बिहार के 'लव गुरु' प्रोफेसर मटुकनाथ फिर करने चले शादी, कहा - चढ़ती जवानी मेरी चाल मस्तानी
नई दिल्ली:
'लव गुरु' के नाम से मशहूर प्रोफेसर मटुकनाथ चौधरी पटना विश्वविद्यालय से भले ही रिटायर हो गए हों, लेकिन वह खुद को अभी भी बुजर्ग नहीं मानते. उनका कहना है, "अभी तो मैं 65 साल का लरिका (लड़का) हूं. अभी तो मैं शादी करूंगा." चौधरी पटना विश्वविद्यालय के बी.एन. कॉलेज में हिंदी पोस्ट ग्रैजुएट (पीजी) विभागाध्यक्ष के पद से रिटायर हो गए हैं. उन्होंने अपने फेसबुक वाल पर भी खुद को 'जवान' बताते हुए लिखा, "चढ़ती जवानी मेरी चाल मस्तानी. मैं 65 वर्ष का लरिका हूं. मेरी जवानी ने अभी अंगड़ाई ली है. मेरे अंग-अंग से यौवन की उमंग छलक रही है. जब मैं मस्त होकर तेज चलता हूं तो लोग नजर लगाते हैं. दौड़ता हूं तो दांतों तले उंगली दबाते हैं." 'लव गुरु' ने कहा, "प्रेम के लिए कोई उम्र नहीं. 'शादी' तो हमलोगों के द्वारा बनाया गया शब्द है. यह वास्तव में विशेष प्रेम हैं. " उन्होंने कहा कि उनके शिष्य जिस किसी से शादी कराना चाहेंगे, उससे वह शादी कर लेंगे. वह कहते हैं, "मेरी खुशनसीबी है कि इस चढ़ती जवानी में रिटायर हो रहा हूं. लोग पूछते हैं कि रिटायरमेंट के बाद क्या कीजिएगा? चढ़ती जवानी में जो किया जाता है, वही करूंगा. मतलब यह कि मैं ब्याह करूंगा. बरतुहार बहुत तंग कर रहे हैं. उनकी आवाजाही बढ़ गई है. मेरे विद्यार्थी ही मेरे अभिभावक हैं. वे जो तय कर देंगे, आंख मूंदकर मानूंगा. उनसे बड़ा हितैषी मेरा कोई नहीं हो सकता."
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उन्होंने खुद को एक अनुशासित, शर्मीला और परंपरा-प्रेमी बताते हुए कहा, "मैं बराबर प्रेम करता हूं. अभी भी प्रेम कर रहा हूं." मटुकनाथ इन दिनों शास्त्री नगर स्थित अपने फ्लैट में अकेले रहते हैं. वह अपनी पूर्व शिष्या जूली के साथ प्रेम संबंधों को लेकर चर्चा में रहे थे. वह वर्ष 2004 में बी एन कॉलेज में पढ़ाते समय जूली से मिले थे. इसके बाद दोनों ने शादी कर ली थी. कहा जाता है कि एक साल पहले जूली इन्हें छोड़कर चली गई. जूली के छोड़कर जाने के संबंध में पूछे जाने पर बेबाक मटुकनाथ कहते हैं, "कौन कह रहा है कि वह छोड़ कर गई है. मैं अभी भी उससे प्रेम करता हूं. प्रेम कभी नहीं मरता. वह अब करुणा के साथ है. आज भी संकट के समय वह सबसे पहले मेरे पास आएगी." उन्होंने हालांकि यह भी कहा, "घर में अकेलापन अच्छा नहीं लगता. कोई नहीं होता तो अखरता है. मैं प्रारंभ से ही प्रेमी आदमी हूं." जूली से संबंधों की वजह से उन्हें वर्ष 2006 में कॉलेज से निलंबित कर दिया गया था. बाद में प्रदर्शन, भूख हड़ताल और कानूनी लड़ाई के बाद उन्हें फिर से सेवा में बहाल कर दिया गया था.
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इनपुट - आईएएनएस
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उन्होंने खुद को एक अनुशासित, शर्मीला और परंपरा-प्रेमी बताते हुए कहा, "मैं बराबर प्रेम करता हूं. अभी भी प्रेम कर रहा हूं." मटुकनाथ इन दिनों शास्त्री नगर स्थित अपने फ्लैट में अकेले रहते हैं. वह अपनी पूर्व शिष्या जूली के साथ प्रेम संबंधों को लेकर चर्चा में रहे थे. वह वर्ष 2004 में बी एन कॉलेज में पढ़ाते समय जूली से मिले थे. इसके बाद दोनों ने शादी कर ली थी. कहा जाता है कि एक साल पहले जूली इन्हें छोड़कर चली गई. जूली के छोड़कर जाने के संबंध में पूछे जाने पर बेबाक मटुकनाथ कहते हैं, "कौन कह रहा है कि वह छोड़ कर गई है. मैं अभी भी उससे प्रेम करता हूं. प्रेम कभी नहीं मरता. वह अब करुणा के साथ है. आज भी संकट के समय वह सबसे पहले मेरे पास आएगी." उन्होंने हालांकि यह भी कहा, "घर में अकेलापन अच्छा नहीं लगता. कोई नहीं होता तो अखरता है. मैं प्रारंभ से ही प्रेमी आदमी हूं." जूली से संबंधों की वजह से उन्हें वर्ष 2006 में कॉलेज से निलंबित कर दिया गया था. बाद में प्रदर्शन, भूख हड़ताल और कानूनी लड़ाई के बाद उन्हें फिर से सेवा में बहाल कर दिया गया था.
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इनपुट - आईएएनएस
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