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क्या है जॉर्डन का वो गोल्डन रास्ता और रिश्ता, जिसका PM मोदी ने किया जिक्र; जानें 10 बड़ी बातें 

जॉर्डन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जॉर्डन को 'India Jordan Golden Route' बताया. भारत और जॉर्डन के बीच ऐतिहासिक विश्वास और भविष्य के आर्थिक अवसर कैसे जुड़ेंगे? जानें किंग अब्दुल्ला द्वितीय बिन अल हुसैन से मुलाकात में India West Asia Diplomacy, India Jordan Trade, और Petra Route Trade Link को पुनर्जीवित करने पर क्या बात हुई.

क्या है जॉर्डन का वो गोल्डन रास्ता और रिश्ता, जिसका PM मोदी ने किया जिक्र; जानें 10 बड़ी बातें 

PM Modi Jordan Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में जॉर्डन का दौरा किया, जो वेस्ट एशिया में उथल-पुथल के बीच उनका पहला पूर्ण द्विपक्षीय दौरा रहा. अपनी तीन देशों की यात्रा के पहले पड़ाव के रूप में जॉर्डन पहुंचे PM मोदी ने वहां किंग अब्दुल्ला द्वितीय बिन अल हुसैन से मुलाकात की. इस दौरान, प्रधानमंत्री ने जॉर्डन को भारत के लिए 'गोल्डन रास्ता और रिश्ता' बताते हुए, इस देश के साथ भविष्य के आर्थिक और रणनीतिक संबंधों को और मजबूत करने पर जोर दिया. 

जॉर्डन न केवल एक महत्वपूर्ण व्यापारिक भागीदार है, बल्कि वेस्ट एशिया की शांति प्रक्रिया और आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में भी एक मजबूत दीवार बनकर खड़ा है. यह दौरा ऐसे समय में हुआ जब दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ भी है. आइए जानते हैं PM मोदी ने जॉर्डन के साथ रिश्तों को लेकर क्या खास बातें कही...

आतंकवाद और गाजा शांति

जॉर्डन खुद को कट्टरपंथ और आतंकवाद के खिलाफ एक नरम इस्लामिक देश के तौर पर स्थापित कर चुका है और वेस्ट एशिया शांति प्रक्रिया में भी इसकी अहम भूमिका है. नई दिल्ली और अम्मान (जॉर्डन की राजधानी) ने आतंकवाद को एक ग्लोबल चुनौती के तौर पर देखने के लिए एक साझा दृष्टिकोण पर चर्चा की. 

बातचीत के दौरान ऑस्ट्रेलिया के Bondi Beach पर हुए आतंकवादी हमले का मुद्दा भी प्रमुखता से उठा. दोनों देशों के एजेंडे में गाजा शांति योजना, भारत की खाद्य सुरक्षा जरूरतें और रक्षा सहयोग भी शामिल रहे.

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PM मोदी ने बताए 'गोल्डन रास्ते' की 10 बड़ी बातें...

PM मोदी ने जॉर्डन के साथ भारत के रिश्ते को 'गोल्डन रास्ता' बताते हुए इसके महत्व को इन 10 बिंदुओं से समझाया.

