Floods in Pakistan: पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में बाढ़ कहर बनकर सामने आई है. पाकिस्तान में विनाशकारी बाढ़ के कारण अब तक एक हजार से अधिक लोगों की जान जा चुकी है, संपत्ति का भी काफी नुकसान हुआ है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi)ने पड़ोसी मुल्क में बाढ़ के कारण हुई तबाही पर अफसोस जताया है और इस प्राकृतिक आपदा से प्रभावित लोगों और उनके परिजनों के प्रति संवेदना जताई है. पीएम मोदी ने ट्वीट में लिखा, "पाकिस्तान में बाढ़ की तबाही को देखकर अफसोस हुआ. हम पीड़ितों, घायलों और इस प्राकृतिक आपदा से प्रभावित सभी लोगों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं और वहां शीघ्र ही सामान्य स्थिति की बहाली की कामना करते हैं."
Saddened to see the devastation caused by the floods in Pakistan. We extend our heartfelt condolences to the families of the victims, the injured and all those affected by this natural calamity and hope for an early restoration of normalcy.
— Narendra Modi (@narendramodi) August 29, 2022
बता दें, पाकिस्तान में बाढ़ के कारण मरने वालों की संख्या सोमवार को 1,061 तक पहुंच गई, वहीं आर्थिक संकट से जूझ रही प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ सरकार की अपील के बाद अंतरराष्ट्रीय सहायता पहुंचने लगी है. बाढ़ की विभीषिका का अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि 3.3 करोड़ लोगों को यानी देश की कुल आबादी के करीब सातवें हिस्सा को विस्थापित होना पड़ा है. पाकिस्तानी जलवायु परिवर्तन मंत्री शेरी रहमान ने इसे 'दशक का सबसे भयावह मानसून' कहा, वहीं वित्त मंत्री मिफ्ता इस्माइल ने कहा कि बाढ़ के कारण पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को 10 अरब अमेरिकी डॉलर तक का नुकसान हुआ है.
प्राकृतिक आपदाओं से निपटने वाले मुख्य राष्ट्रीय संगठन राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा सोमवार को जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, बाढ़ के कारण कम से कम 1,061 लोग मारे गए हैं जबकि 1,575 लोग घायल हुए हैं. प्राधिकरण ने कहा कि करीब 9,92,871 घर पूरी तरह या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं जिससे लाखों लोग भोजन व स्वच्छ पेयजल आदि से वंचित हो गए हैं. इसके साथ ही करीब 7.19 लाख पशु भी मारे गए हैं और लाखों एकड़ उपजाऊ भूमि लगातार बारिश से जलमग्न हैं. एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारियों ने कहा कि मृतकों की संख्या काफी अधिक हो सकती है क्योंकि खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में हजारों गांव देश के बाकी हिस्सों से कटे हुए हैं और नदियों के उफनने से सड़कें और पुल तबाह हो गए हैं. जियो टीवी की एक खबर के अनुसार, पाकिस्तान के ऊर्जा मंत्रालय ने कहा कि सिंध और बलूचिस्तान प्रांतों में बिजली की बहाली सर्वोच्च प्राथमिकता है. इस भीषण आपदा का सामना करने में मुश्किलों से जूझ रहे पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय मदद मांगी है और कई देशों ने एकजुटता संदेशों के साथ मानवीय सहायता भेजी है. बीबीसी ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शरीफ के एक करीब सहयोगी का हवाला देते हुए कहा कि देश को अंतरराष्ट्रीय मदद की काफी दरकार है. अधिकारियों ने कहा कि अमेरिका, ब्रिटेन, संयुक्त अरब अमीरात और अन्य ने आपदा अपील को देखते हुए मदद की है, लेकिन और अधिक धन की आवश्यकता है. (भाषा से भी इनपुट)
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