संसद की एक स्थायी समिति ने बुधवार को सिफारिश की कि सशस्त्र बलों में 'अग्निवीरों' की भर्ती तेज की जाए. सरकार ने जून 2022 में तीनों सेवाओं में कर्मियों की अल्पकालिक भर्ती के लिए अग्निपथ भर्ती योजना शुरू की थी. रक्षा मामलों पर संसद की स्थायी समिति ने कहा, ''समिति को रक्षा मंत्रालय के प्रतिनिधियों के मौखिक साक्ष्य के माध्यम से पता चला है कि सशस्त्र बल ऐसे दौर से गुजर रहे हैं जहां कोविड-19 के कारण श्रमबल में मामूली कमी आई है.'
समिति ने कहा, ' इसके अलावा, अग्निपथ योजना 2022 में सशस्त्र बलों में सेवा के लिए युवाओं की भर्ती योजना के रूप में शुरू की गई है. अग्निपथ योजना के तहत अगले साल 40,000 सैनिकों की भर्ती होनी है और बाद के वर्षों में 45,000 और 50,000.' यह रिपोर्ट बुधवार को संसद में पेश की गई. इसमें कहा गया है, 'परिचालन जरूरतों के आधार पर रक्षा मंत्री को भर्ती किए गए अग्निवीरों की संख्या बढ़ाने का अधिकार है.'
रिपोर्ट में कहा गया है, ''समिति इस संबंध में सिफारिश करती है कि बलों में अग्निवीरों की भर्ती के प्रयासों को अब तेज किया जा सकता है ताकि कोविड के कारण जमीनी स्तर पर सशस्त्र बलों की युद्धक क्षमताओं पर नकारात्मक प्रभाव न पड़े.' इसमें कहा गया है, 'वे यह भी सिफारिश करते हैं कि बलों में नियमित कैडर के रूप में शामिल किए गए लोगों के अलावा अग्निवीर के एक समूह को किसी भी घटना के समय राष्ट्र की सेवा के लिए तैयार रखा जाए.' अग्निपथ योजना में साढ़े 17 साल से 21 साल की उम्र के बीच के युवाओं को चार साल के लिए भर्ती करने का प्रावधान है और उनमें से 25 प्रतिशत को 15 साल और बनाए रखने का प्रावधान है.
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