
- उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में मॉनसून की भारी बारिश से नदियां उफान पर आ गई हैं और कई सड़कें ध्वस्त हो चुकी हैं
- गढ़वाल और कुमाऊं मंडल के कई गांव संपर्क से कट गए हैं तथा चारधाम यात्रा प्रभावित हुई है और भूस्खलन हुआ है
- हिमाचल के मंडी, कुल्लू, कांगड़ा और चंबा जिलों में लगातार भूस्खलन और बाढ़ से जनजीवन प्रभावित है
मॉनसून इस बार उत्तर भारत के लिए राहत से ज्यादा आफत बन गया है. उत्तराखंड से लेकर हिमाचल तक हर जगह बारिश ने तबाही मचा दी है. नदियां उफान पर हैं, सड़कें ध्वस्त हो चुकी हैं और भूस्खलन ने कई जिलों को देश से काट दिया है. हजारों लोग अपने घर छोड़कर सुरक्षित ठिकानों पर जाने को मजबूर हैं, जबकि बिजली-पानी की आपूर्ति और स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा चुकी हैं. मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों के लिए अलर्ट जारी किया है और प्रशासन एनडीआरएफ-एसडीआरएफ के साथ राहत व बचाव कार्यों में जुटा है.

उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में पिछले कई दिनों से लगातार बारिश हो रही है. गढ़वाल और कुमाऊं मंडल के कई इलाकों में सड़कें कट गई हैं और दर्जनों गांव संपर्क से कट गए हैं. चारधाम यात्रा भी प्रभावित हुई है. केदारनाथ और बद्रीनाथ जाने वाले रास्तों पर जगह-जगह भूस्खलन हुआ है, जिसके कारण श्रद्धालुओं को बीच रास्ते ही रोकना पड़ा. पिथौरागढ़, चंपावत और उत्तरकाशी जिलों में नदी-नालों का जलस्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है. कई स्थानों पर मकान बहने और पुल टूटने की घटनाएं सामने आई हैं. प्रशासन ने अलर्ट जारी करते हुए लोगों को सुरक्षित जगहों पर जाने की अपील की है.
#WATCH | Uttarakhand: Due to the heavy rainfall since last night, the bridge near Fun Valley and Uttarakhand Dental College on the Dehradun–Haridwar National Highway has been damaged.
— ANI (@ANI) September 16, 2025
(Source: Police) pic.twitter.com/4dHTscMg7G
हिमाचल में बारिश बनी आफत
उत्तराखंड से होते हुए यह तबाही हिमाचल प्रदेश तक पहुंच गई है. मंडी, कुल्लू, कांगड़ा और चंबा जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. मंडी में व्यास नदी उफान पर है, जिसके चलते दर्जनों घर पानी में समा गए. कांगड़ा और चंबा में लगातार हो रहे भूस्खलन ने यातायात व्यवस्था पूरी तरह चरमरा दी है.राष्ट्रीय राजमार्ग बंद होने से स्थानीय लोगों के साथ-साथ पर्यटक भी फंस गए हैं. हिमाचल सरकार ने राहत और बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को तैनात किया है.
जनजीवन अस्त व्यस्त

दोनों राज्यों में जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त है. हजारों परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है. बिजली और पानी की आपूर्ति बाधित है. स्कूल-कॉलेजों को बंद करने का आदेश जारी किया गया है. स्वास्थ्य सेवाओं पर भी दबाव बढ़ गया है क्योंकि कई जगह मेडिकल टीमें फंसी हुई हैं. प्रभावित इलाकों में ग्रामीणों ने सरकार से त्वरित राहत की मांग की है.
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— NDTV India (@ndtvindia) September 16, 2025
मौसम विभाग का अलर्ट
भारतीय मौसम विभाग ने आने वाले 48 घंटों के लिए दोनों राज्यों में अलर्ट जारी किया है. पूर्वानुमान है कि कई जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश होगी. इससे भूस्खलन और बाढ़ की आशंका और बढ़ जाएगी. विभाग ने प्रशासन को चौकसी बढ़ाने और लोगों को पहले से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की सलाह दी है.
मौत से जंग जीता शख्स...
— NDTV India (@ndtvindia) September 16, 2025
देहरादून में मौत से जंग, टोंस नदी के बीच बिजली के खंभे से चिपका रहा युवक, कड़ी मशक्कत से घंटों बाद हुआ रेस्क्यू.#Dehradun | #Video pic.twitter.com/bJ4QVLU2B9
सरकार और राहत कार्य
उत्तराखंड और हिमाचल की सरकारों ने केंद्र से मदद मांगी है. राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) की अतिरिक्त टीमें भेजी जा रही हैं. दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने नुकसान का आकलन करने के लिए विशेष टास्क फोर्स बनाई है. प्रधानमंत्री कार्यालय भी हालात की मॉनिटरिंग कर रहा है.
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