कुछ महिला कार्यकर्ताओं ने असल जिंदगी में प्रेरणा देने वाली महिलाओं का सम्मान करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) द्वारा अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स उन्हें सौंपने के फैसले को शानदार पहल बताया, जबकि अन्य ने इसे देश के सामने पेश आ रहे मुद्दों से ध्यान भटकाने वाला कदम बताया. महिला दिवस के मौके पर मोदी ने कहा कि जिंदगी में खास मुकाम हासिल करने वाली 7 महिलाएं रविवार को उनके सोशल मीडिया अकाउंट्स से अपने जीवन के सफर को साझा करेंगी. ग्रुप ऑफ इंटेलेक्चुअल्स एंड एकेडमिशियंस की राष्ट्रीय संयोजक मोनिका अरोड़ा ने इस कदम को 'असल जिंदगी में प्रेरणा देनी वाली महिलाओं' को सम्मान करने वाला बताया, जो जमीन पर 'मानवता की सेवा' कर रही हैं.
मोनिका अरोड़ा ने कहा, 'महिलाओं का चयन शानदार है. सोशल मीडिया पर ऐसी लड़की को चुना गया जिसके महज 2000 फॉलोअर्स हैं लेकिन वह पांच साल से अधिक समय से फूड बैंक चला रही है और हजारों लोगों को खाना खिला रही है. इसलिए प्रधानमंत्री असल जिंदगी में प्रेरणा देने वाली महिलाओं को सम्मानित कर रहे हैं न कि केवल फिल्म पर्दे पर प्रेरणा देने वाली महिलाओं को.' उन्होंने कहा कि इन महिलाओं ने असल जिंदगी में कुछ कर दिखाया और जमीन पर मानवता की सेवा की.
उन्होंने आगे कहा, 'एक अन्य महिला बम विस्फोट पीड़िता है. वह वाकई में प्रेरित करने वाली हैं. वह दुनिया को बदलने वाली शख्स हैं. यह दिखाता है कि आप अपनी पूरी क्षमता से दुनिया को बदल रहे हैं, जिससे जाति या धर्म या लिंग की परवाह किए बिना सभी महिलाएं सशक्त होती हैं.' एनजीओ भारतीय श्रीशक्ति की सदस्य शिल्पा पुराणिक ने कहा कि सोशल मीडिया अलग-अलग तरह के लोगों को एक साथ लाता है, जो इसे जागरूकता फैलाने के लिए अच्छा मंच बनाता है और प्रधानमंत्री ने प्रेरणादायक महिलाओं को अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स सौंपकर ऐसा ही किया.
शिल्पा पुराणिक ने कहा, 'मैं पीएम के फैसले की सराहना करती हूं क्योंकि महिला सशक्तिकरण के बारे में सोशल मीडिया पर जागरूकता फैलाना महत्वपूर्ण है.' हालांकि, कुछ कार्यकर्ताओं ने इसे ध्यान आकर्षित करने वाला कदम बताया, जिससे वह देश के समक्ष पेश आ रहे मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाना चाहते हैं. मानवाधिकार कार्यकर्ता और भाकपा नेता एनी राजा ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री वाकई में महिला सशक्तिकरण को लेकर चिंतित हैं तो उन्हें यौन शोषण के बढ़ते मामलों के खिलाफ कदम उठाना चाहिए. उन्होंने कहा, 'उन्हें ऐलान करना चाहिए था कि महिला दिवस पर महिला आरक्षण विधेयक को पारित कर दिया गया. यह वास्तविक मुद्दों से ध्यान भटकाना है. उन्हें पता होना चाहिए कि महिलाएं मूर्ख नहीं हैं.'
महिला अधिकार कार्यकर्ता और एनजीओ 'एक्ट नाउ फॉर हार्मनी' की संस्थापक शबनम हाशमी ने इसे नाटक बताया और कहा कि उनकी सरकार में महिलाओं की हालत खराब हुई है. उन्होंने कहा, 'यह सब नया नाटक है. लाखों महिलाएं हैं जिनकी नौकरियां चली गईं. यह ध्यान आकर्षित करने वाला कदम है क्योंकि आप जवाब नहीं दे सकते कि देश में क्या हो रहा है. महिलाओं की हालत और खराब हो गई है.'
VIDEO: प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर कहा- सोचता हूं, छोड़ दूं सोशल मीडिया
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं