
- भारत और सिंगापुर ने कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए और सहयोग को मजबूत करने का संकल्प लिया.
- पीएम मोदी ने सिंगापुर को भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बताया और रक्षा संबंधों के विकास पर जोर दिया.
- दोनों देशों ने एडवांस मैन्यूफैक्चरिंग, सिविल न्यूक्लियर समेत कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने का निर्णय लिया है.
भारत-सिंगापुर के बीच नई दिल्ली में कई अहम समझौतों पर हस्ताक्षर हुए. इस मौके पर पीएम मोदी ने आने वाले समय में सिंगापुर के साथ भारत के सहयोग को और मजबूत करने की बात कही. उन्होंने कहा कि सिंगापुर हमारा सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है. हमारे रक्षा संबंध निरंतर मजबूत हो रहे हैं. आज हमने अपनी पार्टनरशिप भविष्य के लिए एक डिटेल रोडमैप तैयार किया है. हम बदलते समय के अनुरूप एडवांस मैन्यूफेक्चरिंग, सिविल न्यूक्लियर और अर्बन वाटर मैनेजमेंट सेक्टर समेत कई सेक्टर पर काम करेंगे.
पीएम मोदी ने कहा कि भारत और सिंगापुर के रिश्तों में हमारे राज्य भी अहम हिस्से होंगे. जनवरी में जब सिंगापुर के राष्ट्रपति भारत की यात्रा पर आए थे. वो ओडिशा भी गए थे. पिछले साल हुए सेमीकंडक्टर को लेकर हुए समझौते के तहत रिसर्च के क्षेत्र को भी बढ़ावा दिया है. चेन्नई में सिंगापुर का एक नया सेंटर स्थापित करने पर काम किया जा रहा है. ये सेंटर स्कील्ड मैन तैयार करेगा.
पीएम मोदी ने आगे कहा कि हमने तय किया है एआई समेत अन्य डिजिटल सेक्टर में सहयोग को और बढ़ाया जाएगा. हमने निर्णय लिया है कि हमारे युवाओं के टैलेंट को बढ़ावा देने के लिए इंडिया सिंगापुर हैकथॉन का आयोजन किया जाएगा. आज ग्रीन और डिजिटल शिपिंग के क्षेत्र में हुए समझौते से डिजिटल पोर्ट क्लीयरेंस को बल मिलेगा. भारत अपने पोर्ट के विकास के लिए तेजी से काम कर रहा है. हमने आज सिंगापुर की कंपनी द्वारा विकसित भारत-मुंबई कंटेनर टर्मिनल के फेज टू का उद्घाटन किया है.
पीएम मोदी ने कहा कि आतंकवाद को लेकर हमारी चिंताएं एक समान है. हम मानते हैं कि आतंकवाद के खिलाफ एक साथ लड़ना समय की मांग है. आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई के लिए मैं सिंगापुर सरकार का अभार व्यक्त करता हूं. हमारा रिश्ता डिप्लोमेसी से भी आगे का है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं