
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर देशभर में अलग अलग कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है. इस खास मौके को और यादगार बनाने के लिए एक ब्लड डोनेशन कैंप का आयोजन किया गया. इस कैंप के जरिए नया विश्व कीर्तिमान बनाने की कोशिश है. बुधवार को अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद की तरफ से देश में लगाए गए 7000 कैंप के जरिए एक दिन में 3 लाख ब्लड इकठ्ठा करने की कोशिश है. अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद का मेगा ब्लड डोनेशन ड्राइव देश में ही नहीं बल्कि दुनिया के 70 देशों में भी चल रहा है. नाम दिया है रक्तदान अमृत महोत्सव 2.0.
पीएम मोदी के जन्मदिन के मौके पर आयोजित इस मेगा ब्लड डोनेशन कैंप में दिल्ली में केंद्रीय रेलमंत्री एवं आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आईटीओ के अणुव्रत भवन में रक्तदान किया. साथ ही केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ने भी रक्तदान शिविर का दौरा किया और तेरापंथ परिषद के काम की सराहना की.
देश के बाहर नेपाल, USA, UK, इंडोनेशिया, ऑस्ट्रेलिया, दुबई, अफ्रीकी देश समेत 70 देशों में अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद की तरफ से ब्लड डोनेशन कैंप लगाया गया है. इससे पहले भी एक दिन में सबसे ज्यादा यूनिट ब्लड डोनेशन कैंप के जरिए इकठ्ठा करने का विश्व कीर्तिमान अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद के नाम ही है जब 2022 में एक दिन में 2.5 लाख यूनिट ब्लड इकठ्ठा किया गया था.
इस मुहिम को पीएम नरेंद्र मोदी के साथ साथ भारत सरकार के शिक्षा, रेल, स्वास्थ्य और खेल एवं युवा मंत्रालय ने अपना पूरा सहयोग दिया है. ज़िंदगी बचाने की इस मुहिम की शुरुआत के पीछे मकसद है कि ब्लड बैंक में न खून की कमी रहे और न ही कोई ज़िंदगी खून की कमी से दम तोड़े. रोज़ाना 15000 यूनिट ब्लड की ज़रूरत पड़ती है और साल में 1.2 करोड़ यूनिट, लेकिन उपलब्धता 90–95 लाख यूनिट की ही है. मसलन 20 - 25% रक्त की कमी.
आपको बता दें कि भारत में लगभग 1.5 लाख थैलेसीमिया के मरीज हैं, जिन्हें नियमित रक्त चढ़ाना पड़ता है. इसके अलावा कैंसर, डायलिसिस, हृदय रोगी और बड़ी सर्जरी वाले मरीजों को भी रक्त की भारी आवश्यकता रहती है. हर साल भारत में 5 लाख से अधिक सड़क दुर्घटनाएं होती हैं. इनमें से लाखों मरीजों को तत्काल रक्त की आवश्यकता पड़ती है. और रक्त भंडारण की अवधि भी सीमित वक्त के लिए ही होती है. आंकड़े बताते हैं कि भारत की कुल आबादी का केवल 1% लोग ही नियमित रक्तदाता हैं. अगर सिर्फ 2% लोग भी साल में एक बार रक्तदान करें, तो भारत में रक्त की कमी कभी नहीं रहेगी.
पीएम मोदी ने कहा कि आज मैं मध्य प्रदेश की धरती से एक और अभियान की चर्चा करना चाहता हूं. आप जानते हैं हमारे आदिवासी इलाकों में सिकल सेल एनीमिया एक बहुत बड़ा संकट होता है. हमारी सरकार आदिवासी भाई बहनों को इस बिमारी से बचाने के लिए राष्ट्रीय मिशन चला रही है. इस मिशन की शुरुआत हमने 2023 में मध्य प्रदेश के शहडोल से ही की थी. शहडोल में ही हमने सिकल सेल क्लिनिक का हमने पहला कार्ड दिया था. और आज मध्य प्रदेश सिकल सेल स्क्रीनिंग का एक करोड़वां कार्ड दिया गया है. अब तक इस पूरे देश में पांच करोड़ से ज्यादा लोगों की स्क्रीनिंग हो चुकी है. सिकल सेल स्क्रीनिंग से आदिवासी समाज के लाखों लोगों का जीवन सुरक्षित हुआ है. जिस काम में हम लगे हुए हैं वो आने वाली पीढ़ियों के लिए बहुत बड़ा आशीर्वाद बनने वाला है. जिनका आज जन्म भी नहीं हुआ है हम उनके लिए काम कर रहे हैं. आज जो पीढ़ी स्वस्थ हो जाएगी तो भविष्य में आने वाली उनकी संतान भी सुरक्षित हो जाएगी. मैं आदिवासी महिलाओं से आग्रह करूंगा कि वह सिकल सेल एनेमिया की जांच जरूर कराएं.
पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना, दुनिया जब इसके आंकड़े सुनते हैं तो उनकी आंखे फटी की फटी रह जाती है. मुफ्त राशन की इस योजना ने गरीब मां के घर का चूल्हा बुझने नहीं दिया था. आज भी इस योजना के तहत मुफ्त अनाज दिया जा रहा है. पीएम आवास योजना के तहत जो करोड़ों घर दिए गए हैं उनमें से ज्यादातर महिलाओं के ही नाम पर हैं. हमारी सरकार ने बहुत जोर बहनों और बेटियों को आर्थिक रूप से सशक्त करने पर भी है. हमारी करोड़ों बहनें मूद्रा योजना के जरिए लोन लेकर नए व्यापार कर रही है. हमारी सरकार तीन करोड़ ग्रामीण बहनों को लखपति दीदी बनाने के अभियान में जुटी है. मैं बड़े गर्व से कह सकता हूं कि इस अभियान में जो सफलता मिली है, अब तक दो करोड़ बहनें लखपति दीदी बन भी चुकी हैं. हम महिलाओं को बैंक सखी और द्रोन दीदी बनाकर उन्हें ग्रामीण अर्थव्यवस्था के केंद्र में ला रही हैं.
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