प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को महाराष्ट्र के धुले में रैली के बाद जैनाचार्य रत्नसुंदरसूरीश्वरजी महाराज साहेब से मुलाकात की. PM मोदी ने जैनाचार्य का आशीर्वाद लिया. उन्होंने इसकी तस्वीरें अपने सोशल मीडिया हैंडल से शेयर की हैं. PM मोदी ने लिखा, "धुले में जैनाचार्य रत्नसुंदरसूरीश्वरजी महाराज साहेब से मुलाकात हुई. समाज सेवा और आध्यात्म के प्रति उनका योगदान सराहनीय है. अद्भुत लेखन के लिए भी उनकी काफी तारीफ की जाती है."
In Dhule, met Jainacharya Ratnasundersurishwarji Maharaj Saheb. His contribution towards social service and spirituality is commendable. He is also admired for his prolific writing. pic.twitter.com/GaohGs96Ef
— Narendra Modi (@narendramodi) November 8, 2024
जैनाचार्य रत्नसुंदरसूरीश्वरजी महाराज आध्यात्मिकता और सामाजिक मुद्दों पर अपने व्याख्यानों के लिए जाने जाते हैं. उनका जन्म 5 जनवरी 1948 को हुआ था. वो गुजराती भाषा के लेखक भी हैं. उन्होंने कई विषयों पर करीब 450 किताबें लिखी हैं. इनमें से 300 किताबें तो गुजराती भाषा में लिखी गईं. इसके लिए 'गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड' में उनका नाम दर्ज हुआ है.
'लखी राखो अरस नी तकती' उनकी सबसे चर्चित किताब है. इस किताब का हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू, मराठी, फ्रेंच और जर्मन सहित 20 भाषाओं में अनुवाद भी किया गया है.
जैनाचार्य रत्नसुंदरसूरीश्वरजी महाराज को 2017 में अध्यात्म के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए भारत सरकार के तीसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था.
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