विज्ञापन

दांत जीभ काट दें , तो हम दांत तोड़ नहीं देते... संघ के 100 साल पर PM मोदी के संबोधन की 10 बड़ी बातें

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि आजादी के बाद संघ को कुचलने का प्रयास हुआ. मुख्य धारा में न आने-देने के षडयंत्र हुए. गुरुजी को झूठे केस में फंसाया गया.

दांत जीभ काट दें , तो हम दांत तोड़ नहीं देते... संघ के 100 साल पर PM मोदी के संबोधन की 10 बड़ी बातें
RSS के शताब्दी समारोह में पीएम मोदी का संबोधन
  • PM मोदी ने RSS के शताब्दी समारोह में उसके राष्ट्र और व्यक्ति निर्माण के योगदान को याद किया
  • पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि संघ ने समाज सेवा क्षेत्रों में कार्य करके व्यापक सामाजिक प्रभाव डाला है
  • पीएम मोदी ने कहा कि संघ के खिलाफ कई षड्यंत्र हुए लेकिन गुरुजी ने जेल से निकलकर भी कटुता न दिखाने की बात कही.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
नई दिल्ली:

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के 100 साल पूरा होने के मौके पर दिल्ली में एक खास कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस खास मौके पर पीएम मोदी ने अपने संबोधन में RSS के योगदान को याद किया. पीएम मोदी ने कहा कि संघ राष्ट्रचेतना का पुण्य अवतार है. संघ की धारा में सैकड़ों जीवन पुष्पित हुए हैं. संघ ने इस देश के हर क्षेत्र समाज के हर आयाम को स्पर्श किया है. पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान RSS के राष्ट्र के प्रति किए गए योगदान को भी याद किया. चलिए आपको बताते हैं कि RSS के योगदान को लेकर पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कौन सी 10 प्रमुख बातें कही हैं. 

संघ की राष्ट्रभक्ति

पीएम मोदी ने कहा कि संघ में कभी कोई विरोधाभास नहीं हुआ क्योंकि हर धारा का भाव और उद्देश्य एक ही राष्ट्र प्रथम. अपने गठन के बाद से ही राष्टीय स्वयंसेवक संघ विराट उद्देश्य लेकर चला, ये उद्देश्य रहा राष्ट्र निर्माण, संघ ने जो रास्ता चुना वो था व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण, वो कार्यपद्धति चुनी वो थी नित्य चलने वाली शाखा.

संघ की समाजसेवा

संघ को मुख्य धारा में आने से रोकने का अनगिनत प्रयास हुए, गुरुजी को झूठे केस में फंसाया गया उन्हें जेल तक भेज दिया लेकिन जब पूज्य गुरुजी बाहर आए, उन्होंने सहज रूप से कहा, कभी-कभी जीभ दांतों के नीचे आकर दब जाती है, कुचल भी जाती है लेकिन हम दांत नहीं तोड़ देते. क्योंकि दांत भी हमारे हैं और जीभ भी हमारी है.

संघ के बलिदान

पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के बाद हैदराबाद में निजाम के अत्याचारों के खिलाफ आंदोलन से लेकर गोवा के स्वतंत्रता आंदोलन तक संघ ने राष्ट्रप्रथम के भाव के साथ कई बलिदान दिए.अपनी 100 वर्ष की इस यात्रा में संघ का एक बड़ा काम रहा है कि संघ उन क्षेत्रों में भी कार्य करता रहा है जो दुर्गम हैं, जहां पहुंचना मुश्किल है, हमारे देश में 10 करोड़ आदिवासी भाई-बहन हैं लेकिन संघ ने उनकी संस्कृति, पर्व, उत्सव और उनकी भाषा को प्राथमिकता दी, एकल विद्यालय से लेकर कई कार्यक्रम संघ की सेवा है. 

संघ के खिलाफ साजिश

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि आजादी के बाद संघ को कुचलने का प्रयास हुआ. मुख्य धारा में न आने-देने के षडयंत्र हुए. गुरुजी को झूठे केस में फंसाया गया. गुरुजी ने जेल से बाहर आकर कहा था कि कभी-कभी जीभ दांतों के नीचे आकर दब जाती है, कुचल जाती है, लेकिन हम दांत नहीं तोड़ देते. क्योंकि दांत भी हमारे हैं और जीभ भी हमारी है. आप कल्पना कर सकते हैं कि जिन्हें जेल में इतने यातनाएं दी गईं, उसके बाद भी गुरुजी के मन में कोई रोष और दुर्भावना नहीं थी.

