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पहलगाम आतंकी हमले से क्या तबाह हो जाएगा जम्मू कश्मीर का पर्यटन, क्या है अनुच्छेद-370 हटाने का असर

जम्मू कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले को कश्मीरियत पर हमला बताया जा रहा है. कहा जा रहा है कि इस हमले का वहां के टूरिज्म पर गहरा असर होगा. आइए जानते हैं कि कैसा है जम्मू कश्मीर का टूरिज्म बिजनेस और कितने सैलानी आते हैं वहां घूमने.

पहलगाम आतंकी हमले से क्या तबाह हो जाएगा जम्मू कश्मीर का पर्यटन, क्या है अनुच्छेद-370 हटाने का असर
नई दिल्ली:

जम्मू कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को आतंकवादियों ने हमला किया था. इस हमले में 27 पर्यटक मारे गए थे.  इस हमले के बाद से जम्मू कश्मीर गए पर्यटक दहशत में आ गए. पर्यटकों ने तत्काल अपनी बुकिंग कैंसिल कराना शुरू कर दिया. पर्यटकों ने होटलों को खाली करना शुरू कर दिया. इसका असर यह हुआ कि श्रीनगर से हवाई किराया बहुत अधिक बढ़ गया. इसमें डीजीसीए को हस्तक्षेप कर एयरलाइन कंपनियों को कहना पड़ा कि वो यात्रियों से अधिक किराया न वसूलें. केंद्र सरकार ने पर्यटन सेवा प्रदाताओं, ट्रेवल एजेंट, टूर संचालकों, होटल व्यवसायियों और ऑनलाइन ट्रेवल एग्रीगेटर्स से कहा कि वो जम्मू कश्मीर गए पर्यटकों से कैंशिलेशन चार्ज न वसूलें. पर्यटन जम्मू कश्मीर की अर्थव्यवस्था का एक प्रमुख आधार है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) में पर्यटन करीब आठ फीसदी का योगदान देता है. अब पहलगाम हमले के बाद राज्य के पर्यटन उद्योग को भारी नुकसान पहुंचने की आशंका जताई जा रही है. 

जम्मू कश्मीर में आंतकवाद और पर्यटन

पिछले कुछ सालों में जम्मू कश्मीर में आतंकी घटनाओं में उल्लेखनीय गिरावट देखी गई थी. साल 2018 में जम्मू कश्मीर में 228 आतंकी घटनाएं दर्ज की गई थीं.ये आतंकी घटनाएं 2023 में घटकर केवल 46 रह गई थीं. राज्य में आई इस शांति का असर पर्यटन के व्यवसाय पर पड़ा था. साल 2023 में जम्मू कश्मीर में दो करोड़ 11 लाख से अधिक पर्यटक पहुंचे. जबकि 2018 में एक करोड़ 68 लाख से अधिक पर्यटक जम्मू कश्मीर आए थे.

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जम्मू कश्मीर के आर्थिक सर्वे और बजट के कागजात से यह पता तो नहीं चलता है कि पर्यटन व्यसाय कितने करोड़ रुपये का है. जम्मू कश्मीर का जीएसडीपी 2.65 लाख करोड़ रुपये की है. इस हिसाब से जम्मू कश्मीर का पर्यटन क्षेत्र करीब 21 हजार करोड़ रुपये का है. राज्य सरकार ने जीएसडीपी में पर्यटन की हिस्सेदारी को अगले चार-पांच साल में बढ़ाकर करीब 15 फीसदी करने का लक्ष्य रखा है. सरकार की इस महत्वाकांक्षा को पहलगाम हमले से चोट पहुंचने की आशंका है. 

जम्मू कश्मीर में पर्यटकों की बढ़ती संख्या

जम्मू कश्मीर में अप्रैल से अक्तूबर तक के समय को पर्यटन के लिहाज से सबसे बेहतर माना जाता है. पहलगाम हमला इसी पीक सीजन में हुआ है. इसका दूरगामी असर पड़ने की आशंका है. पर्यटक जिस तरह से अपनी बुकिंग कैंसिल करा रहे हैं, उसे केवल बानगी भर माना जा सकता है.जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाए जाने का असर वहां के पर्यटन उद्योग पर पड़ा था. पर्यटकों की संख्या में बेतहाशा बढ़ोतरी देखी गई. केंद्र सरकार ने अगस्त 2019 में संसद में बिल लाकर अनुच्छेद-370 को हटा दिया था.जम्मू कश्मीर पर्यटन विभाग के मुताबिक 2020 में देसी-विदेशी कुल 34 लाख 76 हजार से अधिक पर्यटक जम्मू कश्मीर घूमने के लिए गए थे. साल 2023 में यह आंकड़ा बढ़कर दो करोड़ 11 लाख 80 हजार से अधिक हो गया. इसमें 55 हजार से अधिक विदेश सैलानी थे.

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साल 2025 में जम्मू कश्मीर के पर्यटन सीजन की शुरुआत शानदार हुई थी. श्रीनगर के ट्यूलिप गार्डन में पिछले 26 दिनों में ही आठ लाख से अधिक सैलानी आ चुके थे. राज्य सरकार के साथ-साथ केंद्र सरकार ने भी राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं. इसका असर पर्यटकों की बढ़ती हुई संख्या के रूप में देखा जा सकता है. सरकार ने विदेशी सैलानियों को आकर्षित करने के लिए 2023 में जी-20 के टूरिज्म ग्रुप की बैठक का आयोजन श्रीनगर में किया था. इसमें बड़ी संख्या में विदेशी राजनयिक शामिल हुए थे. 

जम्मू कश्मीर का पर्यटन व्यवसाय

जम्मू कश्मीर घूमने जाने वालों में पश्चिम बंगाल के पर्यटकों की संख्या करीब 30 फीसदी की है. ट्रेवल एजेंटों के मुताबिक पूर्वी भारत के पर्यटकों ने करीब 90 फीसदी बुकिंग कैंसिल करा दी है. कश्मीर के पर्यटन व्यवसाय में डेढ़ हजार से अधिक हाउसबोट, होटलों के हजारों कमरे, टैक्सी ऑपरेटर, टूरिस्ट गाइड, घोड़े वाले और हाथ से बने सामान बेचने और बनाने वाले शामिल हैं. इनमें से बहुत से लोगों ने या तो कर्ज लेकर या अपनी संपत्ति बेचकर अपने धंधे में निवेश किया है. पहलगाम हमले का सबसे बड़ा असर इन्हीं लोगों पर पड़ने वाला है. यह असर कितना बड़ा होगा और इससे उबरने में कितना समय लगेगा, यह आने वाला समय ही बताएगा.

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