  1. ऐतिहासिक विश्वास और भविष्य: दुनिया में कई देशों के साथ सीमाएं और बाजार मिलते हैं, लेकिन भारत और जॉर्डन के संबंध ऐसे हैं, जहां ऐतिहासिक विश्वास और भविष्य के आर्थिक अवसर एक साथ मिलते हैं.
  2. भूगोल को ग्रोथ में बदलना: पीएम मोदी ने कहा कि हमने इस बात पर विस्तार से चर्चा की है कि भूगोल को अवसर में और अवसर को ग्रोथ में कैसे बदला जाए.
  3. सहयोग का पुल: जॉर्डन एक ऐसा पुल बना है, जो अलग-अलग क्षेत्रों के बीच सहयोग और तालमेल बिठाने में बहुत मदद कर रहा है.
  4. वैश्विक बाजारों तक पहुंच: भारतीय कंपनियां जॉर्डन के रास्ते अमेरिका, कनाडा और अन्य देशों के बाजारों तक पहुंच सकती हैं.
  5. निवेश का लाभ: PM ने भारतीय कंपनियों से इन अवसरों का पूरा लाभ उठाने का अनुरोध किया.
  6. ट्रेडिंग पार्टनर: भारत आज जॉर्डन का तीसरा सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर है.
  7. लंबा रिश्ता बनाने का संकल्प: हम यहां सिर्फ नंबर्स गिनने नहीं आए हैं, बल्कि हम लंबा रिश्ता बनाने आए हैं.
  8. पेट्रा रूट को पुनर्जीवित करना: एक जमाना था जब गुजरात से पेट्रा के रास्ते यूरोप तक का व्यापार होता था. हम इस लिंक को फिर से जिंदा कर सकते हैं.
  9. भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था: PM मोदी ने कहा कि भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की ओर तेजी से बढ़ रहा है.
  10. संबंधों की रेंज: दोनों देशों के बीच संबंधों की रेंज बहुत व्यापक है, जिसमें व्यापार, निवेश और सुरक्षा शामिल है.

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व्यापार और निवेश में संबंधों की रेंज

जॉर्डन और भारत के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2023-24 में $2.875 बिलियन रहा.

  • खाद्य सुरक्षा में भागीदारी: भारत, जॉर्डन से बड़ी मात्रा में फर्टिलाइज़र (खाद) आयात करता है, जो इसे भारत की खाद्य सुरक्षा की कोशिशों का एक अहम हिस्सा बनाता है.
  • संयुक्त उपक्रम (Joint Venture): जॉर्डन इंडिया फर्टिलाइज़र कंपनी (JIFCO), IFFCO इंडिया और जॉर्डन फॉस्फेट्स माइंस कंपनी के बीच एक संयुक्त उपक्रम है. $860 मिलियन के निवेश से शुरू हुआ यह JV भारत को फॉस्फोरिक एसिड का एक बड़ा सोर्स प्रदान करता है.
  • NRI निवेश: NRI की 15 से ज़्यादा गारमेंट कंपनियां जॉर्डन के क्वालिफाइड इंडस्ट्रियल ज़ोन में कार्यरत हैं, जिनका कुल निवेश $500 मिलियन है.
  • रक्षा सहयोग: भारत और जॉर्डन ने 2018 में रक्षा सहयोग (Defense Cooperation) पर एक समझौता ज्ञापन (MoU) भी साइन किया था.

पिछली महत्त्वपूर्ण मुलाकातें

PM मोदी ने फरवरी 2018 में फ़िलिस्तीन जाते समय जॉर्डन में ट्रांजिट विजिट किया था, लेकिन किंग अब्दुल्ला II ने उनके साथ बहुत अच्छा व्यवहार किया. मौजूदा पूर्ण द्विपक्षीय दौरा 37 साल के बड़े अंतराल के बाद हो रहा है.

2018 की मुलाकातें: PM मोदी के फरवरी 2018 के ट्रिप के तुरंत बाद किंग का फरवरी-मार्च 2018 में भारत दौरा हुआ था.

  • अंतर्राष्ट्रीय मंच: इसके बाद दोनों नेता कई वैश्विक मंचों पर मिले हैं, जिनमें सितंबर 2019 में 74वीं UN जनरल असेंबली, अक्टूबर 2019 में रियाद में फ्यूचर इन्वेस्टमेंट इनिशिएटिव, दिसंबर 2023 में दुबई में COP28 और जून 2024 में इटली में G7 समिट शामिल हैं.
  • आतंकवादी हमलों पर चर्चा: जॉर्डन के राजा उन पहले नेताओं में से थे, जिन्होंने पहलगाम आतंकी हमले के बाद PM मोदी से बात की थी और आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई को अपना समर्थन दोहराया था. अक्टूबर 2023 में भी, उन्होंने गाजा में हो रहे घटनाक्रम और आतंकवाद पर आपसी चिंताएं साझा करने के लिए फोन पर बात की थी.

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