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5 महत्वपूर्ण समझौते, आर्थिक रिश्तों को मिली नई दिशा... PM मोदी की जॉर्डन यात्रा से भारत को क्या-क्या मिला?

प्रधानमंत्री मोदी की जॉर्डन की पहली पूर्ण Prime Minister Modi visit to Jordan new direction to economic relations between two countries, 5 important agreements signed

5 महत्वपूर्ण समझौते, आर्थिक रिश्तों को मिली नई दिशा... PM मोदी की जॉर्डन यात्रा से भारत को क्या-क्या मिला?
  • PM मोदी की जॉर्डन यात्रा के दौरान 5 महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए, जो विविध क्षेत्रों से संबंधित हैं.
  • दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार को अगले पांच वर्षों में पांच अरब डॉलर तक बढ़ाने का प्रस्ताव रखा है.
  • जॉर्डन भारत के लिए फॉस्फेट और पोटाश उर्वरकों का प्रमुख आपूर्तिकर्ता है और निवेश बढ़ाने की योजना है.
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नई दिल्ली:

PM मोदी की जॉर्डन यात्रा ने भारत और जॉर्डन के रिश्तों को और मजबूत किया है. इस यात्रा के दौरान 5 महत्वपूर्ण समझौतों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए हैं. ये समझौते नवीकरणीय ऊर्जा, जल संसाधन प्रबंधन, सांस्कृतिक आदान-प्रदान, डिजिटल समाधान और पेट्रा व एलोरा के बीच जुड़ाव से संबंधित हैं. मंगलवार को जारी एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई.

प्रधानमंत्री मोदी ने जॉर्डन के राजा अब्दुल्ला II के साथ कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की. इसमें व्यापार, रक्षा, सुरक्षा, नवीकरणीय ऊर्जा, उर्वरक और कृषि, सूचना प्रौद्योगिकी, खनिज, स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यटन और सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूत बनाने जैसे मुद्दे शामिल थे.

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यूपीआई को लेकर हुआ बात

प्रधानमंत्री ने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार को अगले पांच वर्षों में 5 अरब डॉलर तक बढ़ाने का प्रस्ताव रखा. उन्होंने जॉर्डन के डिजिटल भुगतान प्रणाली को भारत के यूनाइटेड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) से जोड़ने की भी बात की. जॉर्डन, भारत के लिए उर्वरकों का प्रमुख आपूर्तिकर्ता है और दोनों देशों की कंपनियां इस क्षेत्र में निवेश बढ़ाने पर विचार कर रही हैं. ऐसे में भारत में फॉस्फेटिक उर्वरकों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए जॉर्डन में और निवेश हो सकता है.

प्रधानमंत्री मोदी की जॉर्डन की पहली पूर्ण यात्रा दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित की गई है. भारत, जॉर्डन का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और उसे अनाज, फ्रोजन मीट, पेट्रोलियम उत्पाद, पशु चारा आदि निर्यात करता है. वहीं जॉर्डन भारत के लिए फॉस्फेट और पोटाश उर्वरकों का एक प्रमुख आपूर्तिकर्ता भी है.

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कितने भारतीय नागरिक जॉर्डन में रहते हैं

वर्तमान समय में करीब 17,500 भारतीय नागरिक जॉर्डन में रहते हैं, जिनमें से अधिकांश कपड़ा, निर्माण, विनिर्माण और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्रों में काम करते हैं. प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के दौरान जॉर्डन इंडिया फर्टिलाइजर कंपनी (जेआईएफसीओ) जैसे संयुक्त उपक्रमों का जिक्र किया गया. यह कंपनी भारतीय किसान उर्वरक सहकारी (आईएफएफसीओ) और जॉर्डन फॉस्फेट माइन कंपनी (जेपीएमसी) के बीच एक 860 मिलियन डॉलर का संयुक्त उपक्रम है. यह कंपनी भारत के लिए फॉस्फोरिक ऐसिड का उत्पादन करती है.

इसके अलावा, 15 से ज्यादा गारमेंट मैन्युफैक्चरिंग कंपनियां, जो एनआरआई द्वारा चलायी जाती हैं, जॉर्डन के क्वालिफाइड इंडस्ट्रियल जोन (क्यूआईजेड) में कार्यरत हैं और 500 मिलियन डॉलर का निवेश किया गया है.

इसके अलावा, भारत और जॉर्डन के बीच तकनीकी क्षेत्र में भी मजबूत संबंध बन रहे हैं. जॉर्डन में भारत-जॉर्डन सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी की स्थापना की गई है, जो अल-हुसैन टेक्निकल यूनिवर्सिटी (एचटीयू) में स्थित है. यह केंद्र पूरी तरह से भारत द्वारा फंडेड है और इसमें अत्याधुनिक आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर मौजूद है, जिसमें सुपर कंप्यूटर परम शावक और अन्य उन्नत प्रशिक्षण सुविधाएं शामिल हैं. भारत सरकार साइबर सुरक्षा, वेब विकास, मशीन लर्निंग और बिग डेटा एनालिटिक्स जैसे उभरते क्षेत्रों में मास्टर ट्रेनर कोर्स आयोजित करती है.

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