाहिर अन्नाभाउ साठे विकास निगम के अध्यक्ष थे. इसी दौरान ईडी ने उनके और निगम के अन्य अधिकारियों के खिलाफ गबन के मामले की जांच शुरू की थी.
एजेंसी का कहना है कि जब्त संपत्तियों का मूल्य हालांकि 50 करोड़ रुपये है लेकिन उनकी वास्तविक कीमत 120 करोड़ रुपये से भी अधिक है. राज्य सीआईडी ने मामले की जांच के दौरान कदम को पिछले साल अगस्त माह में पुणे से गिरफ्तार किया था.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
इस मामले में एजेंसी ने राज्य की सीआईडी द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी के आधार पर कदम और अन्य लोगों के खिलाफ सितंबर, 2015 में धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत आपराधिक मामला दर्ज किया था और फिर मार्च में इस बाबत अस्थायी आदेश जारी किया.
शोलापुर की मोहोल सीट से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के विधायक कदम अगस्त 2012 से दिसंबर 2014 तक लोकशाहिर अन्नाभाउ साठे विकास निगम के अध्यक्ष थे. इसी दौरान ईडी ने उनके और निगम के अन्य अधिकारियों के खिलाफ गबन के मामले की जांच शुरू की थी.
एजेंसी का कहना है कि जब्त संपत्तियों का मूल्य हालांकि 50 करोड़ रुपये है लेकिन उनकी वास्तविक कीमत 120 करोड़ रुपये से भी अधिक है. राज्य सीआईडी ने मामले की जांच के दौरान कदम को पिछले साल अगस्त माह में पुणे से गिरफ्तार किया था.
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