इस वजह से खास है डाक टिकट और स्मृति सिक्के

पीएम मोदी ने कहा कि भारत सरकार ने विशेष डाक टिकट और स्मृति सिक्के जारी किए हैं. 100 रुपये के सिक्के पर एक ओर राष्ट्रीय चिह्न है और दूसरी ओर सिंह के साथ वरद् मुद्रा में भारत माता की भव्य छवि और समर्पण भाव से उसे नमन करते स्वयंसेवक दिखाई देते हैं. पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि संघ दशकों से आदिवासी परंपरा, रीति-रिवाजों को सहेजने संभालने में अपना सहयोग देता रहा, उसकी तपस्या ने देश की सांस्कृतिक पहचान को सहेजने में बड़ी कोशिश की है.स्मृति डाक टिकट की भी अपनी महत्ता है. हम सभी जानते हैं 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के परेड की कितनी अहमियत होती है. 1963 में आरएसएस के स्वयंसेवक भी 26 जनवरी की उस राष्ट्रीय परेड में शामिल हुए थे. 

संघ ने हमेशा ही राष्ट्रभक्ति की धुन पर कदमताल किया

पीएम मोदी ने कहा कि संघ ने हमेशा से ही आन बान शान से राष्ट्रभक्ति की धुन पर कदमताल किया है. इस टिकट में उसी ऐतिहासिक क्षण की स्मृति है.संघ के स्वयंसेवक जो अनवरत देश की सेवा में जुटे हैं, समाज को सशक्त कर रहे हैं, इसकी भी झलक डाक टिकट में है.डेमोग्राफी में बदलाव के षडयंत्र एक पीएम होने के नाते मुझे ये बताने में बहुत संतोष है कि हमारी सरकार इन चुनौतियों से तेजी से निपट रही है, एक स्वयंसेवक के नेता कि आरएसएस ने न केवल इन चुनौतियों की पहचान की है बल्कि इन चुनौतियों से निपटने के लिए ठोस रोडमैप भी बनाया है.

युद्धभूमि में संघ

1962 के युद्ध में संघ के स्वयंसेवकों ने दिन रात खड़े रहकर सेना की मदद की और उनकी हौसला बढ़ा. 1971 में लाखों शरणार्थियों की पीड़ितों को संघ ने संघ का सेवाभावः  एपीजे अब्दुल कलाम चित्रकूट गए. वहां उन्होंने नानजी देशमुख के काम को देखा. वह हैरान रह गए थे. उसी प्रकार प्रणव मुखर्जी भी जब नागपुर गए , तो वह भी संघ की सादगी और अनुशासन से बहुत प्रभावित हुए. आपदा में भी संघ के स्वयंसेवी सबसे पहले जाते हैं.

संघ को मुख्यधारा में आने से रोकने बहुत प्रसाय हुए

पीएम मोदी ने कहा कि संघ को मुख्य धारा में आने से रोकने का अनगिनत प्रयास हुए, गुरुजी को झूठे केस में फंसाया गया उन्हें जेल तक भेज दिया लेकिन जब पूज्य गुरुजी बाहर आए, उन्होंने सहज रूप से कहा कि कभी-कभी जीभ दांतों के नीचे आकर दब जाती है, कुचल भी जाती है लेकिन हम दांत नहीं तोड़ देते. क्योंकि दांत भी हमारे हैं और जीभ भी हमारी है.पीएम मोदी ने संघ पर प्रतिबंध लगने को लेकर भी अपनी बात कही.

प्रतिबंध लगाने का षडयंत्र भी किए गए

उन्होंने कहा कि चाहे संघ पर प्रतिबंध लगे चाहे षडयंत्र हुए संघ के स्वयंसेवकों ने कभी कटुता को स्थान नहीं दिया क्योंकि वो जानते हैं कि हम समाज से अलग नहीं है, समाज हम सबसे ही तो बना है, जो अच्छा है वो भी हमारा है, जो कम अच्छा है वो भी हमारा है, और दूसरी बात जिसने कभी कटुता को जन्म नहीं दिया वो है प्रत्येक स्वयंसेवक को लोकतंत्र और संवैधानिक संस्था में विश्वास, जब देश में आपातकाल थोपी गई तभी इस विश्वास ने स्वयंसेवकों को आगे बढ़ाया, समाज के अनेक थपेड़े झेलते हुए भी संघ आज तक विराट वट वृक्ष की तरह अडिग खड़ा है.

समाज में ऊंच-नीच की भावना हिंदू समाज की बड़ी चुनौती रही

पीएम मोदी ने समाज में ऊंच-नीच की भावना पर भी अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि ऊंच-नीच की भावना हिंदू समाज की बहुत बड़ी चुनौती रही, ये ऐसी गंभीर चिंता है जिसपर संघ बड़ा काम करता रहा है, एक बार महात्मा गांधी ने वर्धा में संघ के शिविर में गए थे वहां सम भाव की काफी तारीफ की थी. संघ ही हर महान विभूति हर सरसंघचालक ने भेदभाव के खिलाफ लड़ाई लड़ी है, न हिंदू पतितो भवेत. यानी हर हिंदी एक परिवार है, कोई भी हिंदू पतित नहीं हो सकता है.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com