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This Article is From Sep 17, 2023

PM Modi 73rd Birthday: कभी बेची चाय, आज दुनिया में बज रहा डंका, प्रेरणा है PM मोदी का जीवन

PM Modi Birthday: PM नरेंद्र मोदी के क्लियर विजन और मेहनत को देखते हुए बीजेपी में उनको बड़ी जिम्मेदारियां मिलती गईं. साल 1988-89, ये वो दौर था जब नरेंद्र मोदी को गुजरात बीजेपी का महासचिव बनाया गया. उनके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.

PM Modi 73rd Birthday: कभी बेची चाय, आज दुनिया में बज रहा डंका, प्रेरणा है PM मोदी का जीवन
PM Modi Birthday: पीएम नरेद्र मोदी का आज 73वां जन्मदिन आज

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi)आज अपना 73वां जन्मदिन मना रहे हैं. गरीबी में बचपन गुजारने वाले पीएम नरेंद्र मोदी ने बुलंद हौसलों के दम पर दुनियाभर में अपनी अलग पहचान बनाई है. वह भारत में ही नहीं बल्कि दुनियाभर में बहुत ही लोकप्रिय हैं. उन्होंने देश को एक नई दिशा दी है. 17 सितंबर 1950 को गुजरात के वडनगर में एक मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मे नरेंद्र मोदी का बचपन बहुत ही चुनौतियों से भरा रहा. उन्हें परिवार का पेट पालने के लिए रेलवे स्टेशन पर चाय तक बेचनी पड़ी लेकिन देशभक्ति का जज्बा उनके भीतर से कभी कम नहीं हुआ.

पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत एक आम कार्यकर्ता  के तौर पर की थी. महज आठ साल की उम्र में आरएसएस प्रचारक के तौर पर जनसेवा शुरू करने वाले नरेंद्र मोदी साल 1985 में बीजेपी से जुड़े. साल 2001 में वह गुजरात के 14वें मुख्यमंत्री बने. अपने शानदार कामकाज और जनहित में लिए फैसलों की वजह से वह गुजरात के लोगों की पहली पसंद बन गए. यही वजह है कि साल 2001 से 2014 तक वह गुजरात के मुख्यमंत्री पद पर काबिज रहे और अभी भी जन-जन के मन पर राज कर रहे हैं.

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नरेंद्र मोदी बचपन से ही बहुत ही मेहनती रहे हैं. कई बार उन्होंने इस बात का जिक्र किया है कि स्कूल के बाद वह अपने पिता दामोदर दास मोदी का काम में हाथ बंटाते थे. घर की माली हालत ठीक नहीं होने की वजह से वह रेलवे स्टेशन पर अपने पिता के साथ चाय बेचते थे और घर में मां हीराबेन का भी खूब हाथ बंटाते थे. चाय बेचने की वजह से ही वह आज चायवाले प्रधानमंत्री के तौर पर लोगों के बीच लोकप्रिय हैं. साल 1965 में भारत-पाकिस्तान के युद्ध के दौरान उन्होंने रेलवे स्टोशन से गुजरने वाले सैनिको को चाय पिलाई थी. तभी उनके भीतर भारत माता की सेवा करने की अलख और तेज हो गई. उन्होंने तभी सोच लिया था कि बड़े होकर वह देश की सेवा करेंगे. 

PM मोदी के शौक

नरेंद्र दामोदर दास मोदी की रुचि बचपन से ही वाद-विवाद प्रतियोगिताओं, एक्टिंग और नाटकों में रही. यही वजह है कि उन्होंने इन चीजों का हिस्सा बनकर कई अवॉर्ड अपने नाम किए. उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई वडनगर के भगवताचार्य स्कूल से पूरी की. स्कूल में पढ़ाई के दौरान वह एनसीसी से भी जुड़े रहे. 

संघ से पीएम मोदी का जुड़ाव

पीएम मोदी आठ साल की उम्र में ही आरएसएस से जुड़ गए थे. उन्होंने बाल स्वंयसेवक की शपथ साल 1985 में दीपावली पर ली थी. नरेंद्र मोदी को उस समय आरएसएस के गुजरात के प्रचारक रहे लक्ष्मण राव इनामदार ने उनको शपथ दिलाई थी. धीरे-धीरे संघ में वह सक्रिय होते गए. 

पीएम मोदी का राजनीतिफ सफर

पीएम नरेंद्र मोदी ने साल 1985 में राजनीति में कदम रखा. बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आड़वाणी को उनका राजनीतिक गुरु माना जाता है. उनके मेहनत और क्लियर विजन को देखते हुए पार्टी में उनको बड़ी जिम्मेदारियां मिलती गईं. साल 1988-89, ये वो दौर था जब नरेद्र मोदी को गुजरात बीजेपी का महासचिव बनाया गया. उनके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. पार्टी उनके कामकाज से इस कदर प्रभावित थी कि 1995 में उनको बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव की जिम्मेदारी दी गई.   

जब नरेंद्र मोदी बने गुजरात के मुख्यमंत्री...

साल 2001, ये वो समय था जब भषण भूकंप के बाद गुजरात तबाही के बुरे दौर से गुजर रहा था. राज्य के तत्कालीन सीएम केशुभाई पटेल को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था. तभी पार्टी ने नरेंद्र मोदी पर भरोसा जताते हुए उनको गुजरात का मुख्यमंत्री बनाकर राज्य को आपदा से उबारने की जिम्मेदारी सौंप दी. उसके बाद वह गुजरात की जनता की पसंद बन गए. सीएम रहते नरेंद्र मोदी ने कई बड़े और अहम फैसले लिए, कुछ के लिए उनकी सराहना हुई तो उनके कुछ फैसले विवादों में रहे. साल 2012 से उनकी चर्चा देश के प्रधानमंत्री फेस के रूप में की जाने लगी. 

2014 और 2019 का वो लोकसभा चुनाव....

साल 2014 के लोकसभा चुनाव बीजेपी और नरेंद्र मोदी के लिए गेम चेंजर साबित हुआ. नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी ने लोकसभा की 282 सीटें जीतकर कांग्रेस के 10 साल के शासन को खत्म कर दिया और देश के प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली. 2019 लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी से 2014 से भी बड़ी जीत हासिल की थी.लोकसभा का 303 सीटें हासिल कर उन्होंने एक बार फिर से अपना लोहा मनवाया.तब से लेकर अब तक उनकी उपलब्धियां हर गुजरते दिन के साथ बढ़ती ही जा रही हैं. उनकी उपलब्धियों में हर दिन नया अध्याय जुड़ता ही जा रहा है.

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