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This Article is From Jun 11, 2014

देश की पहचान को 'स्कैम इंडिया' से 'स्किल्ड इंडिया' की ओर लाना होगा : पीएम मोदी

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री आज लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण की चर्चा पर जवाब देने की लिए उठे तो फिर से सबको साथ लेकर चलने और सबके विकास की बात दोहराई। मोदी तकरीबन एक घंटे बोले और ये समझाने की कोशिश की कि सरकार की प्राथमिकताएं क्या रहने वाली हैं। प्रधानमंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि देश की जो मौजूदा छवि 'स्कैम इंडिया' की है, जिसे बदलकर 'स्किल इंडिया' की बनाना है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को लोकसभा में अपने पहले संबोधन में कहा कि संसद में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के अभिभाषण के माध्यम से वादों की जो रूपरेखा प्रस्तुत की गई है उसे पूरा करने में उनकी सरकार कोई कसर नहीं छोड़ेगी।

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर हुई चर्चा का उत्तर देते हुए मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति महोदय ने अपने अभिभाषण में जिन मुद्दों को उठाया है उन्हें पूरा करने का हमारी सरकार प्रयास करेगी।

गुजरात में मुख्यमंत्री बनने के समय के अपने अनुभव का उदाहरण देते हुए मोदी ने कहा कि उस समय राज्य भर में 24 घंटे बिजली पहुंचाने का वादा था। उन्होंने कहा, 'यह माना जा रहा था कि लोगों को संदेह होगा, लेकिन मैं इस सदन को भरोसा दिलाता हूं कि जो रास्ता राष्ट्रपति ने दिखाया है उसे पूरा करने के लिए हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।' उन्होंने कहा, 'हमारे लिए राष्ट्रपति का संबोधन परंपरा का हिस्सा है..लेकिन दिव्य संबोधन जैसे शब्द और उसे पूरा करना हमारा उद्यम होगा और यही हमें प्रेरणा भी देगा।'

उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान भले हम उम्मीदवार थे, लेकिन संसद में आने के बाद हम जनता की उम्मीदों के रखवाले हैं। उन्होंने कहा कि चीन बूढ़ा हो रहा है और हम जवान। दुनिया को अपनी शक्ति से परिचय कराना होगा। उन्होंने गरीबी हटाने को सरकार की प्राथमिकता बताते हुए कहा कि गरीब के बेटे आंसू पीकर सो जाएं यह हालत बदलनी चाहिए।

शहर की ओर हो रहे पलायन को रोकने को मोदी ने कहा कि अगर गांव के जीवन में हम बदलाव ला सकें, तो किसी को अपना गांव छोड़ने का मन नहीं करेगा। क्या गांव के अंदर हम उद्योगों का जाल खड़ा नहीं कर सकते? उन्होंने सवाल किया कि हम सदियों से कहते हैं कि हमारा देश कृषि प्रधान और गांवों का देश हैं। यह नारे तो अच्छे लगते हैं, लेकिन क्या हम अपने गांवों के जीवन को बदल पाए हैं? गरीब को गरीबी से बाहर लाना हमारी प्राथमिकता है।

उन्होंने चेतावनी दी कि अगर हम सरकार गरीबों के लिए नहीं चलाते हैं, तो देश की जनता हमें कभी माफ नहीं करेगी। सरकार गरीबों के लिए होनी चाहिए। क्या सरकार सिर्फ पढ़े-लिखे लोगों के लिए हो। क्या सरकार सिर्फ गिने-चुने लोगों के लिए हो। उन्होंने कहा कि गांवों में सेटेलाइट के माध्यम से शिक्षा देनी होगी।

हिंदुत्व की छवि के लिए जाने जाने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मुसलमानों के सशक्तीकरण की प्रतिबद्धता भी व्यक्त करते हुए कहा कि हमें स्थिति में बदलाव लाना होगा, क्योंकि अगर समाज का एक अंग दुर्बल हो तो समाज स्वस्थ नहीं हो सकता।

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव की चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जब वह छोटे थे, तो देखा था कि एक मुसलमान भाई साइकिल रिपेयरिंग करता था और आज उसकी तीसरी पीढ़ी का बेटा भी साइकिल रिपेयरिंग कर रहा है। उन्होंने कहा, 'स्थिति में बदलाव करना होगा। शरीर का एक अंग अगर विकलांग हो तो शरीर स्वस्थ नहीं हो सकता। समाज का कोई अंग अगर दुर्बल है तो समाज स्वस्थ नहीं हो सकता। इस मूलभूत भावना से काम करना है और हम प्रतिबद्ध हैं। हमारे देश में विकास की एक नई परिभाषा की जरूरत है।' अभिभाषण पर चर्चा के दौरान एमआईएमक्यूम के असदुद्दीन ओवैसी, कांग्रेस के एमआई शाहनवाज समेत कई सदस्यों ने मुसलमानों के विषय पर सरकार से रुख स्पष्ट करने को कहा था।

सरकार के भविष्य के कार्यक्रमों एवं नीतियों को दर्शाने वाले राष्ट्रपति के अभिभाषण में भी अल्पसंख्यकों के हालात का जिक्र करते हुए कहा गया है, 'दुर्भाग्यपूर्ण है कि स्वतंत्रता के इतने दशकों के बाद भी अल्पसंख्यक समुदाय गरीबी से पीड़ित है और सरकार की स्कीमों का लाभ अल्पसंख्यकों तक नहीं पहुंच पाता है।' अभिभाषण में कहा गया था, 'मेरी सरकार भारत की प्रगति में सभी अल्पसंख्यकों को बराबर का भागीदार बनाने के लिए कृतसंकल्प है।'

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