देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा नीट के प्रश्नपत्र लीक मामले से पूरे देश में खलबली मची हुई है. पेपर मामले को लेकर जगह-जगह छात्र विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. बिहार में ईओयू इस मामले की जांच कर रही है. इस मामले में अब तक दर्जन भर से ज्यादा लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच की जा रही है. पेपर लीक मामले के तार समस्तीपुर से भी जुड़े हुए हैं क्योंकि पेपर लीक मामले का मास्टरमाइंड सिकंदर प्रसाद यादवेंदु इसी गांव का रहने वाला है.
स्कूल में टॉपर था सिकंदर
बिथान प्रखंड के पुसहो गांव के रहने वाले सिकंदर ने बिथान के पीएसपी हाई स्कूल से 1984 में मैट्रिक की परीक्षा पास की थी. वो इस परीक्षा में इलाके का टॉपर रहा था. आगे की पढ़ाई के लिए वो रांची चला गया था. वहां डिप्लोमा करने के बाद वर्ष 2011- 12 के करीब उसने नौकरी करना शुरू किया था. वर्तमान में वो पटना में जेई के पद पर कार्यरत है. नीट परीक्षा पेपर लीक मामले में नाम सामने आने के बाद एनडीटीवी की टीम सिकंदर के पैतृक गांव समस्तीपुर जिले के बिथान थाना क्षेत्र अंतर्गत पुसहो पहुंची. यहां उसके बड़े भाई का परिवार रहता है.
सिकंदर की भाभी ने कहा हमारा यादुवेंद निर्दोष है
सिकंदर की भाभी ने कहा, "वो वैसा नहीं है, अगर वो ऐसा होता तो हम मिट्टी तोड़ने का काम थोड़ी न कर रहे होते. यदि वो पेपर लीक मामले में शामिल होता तो हम आज यहां मिट्टी तोड़ने का काम थोड़ी न कर रहे होते. साफ है कि उसको फंसाया जा रहा है. सिंकदर के भाई, उससे ज्यादा पढ़े लिखे हैं और अगर वो ऐसा कर रहे होते तो अपने परिवार से भी किसी को नौकरी दिलवा सकते थे. उनके बड़े भाई आज भी गांव में हैं और उनका भतीजा बेरोजगार है".
पिछले चार साल से घर नहीं गया है सिकंदर
उसके परिवार और आस पास के लोगों का कहना है कि पिछले चार वर्षों से वो अपने गांव नहीं आया है. मीडिया के माध्यम से ही उन लोगों को जानकारी मिल रही है. परिवार के लोगों का कहना है कि उन्हें इस मामले में फंसाया जा रहा है. बीते कुछ वर्षों के अंतराल पर वह घर आता रहता था. गांव के घर की स्थिति कुछ ठीक नहीं है लेकिन सिकंदर अकूत संपत्ति का मालिक बन गया है. पटना, रांची समेत कई जगहों पर उसकी घर व संपत्ति है. गांव के घर पर सिकंदर के भैया, भाभी और भतीजा रहते है. उसके माता-पिता का वर्षों पहले ही देहांत हो गया था.
पहले भी जेल जा चुका है सिकंदर
बता दें कि सिकंदर यादवेंदु को पुलिस ने पांच मई को नीट परीक्षा के दिन राजवंशीनगर इलाके से नीट परीक्षार्थियों के एडमिट कार्ड के साथ गिरफ्तार किया था. वह पहले भी एक घोटाले के मामले में जेल भी जा चुका है. वह पहले रांची में ठेकेदारी का काम करता था. साल 2012 में उसने बिहार SSC परीक्षा पास की और जूनियर इंजीनियर बन गया. सिकंदर 3 करोड़ के एलईडी घोटाले का भी आरोपी है. इसी मामले में वो जेल भी जा चुका है.
एक साथ चार जगहों पर तैनात था सिकंदर
सिंकदर यादवेंदु फिलहाल दानापुर नगर परिषद में जूनियर इंजीनियर के पद पर तैनात है. नगर परिषद अध्यक्ष ने सिकंदर के कारनामे को देखते हुए सरकार को उसके खिलाफ कड़ा पत्र लिखा था. उसके बाद सिकंदर को दानापुर नगर परिषद से हटा दिया गया लेकिन 10 दिनों के भीतर ही उसकी दोबारा पोस्टिंग वहीं कर दी गई थी. घोटाले के आरोप में जेल जा चुका सिकंदर यादवेंदु का पावर कितना है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वह एक साथ चार जगहों पर तैनात था. उसे दानापुर नगर परिषद के साथ साथ मसौढ़ी नगर पंचायत, बुडको और पटना महानगर परियोजना के कनीय अभियंता का प्रभार दिया गया था.
मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं सिकंदर के बेटा-बेटी
सिकंदर यादवेंदु ने अपने बेटे और बेटी दोनों का दाखिला मेडिकल कॉलेज में कराया था. सिकंदर का दामाद एमबीबीएस के बाद पीजी कर रहा है. चर्चा ये है कि उसने बिहार के कई वरिष्ठ अधिकारियों के बेटे-बेटी का एडमिशन भी मेडिकल कॉलेजों में करवाया था.
घरवालों को फोन से पता चला सिंकदर का नाम है पेपर लीक मामले में शामिल
सुनीता ने बताया कि सिकंदर उनके ससुर के छोटे भाई का बेटा है. उन्होंने कहा, हमें मोबाइल से ही पता चला है कि उन्होंने पेपर लीक कराया है लेकिन हमें ऐसा नहीं लगता है. हमने कभी उन्हें नहीं देखा है. वह रांची में रहते थे और नौकरी कहां करते हैं यह हम नहीं जानते हैं.
सिकंदर के भतीजे ने कही ये बात
बसंत कुमार मुरारी ने कहा, "पापा जी दो भाई थे. तो सिकंदर जी चाचा हुए. चाचा जी ने रांची से पढ़ाई की है. चाचा पटना में इंजीनियर बन गए हैं. तीनों भाई पढ़े लिखे हैं. पापा ने बायोलॉजी में पढ़ाई की है. उन्होंने कहा, पेपर लीक मामले में वो शामिल नहीं थे. उन्होंने 10वीं यहां से की है".
पड़ोसी ने बताया गांव के हाई स्कूल से की थी सिकंदर ने पढ़ाई
सिकंदर के पड़ोसी विवेकानंद यादव ने सिकंदर के बारे में बात करते हुए कहा, "वो आदमी बहुत अच्छा है और वो फ्रेंडली थे. वह कभी कभी गांव आते थे और वो व्यवहारिक थे. उन्होंने यहीं से पढ़ाई की थी और वह टॉपर थे. इसके बाद इंटर करने के लिए रांची चले गए थे. वहीं से उन्होंने डिप्लोमा किया था और फिर उनकी शादी हो गई थी और उसके बाद वो यहां नहीं आए. हमें सुनने में आया है कि वो पटना में फिलहाल कार्यरत थे. उन्होंने कहा, जाति विशेष को इस मामले में टार्गेट किया जा रहा है".
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