जीएसटी एक जुलाई, 2017 को लागू हुआ था.
- वित्त मंत्रालय ने वस्तु एवं सेवा कर के लिए दो स्लैब वाली नई संरचना स्टैंडर्ड और मेरिट का प्रस्ताव दिया है.
- प्रधानमंत्री मोदी ने जीएसटी में अगले सुधारों का एलान करते हुए दिवाली तक बदलाव लागू करने का आश्वासन दिया है.
- सुधारों का उद्देश्य आम नागरिक को कर राहत देना और छोटे तथा मध्यम उद्यमों को आर्थिक लाभ पहुंचाना है.
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत 5, 12, 18, 28 प्रतिशत के मौजूदा स्लैब में बदलाव का प्रस्ताव दिया गया है. जीएसटी परिषद की बैठक अगले महीने होने की संभावना है. वित्त मंत्रालय ने कहा कि उसने दो स्लैब वाली जीएसटी संरचना - स्टैंडर्ड और मेरिट का प्रस्ताव दिया है. साथ ही चुनिंदा वस्तुओं पर विशेष दरों का प्रस्ताव भी दिया गया. बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज स्वतंत्रता दिवस के मौके पर ऐलान करते हुए कहा कि जीएसटी में सुधार किए जाएंगे. प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को कहा कि दिवाली तक वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में अगली पीढ़ी के सुधार किए जाएंगे. इससे आम आदमी को 'काफी' कर राहत मिलेगी और छोटे एवं मध्यम उद्यमों को लाभ होगा.
"दिवाली का तोहफा"
मोदी ने 79वें स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था के आठ वर्ष पूरे होने के साथ ही जीएसटी में सुधार करने का समय आ गया है. जीएसटी एक जुलाई, 2017 को लागू हुआ था. लाल किले की प्राचीर से अपने भाषण में मोदी ने कहा, ''हमने राज्यों के साथ चर्चा की है और हम दिवाली तक अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार लागू करेंगे, जो नागरिकों के लिए दिवाली का तोहफा होगा. आम आदमी की जरूरत की वस्तुओं पर कर में काफी कमी की जाएगी. हमारे एमएसएमई को इसका बहुत फायदा होगा. दैनिक उपयोग की वस्तुएं सस्ती हो जाएंगी, जिससे हमारी अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी.''
राज्यों के वित्त मंत्रियों वाला एक मंत्रिसमूह (जीओएम) पहले ही जीएसटी दरों को युक्तिसंगत बनाने और स्लैब में कटौती पर चर्चा कर रहा है.
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