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This Article is From Feb 20, 2024

अमृतकाल में 'एक राष्‍ट्र-एक चुनाव' के सिद्धांत को लागू करें : BJP अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उच्‍चस्‍तरीय समिति के सामने रखी राय

नड्डा ने कहा कि भाजपा का स्‍पष्‍ट मानना है कि पहले चरण में हमें लोकसभा, विधानसभा के चुनाव एक साथ कर लेने की व्यवस्था और एक ही मतदाता सूची बनाने की दिशा में काम करना चाहिए. 

अमृतकाल में 'एक राष्‍ट्र-एक चुनाव' के सिद्धांत को लागू करें : BJP अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उच्‍चस्‍तरीय समिति के सामने रखी राय
नड्डा ने कहा कि 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' ऐसा सिद्धांत है जिसे कार्यरूप देने का समय आ गया है. (फाइल)
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एक राष्‍ट्र-एक चुनाव को लेकर भाजपा अध्‍यक्ष जेपी नड्डा ने रखी अपनी राय
एक राष्ट्र एक चुनाव ऐसा सिद्धांत, जिसे कार्यरूप देने का समय आ गया : नड्डा
एक ही मतदाता सूची बनाने की दिशा में काम करना चाहिए : नड्डा
नई दिल्‍ली:

भाजपा (BJP) के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) ने एक राष्‍ट्र-एक चुनाव (One nation, One election) को लेकर बनी उच्‍चस्‍तरीय समिति के सामने पार्टी की ओर से अपने सुझाव पेश किए. उन्‍होंने कहा कि भाजपा की राय है कि यदि हम 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' के लक्ष्य को प्राप्त कर सके तो आधुनिक भारत के लोकाचार और आकांक्षाओं को प्रतिबिंबित किया जा सकेगा. साथ ही उन्‍होंने कहा कि देश के अमृत काल में इस सिद्धांत को प्रतिस्थापित करके युवा पीढ़ी को एक आदर्श शासन व्यवस्था सौंपनी चाहिए. 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' पर पिछले साल सितंबर में उच्च स्तरीय समिति गठित की गई थी.

उन्‍होंने कहा कि भाजपा का मत है कि सभी चुनावों के लिए लोकसभा, विधानसभा और पंचायत चुनाव एक ही मतदाता सूची बनाने की दिशा में काम करना चाहिए. साथ ही उन्‍होंने पार्टी की ओर से कहा कि भाजपा का यह मानना है कि पंचायत चुनाव राज्यों के चुनाव आयोग ही करें, लेकिन उसका समय लोक सभा विधानसभा के साथ हो. साथ ही पार्टी की ओर से कहा गया कि इस पर दूसरे चरण में विचार किया जा सकता है. 

भाजपा का यह स्‍पष्‍ट मानना है कि पहले चरण में हमें लोकसभा, विधानसभा के चुनाव एक साथ कर लेने की व्यवस्था और एक ही मतदाता सूची बनाने की दिशा में काम करना चाहिए. 

सिद्धांत को कार्यरूप देने का वक्‍त आ गया : BJP 

इसी सुझाव पत्र में भाजपा अध्‍यक्ष की ओर से लिखा गया है कि एक राष्ट्र एक चुनाव ऐसा सिद्धांत है जिसे कार्यरूप देने का समय आ गया है और देश के अमृत काल में इस सिद्धांत को प्रतिस्थापित करके हमें अपनी युवा पीढ़ी को एक आदर्श शासन व्यवस्था सौंपनी चाहिए. 

पूर्व राष्‍ट्रपति कोविंद हैं समिति के अध्‍यक्ष 

पूर्व राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद को समिति का अध्‍यक्ष बनाया गया है.  समिति को मौजूदा संवैधानिक ढांचे को ध्यान में रखते हुए लोकसभा, राज्य विधानसभाओं, नगर पालिकाओं और पंचायतों के एक साथ चुनाव कराने की पड़ताल और सिफारिशें करने का काम सौंपा गया है. 

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