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This Article is From Mar 07, 2023

"PM मोदी को मेरे न्याय के मंच से जुड़ना चाहिए": NDTV से खास बातचीत में बोले कपिल सिब्बल

कपिल सिब्बल ने कहा, 'इंसाफ (न्याय) का विरोध कौन कर सकता है? यहां तक ​​कि पीएम नरेंद्र मोदी भी इंसाफ का विरोध नहीं कर सकते. हमारे साथ जुड़ने और हो रहे अन्याय को दूर करने के लिए उनका स्वागत है."

कपिल सिब्बल ने कांग्रेस छोड़कर सपा ज्वॉइन किया था और अब सपा से राज्यसभा सांसद हैं.

नई दिल्ली:

पूर्व कांग्रेस नेता और जाने-माने एडवोकेट कपिल सिब्‍बल (Kapil Sibal) ने 'इंसाफ का सिपाही' (Insaaf ka Sipahi) नाम से नए प्लेटफॉर्म की शुरुआत की है. सिब्बल की इस वेबसाइट के जरिए मोटे तौर पर केंद्र सरकार के विरोध में समर्थन जुटाया जाएगा. इसके लिए कपिल सिब्बल ने गैर बीजेपी मुख्‍यमंत्रियों और नेताओं से सहयोग मांगा है. कांग्रेस के पूर्व नेता कपिल सिब्बल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को भी अपने नए मंच से जुड़ने का आग्रह किया है. NDTV से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि पीएम मोदी को भी मेरे न्याय के इस मंच से जुड़ना चाहिए. सिब्बल ने कहा कि वह "इंसाफ का सिपाही" को मिल रही प्रतिक्रिया का स्वागत करते हैं और इसे एक विपक्षी मंच बनने का समर्थन करेंगे.

बीजेपी को टक्‍कर देने के लिए अब सिब्‍बल ने मंच बनाया है. उनका दावा है कि बीजेपी नीत केंद्र सरकार के कार्यकाल में देश में मौजूद 'अन्याय' से लड़ने के लिए इसका गठन किया है. उन्होंने कहा है कि यह राष्ट्रीय स्तर का मंच होगा. इसमें वकील सबसे आगे होंगे. आरएसएस की शाखाएं भी हर इलाके में अपनी विचारधारा का प्रसार कर रही हैं. ये अन्याय को जन्म देती हैं. वे उस अन्याय से भी लड़ेंगे. 

पीएम भी इंसाफ का नहीं कर सकते विरोध
सिब्‍बल ने इसे लोगों का मंच बताया है. इन अटकलों को उन्‍होंने खारिज कर दिया है कि वह किसी राजनीतिक दल की शुरुआत कर रहे हैं. कपिल सिब्बल ने कहा, 'इंसाफ (न्याय) का विरोध कौन कर सकता है? यहां तक ​​कि पीएम नरेंद्र मोदी भी इंसाफ का विरोध नहीं कर सकते. हमारे साथ जुड़ने और हो रहे अन्याय को दूर करने के लिए उनका स्वागत है." 

तमाम दलों ने की है तारीफ
दो दिन पहले लॉन्च हुई कपिल सिब्बल की इस वेबसाइट की कांग्रेस, अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव, राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख तेजस्वी यादव और पूर्व एनडीए सहयोगी शिरोमणि अकाली दल ने प्रशंसा की है.

विपक्षी दलों को साथ लाना है मकसद
यह पूछे जाने पर कि क्या यह विपक्षी नेताओं के एक साथ आने का मंच हो सकता है? सिब्बल ने कहा- 'बिल्कुल. यही उद्देश्य है.' बता दें कि सिब्बल ने पिछले साल मई में बहुत कड़वाहट के बीच कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी. फिलहाल वह राज्यसभा सांसद हैं. उन्होंने कहा कि भले ही केवल विपक्षी दल आएं, मैं इसका समर्थन करूंगा.

राबड़ी देवी से पूछताछ करके क्या मिलेगा?
जमीन के बदले नौकरी के मामले में बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी देवी से सीबीआई की पूछताछ के सवाल पर सिब्बल ने कहा, "उन्हें क्या मिलेगा? आप लालू जी (लालू प्रसाद यादव) की हालत जानते हैं. वह ट्रांसप्लांट के मरीज हैं. वह भाषण भी नहीं दे सकते हैं और न ही कहीं जा सकते हैं. उनके घर पर छापेमारी हो रही है. आप जानते हैं कि आपको कुछ नहीं मिलेगा. अगर आप चार्जशीट दाखिल भी करते हैं, तो सुनवाई कब होगी?" उन्होंने कहा, 'यह स्पष्ट है कि बीजेपी ऐसा क्यों कर रही है. बिहार में गठबंधन है. बीजेपी दबाव बना रही है."

बीजेपी में जाने वाले खुश हैं
उन्होंने कहा, "जिस तरह से वे (सरकार) सीबीआई और ईडी को कुछ विशेष राज्यों में भेज रहे हैं ... हर कोई जानता है कि क्या चल रहा है ... उन्होंने आठ सरकारों को इस तरह गिरा दिया है. क्या दुनिया में कहीं और समानांतर है?" सिब्बल आगे बताते हैं, "दूसरी ओर जो लोग बीजेपी में शामिल हो जाते हैं, वो शांति से रहते हैं. वे खुश हैं... आप जानते हैं कि ऐसा असम में हुआ था और बंगाल में भी हुआ. हालांकि, मैं किसी का नाम नहीं लेना चाहता.".

ईडी-सीबीआई पर कसे तंज
कपिल सिब्बल ने कहा, 'ईडी सरकार की वेलेंटाइन बन गई है. और सीबीआई अस्थायी प्रेमिका है." यह पूछे जाने पर कि अस्थायी क्यों? उन्होंने कहा, "क्योंकि उन्हें राज्य की सहमति लेनी होती है. इसके बिना वे वहां नहीं जा सकते."

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