ओमिक्रॉन वेरिएंट को लेकर स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने संसद में जानकारी दी
नई दिल्ली:
कोविड-19 के नए वेरिएंट Omicron (ओमिक्रॉन वेरिएंट) को लेकर पूरी दुनिया 'अलर्ट' मोड पर है. भारत में हालांकि इसका कोई मामला नहीं है लेकिन सरकार अपनी तरफ से पूरी सजगता बरत रही है. केंद्र सरकार की ओर से बताया गया कि देश में अब तक Omicron (ओमिक्रोन) का एक भी मामला नहीं आया है.कोविड प्रबंधन और नए वैरिएंट Omicron (ओमिक्रॉन) पर कल लोकसभा में नियम 193 के तहत शॉर्ट ड्यूरेशन चर्चा होगी
- कोविड प्रबंधन और नए वैरिएंट Omicron (ओमिक्रॉन) पर कल लोकसभा में नियम 193 के तहत शॉर्ट ड्यूरेशन चर्चा होगी. राज्यसभा में स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने आज कहा, 'देश में अब तक ओमिक्रोन का एक भी केस नहीं मिला है. आगे इसका कोई मामला नहीं आये, इसके लिए पूरे प्रयास किए जा रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्री ने जोर देकर कहा कि कोविड कंट्रोल में है, लेकिन यह पूरी तरह गया नहीं है. 124 करोड़ डोज अब तक लग चुके हैं.'
- सोमवार को आईसीएमआर में Head of Epidemiology डॉ. समीरन पांडा ने NDTV से बात करते हुए चेतावनी भरे लहजे में कहा था, 'मुझे कोई हैरानी नहीं होगी अगर भारत में इसका (वेरिएंट का) पता चलता है. यह केवल समय की बात है. यह वेरिएंट उच्च संक्रामक क्षमता के साथ फैलता है. '
- Omicron के कई देशों में फैलने से बढ़ती चिंताओं के बीच, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने मंगलवार को राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के साथ एक समीक्षा बैठक की और उन्हें मामलों की शीघ्र पहचान और प्रबंधन के लिए जांच बढ़ाने की सलाह दी.
- राज्यों को सुझाव दिया गया है कि अंतराष्ट्रीय यात्रियों पर कड़ी निगरानी रखें और At Risk कैटेगरी के देशों से आने वाले हर यात्री का एयरपोर्ट पर आरटी पीसीआर टेस्ट हो. सभी पॉजिटिव सैंपल को insacog भेजें. साथ ही उनकी कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और पॉजिटिव यात्रियों को 14 दिनों तक फॉलोअप किया जाए.इसके साथ ही जिलों में टेस्टिंग की संख्या बढ़ाने को भी कहा गया है.
- स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से दी गई समझाइश में यह भी कहा गया कि हॉटस्पॉट या मामलों के क्लस्टर बन रहे इलाकों के सभी पॉजिटिव सैंपल Insacog लैब भेज जाएं.. यह भी कहा गया है कि At risk देशों से आए यात्रियों की निगरानी सही तरीके से हो. अस्पताल इंफ्रा को दुरुस्त रखने की जरूरत भी इस दौरान बताई गई.
- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि भूषण ने यह रेखांकित करते हुए कि ऐसा नहीं है कि नया स्वरूप आरटी-पीसीआर और आरएटी जांच से पकड़ में नहीं आ सकता है, राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को पर्याप्त बुनियादी ढांचा और निगरानी वाले घरेलू पृथक-वास सुनिश्चित करने के लिए कहा.
- स्वास्थ्य मंत्रालय ने यूरोप, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील, बांग्लादेश, बोत्सवाना, चीन, मॉरीशस, न्यूजीलैंड, जिम्बाब्वे, सिंगापुर, हांगकांग और इजरायल से आने वाले पैसेंजर्स को जोखिम वाले देशों (at risk)की श्रेणी में रखा है.
- जोखिम वाले देशों से आने वाले पैसेंजर्स का एयरपोर्ट पर RT-PCR टेस्ट किया जाएगा. नियमों के अनुसार, जोखिम वाले देशों के जिन लोगों की टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव होगी, उन्होंने भी घर में सात दिनों तक क्वारंटाइन रहना होगा. आठवें दिन उनका फिर टेस्ट किया जाएगा.
- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, यही नहीं, अन्य देशों से आने वाले यात्रियों में से 5 फीसदी की भी रैंडम टेस्टिंग की जाएगी.किसी का सैंपल पॉजिटिव आने की स्थिति में जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा जाएगा और उसे क्वारंटाइन किया जाएगा.
- ऐसे देशों से आने वाले लोगों, जो कि जोखिम वाले देशों की श्रेणी में नहीं हैं और जिनकी रिपोर्ट निगेटिव आई है, के मामले में भी सावधानीपूर्वक निगरानी की सलाह दी गई है.