पंजाब के पटियाला में शिवसेना के द्वारा निकाले गए खालिस्तान मुर्दाबाद मार्च के दौरान स्थिति बेहद ही तनावपूर्ण हो गई और कई सिख संगठन और हिंदू कार्यकर्ता आमने-सामने हो गए, जिसके बाद पुलिस को पूरे मामले को सुलझाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी. दोनों और से तलवारें भी लहराई गई और पथराव भी किया गया. इसे लेकर सीएम भगवंत मान ने लिखा है कि पटियाला में झड़प की घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. मैंने डीजीपी से बात की, इलाके में शांति बहाल कर दी गई है. हम स्थिति की बारीकी से नजर रखे हुए हैं और किसी को भी राज्य में अशांति पैदा नहीं करने देंगे. पंजाब की शांति और सद्भाव सबसे जरूरी है.
पटियाला में शिवसेना (बालठाकरे) के पंजाब कार्यकारी प्रधान हरिश सिंगला की देखरेख में आर्य समाज चौक से खालिस्तान मुर्दाबाद मार्च शुरू हुआ. शिव सैनिक खालिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए निकले. हरीश सिंगला ने कहा कि शिवसेना कभी भी पंजाब में खालिस्तान नहीं बनने देगी और ना ही किसी खालिस्तान का नाम लेने देगी. इसी दौरान कुछ सिख संगठन भी तलवारें लहराते हुए सड़क पर आ गए और दोनों ओर से स्थिति तनावपूर्ण बन गई और पथराव भी हुआ.
कहा तो ये भी जा रहा है कि प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने गोलियां भी चलाईं. डीसी पटियाला साक्षी साहनी शांति-सद्भाव की अफील भी की. उन्होंने कहा कि अगर कोई विवाद या गलतफहमी है तो उसे बातचीत से सुलझाना जरूरी है. ऐसे में जिला प्रशासन पटियाला और पंजाब के सभी भाई-बहनों से शांति और भाईचारे की अपील करता हूं. वर्तमान स्थिति नियंत्रण में है और लगातार निगरानी की जा रही है. शांति और सद्भाव सुनिश्चित करने के लिए सभी उपाय किए जा रहे हैं. उन्होंने ये भी अनुरोध किया कि निराधार समाचारों/सोशल मीडिया फॉरवर्ड्स के झांसे में न आएं और अपने-अपने घरों और ठहरने की जगहों पर वापस जाएं.
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