टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने आज कहा कि एअर इंडिया के विमान में शराब के नशे में एक व्यक्ति द्वारा महिला यात्री पर पेशाब करने की घटना उनके लिए व्यक्तिगत पीड़ा का विषय है. चंद्रशेखरन ने एक बयान में कहा, "एअर इंडिया की प्रतिक्रिया बहुत तेज होनी चाहिए थी. हम इस स्थिति को उस तरह से संभालने में विफल रहे जिस तरह से यह संभाली जानी चाहिए थी."
उन्होंने कहा, "टाटा समूह और एअर इंडिया अपने यात्रियों और चालक दल की सुरक्षा और भलाई के लिए पूरे विश्वास के साथ खड़ा है." टाटा संस के चेयरमैन ने यह भी कहा कि ऐसी घटनाएं रोकने के लिए वे हर प्रक्रिया की समीक्षा और सुधार करेंगे.
आरोपी शंकर मिश्रा ने पिछले साल 26 नवंबर को न्यूयॉर्क से दिल्ली आ रही एअर इंडिया की एक उड़ान की बिजनेस क्लास में नशे की हालत में एक बुजुर्ग महिला पर कथित तौर पर पेशाब कर दिया था. दिल्ली पुलिस ने महिला द्वारा एअर इंडिया को दी गई शिकायत के आधार पर चार जनवरी को मिश्रा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी.
भारत में अमेरिकी बहुराष्ट्रीय कंपनी वेल्स फारगो के साथ काम कर रहे मिश्रा को शुक्रवार को बर्खास्त कर दिया गया था. एअर इंडिया ने रविवार को विमान के चालक दल के चार सदस्यों तथा एक पायलट को जांच पूरी होने तक ड्यूटी से हटा दिया गया है तथा एयरलाइन विमान में शराब परोसने की अपनी नीति की समीक्षा कर रही है.
दिल्ली पुलिस ने शंकर मिश्रा को शनिवार को बेंगलुरु से गिरफ्तार कर लिया था. पुलिस ने 34 वर्षीय शंकर मिश्रा को तकनीकी निगरानी के जरिए बेंगलुरु से गिरफ्तार किया था. दिल्ली की एक अदालत ने बाद में मिश्रा को 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया, जबकि उसे पुलिस हिरासत में दिए जाने संबंधी पुलिस की याचिका को खारिज कर दिया.
पुलिस ने यह कहते हुए उसकी तीन दिन की रिमांड मांगी थी कि शंकर मिश्रा से पूछताछ इसलिए जरूरी है ताकि चालक दल के सदस्य, कैप्टन उसकी पहचान कर सकें. आदेश पारित करते हुए मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अनामिका ने कहा कि चालक दल के सदस्यों और सह-यात्रियों सहित अन्य गवाहों के बयान दर्ज करने के लिए पुलिस को मिश्रा की हिरासत की आवश्यकता नहीं है. न्यायाधीश ने कहा, ‘‘सिर्फ इसलिए कि जनता का दबाव है, ऐसा मत करें. कानून का पालन करें.''
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