प्रतीकात्मक तस्वीर.
नई दिल्ली:
पटना यूनिवर्सिटी में हिंदी के प्रोफेसर मटुकनाथ को अब पत्नी को गुजारा भत्ता देना पड़ेगा. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि मटुकनाथ को अपनी पत्नी आभा को वेतन का एक तिहाई हिस्सा बतौर रखरखाव देना होगा. रिटायर होने के बाद पेंशन का भी एक तिहाई हिस्सा आभा को मिलेगा. कोर्ट ने कहा कि विभाग सीधे ही इस रकम को काटकर पत्नी के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर सकता है. निचली अदालत के आदेश का पालन करते हुए मटुकनाथ दिसंबर 2018 तक बकाया राशि 8.5 लाख जमा कराएंगे. कोर्ट ने कहा कि तीन हफ्ते के भीतर दोनों एक दूसरे के खिलाफ दाखिल केसों को वापस लेंगे. इसके बाद दोनों एक दूसरे पर कोई दावा नहीं करेंगे.
गौरतलब है कि पिछली सुनवाई में पटना यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर मटुकनाथ की पत्नी को सुप्रीम कोर्ट ने सलाह देते हुए कहा था कि ऐसे व्यक्ति के साथ संबंध न रखे, जो आपकी परवाह नही करता. सुप्रीम कोर्ट ने मटुकनाथ की पत्नी को कहा था कि हम आपके हितों की रक्षा करेंगे, आप जैसे लोग समाज के लीडर बन सकते हैं. आप जैसे लोगो को प्रताड़ित नही होना चाहिए, बल्कि मजबूती से लड़ना चाहिए.
मटुकनाथ पटना यूनिवर्सिटी में हिंदी के प्रोफेसर हैं जो अपनी उम्र से 30 साल छोटी छात्रा के साथ लिव इन में रहे और अपनी पत्नी को 2004 में छोड़ दिया था. उनकी पत्नी आभा पिछले 10 सालों से अपने हक के लिए लड़ रही है, ताकि उनको गुजाराभत्ता मिल सके. सुप्रीम कोर्ट ने मटुकनाथ की पत्नी को कहा कि आप बदनामी क्यों सहेंगी. ये व्यक्ति केस को अगले 10 सालों तक खींचने की कोशिश करेगा. जब ये रिटायर्ड हो जाएगा तो आपसे पीछा छुड़ाना चाहेगा. मटुकनाथ की पत्नी की कोर्ट से अगले मंगलवार तक का समय मांगा ताकि वो कोर्ट के सुझाव पर अपना पक्ष रख सके.
गौरतलब है कि पिछली सुनवाई में पटना यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर मटुकनाथ की पत्नी को सुप्रीम कोर्ट ने सलाह देते हुए कहा था कि ऐसे व्यक्ति के साथ संबंध न रखे, जो आपकी परवाह नही करता. सुप्रीम कोर्ट ने मटुकनाथ की पत्नी को कहा था कि हम आपके हितों की रक्षा करेंगे, आप जैसे लोग समाज के लीडर बन सकते हैं. आप जैसे लोगो को प्रताड़ित नही होना चाहिए, बल्कि मजबूती से लड़ना चाहिए.
मटुकनाथ पटना यूनिवर्सिटी में हिंदी के प्रोफेसर हैं जो अपनी उम्र से 30 साल छोटी छात्रा के साथ लिव इन में रहे और अपनी पत्नी को 2004 में छोड़ दिया था. उनकी पत्नी आभा पिछले 10 सालों से अपने हक के लिए लड़ रही है, ताकि उनको गुजाराभत्ता मिल सके. सुप्रीम कोर्ट ने मटुकनाथ की पत्नी को कहा कि आप बदनामी क्यों सहेंगी. ये व्यक्ति केस को अगले 10 सालों तक खींचने की कोशिश करेगा. जब ये रिटायर्ड हो जाएगा तो आपसे पीछा छुड़ाना चाहेगा. मटुकनाथ की पत्नी की कोर्ट से अगले मंगलवार तक का समय मांगा ताकि वो कोर्ट के सुझाव पर अपना पक्ष रख सके.
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