
'पहलगाम के गुनहगारों को धरती के आखिर छोर तक ढूंढा जाएगा. उन्हें और उनके आकाओं को ऐसी सजा दी जाएगी, जिसकी उन्होंने कल्पना तक नहीं की होगी. उनके ठिकाने मिट्टी में मिला दिए जाएंगे.' पीएम मोदी की इस ललकार के साथ दुनिया के देशों के आवाज भी जुड़ने लगी है. दुनिया के सबसे ताकतवर मुल्क अमेरिका आतंक के खिलाफ मुहिम में भारत के साथ खड़ा दिखाई दे रहा है. पाकिस्तान की ऑलआउट वॉर की गीदड़भभकी के बीच अमेरिका ने शुक्रवार को साफ संकेत दे दिया कि आंतकियों को ढूंढकर मारने के किसी भी ऑपरेशन में वह भारत का समर्थन करेगा.
'वह दोनों देशों के नेताओं को जानते हैं. वे किसी न किसी तरह से इसका हल निकाल ही लेंगे' - अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप
— NDTV India (@ndtvindia) April 26, 2025
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को पीएम मोदी से फोन पर बात की थी. उन्होंने कहा था कि इस ‘जघन्य हमले' के दोषियों को न्याय के दायरे में लाने में अमेरिका भारत के साथ खड़ा. गुरुवार को अपने विमान एयरफोर्स वन में पत्रकारों के सवालों पर भी ट्रंप के जवाब की दो लाइनें गौर करने लायक हैं. उन्होंने कहा,
-उस सीमा पर 1500 सालों से तनाव रहा है, इसलिए आप जानते हैं, यह वैसा ही है जैसा रहा है.
-लेकिन वे इसे किसी न किसी तरह सुलझा लेंगे.
ट्रंप के इन शब्दों को गौर से देखें तो वह भारत को मामले को अपने हिसाब से निपट लेने का इशारा करते दिखाई देते हैं. कश्मीर की सीमा रेखा को बंटवारे से 1500 साल पहले तक ले जा रहे हैं. इससे पहले अमेरिका हमेशा तनाव की स्थिति में भारत से धैर्य बनाए रखने की अपील करता नजर आता रहा है. लेकिन ट्रंप ने ऐसा कुछ नहीं कहा.
#WATCH | On #PahalgamTerroristAttack, US President Donald Trump says, "I am very close to India and I'm very close to Pakistan, and they've had that fight for a thousand years in Kashmir. Kashmir has been going on for a thousand years, probably longer than that. That was a bad… pic.twitter.com/R4Bc25Ar6h
— ANI (@ANI) April 25, 2025
उन्हें ढूंढ निकालो... खुलकर भारत के साथ अमेरिका
ट्रंप के साथ ही अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड ने भी कहा कि भारत पहलगाम हमले के लिए जिम्मेदार लोगों की तलाश कर रहा है और अमेरिका इसमें उसके साथ है. गबार्ड ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में लिखा, ‘हम पहलगाम में 26 हिंदुओं को निशाना बनाकर किए गए भीषण इस्लामी आतंकवादी हमले के मद्देनजर भारत के साथ एकजुटता से खड़े हैं.' गबार्ड और ट्रंप के बयान इस बात का साफ संकेत माना जा रहा है कि अगर भारत पाकिस्तान में घुसकर भी आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद करता है, तो अमेरिका को इससे कोई दिक्कत नहीं है.
भारत ने पिछले कुछ समय में जिस तरह से कूटनीति के जरिए चीन, अमेरिका, रूस, यूरोप, खाड़ी देशों समेत दुनिया के लगभग सभी मुल्कों को साधा है, उसका असर अब रणभूमि में दिख सकता है. पहलगाम में 26 टूरिस्टों की हत्या के बाद पूरे देश में गुस्से की लहर है. आतंकियों को उनके अंजाम तक पहुंचाने की हुंकार खुद पीएम मोदी भर चुके हैं. दुनिया के देशों का समर्थन भी भारत को मिलना शुरू हो गया है. भारत में भी सभी दल सरकार के साथ है. सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस समेत दलों के नेताओं ने सरकार के हर सख्त कदम का समर्थन किया है.
कौन-कौन साथ
ब्रिटिश प्रधानमंत्री केअर स्टॉर्मर ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री मोदी से फोन पर की. पहलगाम हमले को ‘बर्बर' करार देते हुए कहा कि ब्रिटेन इस दुखद घड़ी में भारत के साथ मजबूती के साथ खड़ा है. नीदरलैंड के प्रधानमंत्री डिक शूफ और श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके ने भी पीएम मोदी से फोन पर बात कर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत का साथ देने की बात दोहराई.
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी और जॉर्डन के शाह अब्दुल्ला द्वितीय गुरुवार को मोदी से फोन पर बात कर चुके हैं. सभी ने आतंकवाद के खिलाफ भारत में लड़ाई का समर्थन किया है. इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी और जापान के प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा ने भी गुरुवार को पीएम मोदी को फोन किया था.
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