Pandariya Election Results 2023: जानें, पांडरिया (छत्तीसगढ़) विधानसभा क्षेत्र को

पांडरिया विधानसभा सीट पर साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कुल 279493 वोटर मौजूद थे, जिनमें से 100907 ने कांग्रेस उम्मीदवार ममता चंद्राकर को वोट देकर जिताया था, जबकि 64420 वोट पा सके बीजेपी प्रत्याशी मोतीराम चंद्रवंशी 36487 वोटों से चुनाव हार गए थे.

Pandariya Election Results 2023: जानें, पांडरिया (छत्तीसगढ़) विधानसभा क्षेत्र को

Assembly Elections 2023 के अंतर्गत छत्तीसगढ़ राज्य में 7 तथा 17 नवंबर को दो चरणों में मतदान होगा, और चुनाव परिणाम (Election Results) 3 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे.

आज से 22 साल पहले मध्य प्रदेश से अलग होकर अस्तित्व में आए छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh Assembly Elections 2023) राज्य के मध्य क्षेत्र में मौजूद है कबीरधाम जिला, जहां बसा है पांडरिया विधानसभा क्षेत्र, जो अनारक्षित है. वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में, यानी पिछले विधानसभा चुनाव में इस विधानसभा सीट पर कुल 279493 मतदाता थे, और उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार ममता चंद्राकर को 100907 वोट देकर विजयश्री प्रदान की थी, और विधायक बना दिया था, जबकि बीजेपी उम्मीदवार मोतीराम चंद्रवंशी को 64420 मतदाताओं का भरोसा हासिल हो पाया था, और वह 36487 वोटों से चुनाव हार गए थे.

इससे पहले, साल 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में पांडरिया विधानसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार मोतीराम चंद्रवंशी ने जीत हासिल की थी, और उन्हें 81685 मतदाताओं का समर्थन मिला था. विधानसभा चुनाव 2013 के दौरान इस सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार लालजी चंद्रवंशी को 74412 वोट मिल पाए थे, और वह 7273 वोटों के अंतर से दूसरे पायदान पर रह गए थे.

इसी तरह, विधानसभा चुनाव 2008 में पांडरिया विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार अकबर भाई को कुल 72397 वोट हासिल हुए थे, और वह विधानसभा पहुंचे थे, जबकि बीजेपी प्रत्याशी लालजी चंद्रवंशी दूसरे पायदान पर रह गए थे, क्योंकि उन्हें 70536 वोटरों का ही समर्थन मिल पाया था, और वह 1861 वोटों से चुनाव में पिछड़ गए थे.

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ध्यान रहे कि विधानसभा चुनाव 2018, यानी पिछले विधानसभा चुनाव में 68 सीटें जीतकर कांग्रेस छत्तीसगढ़ में सबसे बड़ी पार्टी बनी थी, और भूपेश बघेल मुख्यमंत्री पद पर बैठे थे. इन्हीं नतीजों के साथ भारतीय जनता पार्टी (BJP) के रमन सिंह की 15 साल तक चली सरकार का कार्यकाल खत्म हो गया था, क्योंकि इस चुनाव में BJP महज़ 15 सीटें अपनी झोली में डाल पाई थी. 2018 में छत्तीसगढ़ में सत्ता कैसे बदली, इसे समझने के लिए वर्ष 2013 के चुनाव नतीजों पर भी नज़र डालनी होगी. उस समय BJP को 49 सीटें मिलीं थीं और कांग्रेस को 41, लेकिन दोनों के बीच वोट शेयर का अंतर 1 फीसदी से भी कम रहा था. अब भूपेश बघेल सरकार के पास राज्य में पहली बार बनी कांग्रेस सरकार को रिपीट करने की चुनौती है, जबकि BJP एन्टी-इन्कम्बेन्सी के सहारे फिर सत्ता पाने की जुगत में लगी है.