शिवसेना नेता संजय राउत द्वारा न्यायपालिका के खिलाफ की गई टिप्पणी के मामले में दायर याचिका पर आज मुंबई उच्च न्यायालय में सुनवाई की गई. याचिका में राउत के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है. इस याचिका को इंडियन बार काउंसिल द्वारा दायर किया गया है. वहीं आज इसपर सुनवाई हुई है. सुनवाई के दौरान शिवसेना सांसद संजय राउत द्वारा लगाए गए आरोप पर बॉम्बे हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपांकर दत्ता ने कहा कि उन्हें न्याय व्यवस्था पर जो चाहिए वो कहने दीजिए. इस तरह के आरोपों के लिए हमारे कंधे बहुत मजबूत हैं.
कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपांकर दत्ता ने आगे कहा कि जब तक हमारी अंतरात्मा साफ है, उन्हें जो कहना है कहने दें. हालांकि, याचिकाकर्ता की तत्काल सुनवाई की मांग पर चीफ जस्टिस ने कहा आवेदन करिए हम देखेंगे.
दरअसल शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक को राहत देने वाली याचिका को खारिज कर दिया था. कोर्ट के इस फैसले पर शिवसेना नेता संजय राउत का बयान आया था. जिसमें उन्होंने कहा था कि मुझे भी ऐसा ही अंजाम भुगतना होगा. केवल विशेष विचारधारा वाले लोगों को राहत मिलती रही है. संजय राउत ने कहा था कि अदालत का एक विशेष विचारधारा को राहत देने में पक्षपातपूर्ण दृष्टिकोण है. संजय राउत के इसी बयान पर इंडियन बार काउंसिल की ओर से ये याचिका दायर की है और ये टिप्पणी करने के लिए न्यायालय की अवमानना की कार्रवाई करने की मांग की है.
बता दें कि दाऊद इब्राहिम से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक को गिरफ्तार किया गया है.
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