
- पीएम 23 अगस्त को प्राकृतिक कृषि मिशन लॉन्च करेंगे, जिसका उद्देश्य केमिकल खाद रहित खेती को बढ़ावा देना है.
- केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्यों को खाद की कालाबाजारी रोकने के लिए सख्त निर्देश दिए हैं.
- मंत्रालय ने तय किया है कि खरीफ सीजन की तरह रबी फसल के लिए भी कृषि संकल्प अभियान चलाया जाएगा.
आने वाली पीढ़ियों के लिए धरती सुरक्षित रहे और अन्न पैदा करती रहे, इसके लिए जरूरी है कि उर्वरक, पेस्टिसाइड का इस्तेमाल संतुलित हो. केमिकल फर्टिलाइजर रहित खेती हो, प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जाए. इसी उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 23 अगस्त को "प्राकृतिक कृषि मिशन" लॉन्च करेंगे. केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण व ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ये जानकारी देते हुए बताया कि पीएम मोदी दिल्ली के पूसा से इस कार्यक्रम की शुरुआत करेंगे.
शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि प्राकृतिक कृषि मिशन के लिए ICAR संस्थान राज्यों के साथ मिलकर व्यापक तैयारी कर रहा है ताकि पर्यावरण और धरती बचाने के काम में भारत दुनिया को भी योगदान दे सके. चौहान ने गुरुवार को राज्यों के कृषि मंत्रियों और आला अफसरों के साथ वर्चुअल बैठक कर राज्यों में खाद, फर्टिलाइजर की समस्या, बाढ़ एवं सूखाग्रस्त क्षेत्रों के हालात, प्राकृतिक कृषि व अगले रबी सीजन के दौरान विकसित कृषि संकल्प अभियान की रूपरेखा पर चर्चा की.
कृषि मंत्रालय के मुताबिक, शिवराज सिंह ने राज्यों में खाद-उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता को लेकर स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए. साथ ही कहा कि कहीं पर भी खाद की कालाबाजारी की सूचना मिले तो सख्त कार्रवाई की जाए. बेईमानों को किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ा जाए. उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक तरीके से सत्यापित होने तक बायोस्टिमुलेंट (जैव उत्तेजक) बेचने की अनुमति बिल्कुल नहीं दी जाएगी.
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने सभी राज्यों के कृषि मंत्रियों से कहा कि सभी राज्य रबी के लिए खाद की जरूरत का आकलन अभी से कर लें और समय से भेज दें ताकि हम फर्टिलाइजर मिनिस्ट्री के साथ बैठक करके आवश्यक मात्रा में खाद की आपूर्ति के लिए कदम उठा सकें. सभी राज्य सुनिश्चित करें कि खाद का गैर कृषि कार्यों में दुरुपयोग न होने पाएं. खाद की कहीं कालाबाजारी हो रही हो तो सख्त कार्रवाई करें. नकली खाद, नकली पेस्टीसाइड कहीं भी नहीं बिकना चाहिए.
शिवराज सिंह ने मीडिया को बताया कि 2 अक्टूबर को दशहरा मनाकर हम 3 अक्टूबर से विजय पर्व के रूप में इस अभियान के लिए निकलेंगे. उद्देश्य है उत्पादन बढ़ाना और कृषि की समस्याओं पर विजय पाना. जो समस्याएं आएंगी, उनका वैज्ञानिक समाधान सुझाएंगे. ये अभियान 18 अक्टूबर को धनतेरस के दिन सुबह 11 बजे तक चलेगा. धनतेरस के दिन इसे पूरा करेंगे ताकि देश धन-धान्य से भर जाए, देश के अन्न भंडार भर जाएं.
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