
विश्व लिवर दिवस के मौके पर पीएम मोदी ने शनिवार को देश के लोगों से स्वस्थ जीवन (World Liver Day) जीने के लिए खाने-पीने में काफी ध्यान रखने की अपील की. उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि विश्व यकृत दिवस पर ध्यान से खाएं. तेल का सेवन कम से कम करने जैसे छोटे-छोटे कदम जीवन में बहुत बड़ा बदलाव ला सकते हैं. उन्होंने देशवासियों से आह्वान किया कि आइए, सभी मिलकर मोटापे के बारे में जागरूकता बढ़ाकर एक स्वस्थ और तंदुरुस्त भारत का निर्माण करें.
Commendable effort to mark #WorldLiverDay with a call for mindful eating and healthier living. Small steps like reducing oil intake can make a big difference. Together, let's build a fitter, healthier India by raising awareness about obesity. #StopObesity https://t.co/CNnlonFHhW
— Narendra Modi (@narendramodi) April 19, 2025
पीएम मोदी ने ये बातें स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा के वर्ल्ड लिवर के को लेकर लिखे गए एक पोस्ट के जवाब में कहीं. जेपी नड्डा ने एक्स पर पोस्ट में लिखा था कि इस #WorldLiverDay पर, अपने खाने में तेल का इस्तेमाल करीब 10% तक कम करने और एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाने का संकल्प लें. जब हम खाने को दवा की तरह इस्तेमाल करते हैं तो छोटे-छोटे बदलाव बड़े नतीजे दे सकते हैं.
पीएम मोदी के आह्वान पर, आइए मोटापे और हमारे समाज पर इसके बढ़ते प्रभाव के बारे में जागरूकता बढ़ाने का संकल्प लें. हम सब मिलकर एक ऐसे भविष्य के लिए काम करें, जहां स्वस्थ जीवनशैली आम बात हो, जिसकी शुरुआत हम अपने खाने से करें.
This #WorldLiverDay, take a pledge to reduce your edible oil intake by at least 10% and embrace a healthier lifestyle. Small changes can lead to big results when we treat food as medicine.
— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) April 19, 2025
In response to Hon'ble PM Shri @narendramodi Ji's call, let's also pledge to raise… https://t.co/BPVnfDDmRX
बता दें कि लिवर स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता फैलाने के मकसद से हर साल 19 अप्रैल को 'विश्व लिवर दिवस' मनाया जाता है. शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों के लोगों में लिवर रोगों में वृद्धि के बीच, चिकित्सकों ने शुक्रवार को आहार की आदतों और यकृत स्वास्थ्य के बीच अहम संबंध पर जोर दिया. सभी चिकित्सा विशेषज्ञों ने 'भोजन औषधि है' का संदेश देते हुए कहा कि आज के स्वस्थ्य बदलाव से यकृत रोग का जोखिम 50 प्रतिशत तक कम हो सकता है.
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