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This Article is From Sep 04, 2017

मध्य प्रदेश: बछड़े की मौत पर पंचायत ने सुनाया बुजुर्ग महिला को गांव से बाहर भीख मांगकर गंगा स्नान का फरमान

मध्य प्रदेश के भिंड जिले में कथित तौर पर पंचायत के तुगलकी फरमान से 55 साल की एक महिला को घर छोड़ना पड़ा.

मध्य प्रदेश: बछड़े की मौत पर पंचायत ने सुनाया बुजुर्ग महिला को गांव से बाहर भीख मांगकर गंगा स्नान का फरमान
पंचायत के फरमान पर कमलेश को गांव से बाहर जाकर भीख मांगनी पड़ी, जिससे वह बीमार हो गई
भोपाल: मध्य प्रदेश के भिंड जिले में कथित तौर पर पंचायत के तुगलकी फरमान से 55 साल की एक महिला को घर छोड़ना पड़ा. पीड़ित का कसूर इतना था कि गाय का दूध पी रहे बछड़े को हटाते समय उसके गले की रस्सी फंस गई, जिससे बछड़े की मौत हो गई. पंचायत ने पीड़ित को गौवंश की हत्या का दोषी ठहराते हुए एक हफ्ते के लिए गांव से बाहर निकाल दिया और हुक्म दिया कि वह दूसरे गांव में रहकर सात दिन तक भीख मांगे और उससे जमा पैसे से गंगा स्नान कर खुद को शुद्ध करके ही वापस लौटे.

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भिंड में मातादीनपुरा गांव की रहने वाली कमलेश 3 दिन घर से बाहर रहने के बाद अपने घर आई. उसके बेटे अनिल श्रीवास ने बताया कि उसकी मां का समाज से बहिष्कार कर दिया गया. सात दिन के लिये पंचायत ने कहा था कि सात जगह भीग मांगे. 20-25 लोग पंचायत के लिये इकठ्ठा हुए थे. 

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कमलेश का कहना है कि उन्होंने दूध निकालने से पहले दूध पीने के लिए बछड़े को छोड़ दिया, जब बाद में उसे हटाने के लिए गले की रस्सी खींची तो रस्सी गले में फंस गई और बछड़े की मौत हो गई. बछड़े की मौत की ख़बर लगते ही श्रीवास समाज की पंचायत बैठी. आरोप है कि कमलेश को गौहत्या का दोषी ठहराया गया हुक्म दिया गया. पंचायत ने कहा कि कमलेश सात दिन गांव से बाहर रहकर भीख मांगे और उससे जो पैसा इकठ्ठा होगा उससे इलाहाबाद जाकर गंगा स्नान करके वापस लौटे. 

VIDEO:बछड़े की मौत पर पंचायत ने सुनाया महिला को घर छोड़ने का फरमान
पीड़िता ने हुक्म माना, लेकिन तीसरे दिन भीख मांगने के दौरान उसकी हालत बिगड़ गई और वह सड़क पर गिर गई. बाद में अस्पताल में इलाज चला अब घर लौटी है. मामला सामने आने पर समाज कह रहा है गंगा स्नान का फैसला कमलेश ने खुद लिया था. 

श्रीवास समाज के ज़िला अध्यक्ष शम्भू श्रीवास ने बताया कि उन्होंने सबके बात रखी कि वह गंगाजी जाएगी क्योंकि उनसे बछड़े की हत्या हो गई है. पंचायत ने उन पर किसी तरह का कोई दबाव नहीं डाला. 

पीड़िता के हाथों बछड़े की मौत 31 अगस्त को हुई जिसके बाद उसका बेटा उन्हें पोरसा गांव छोड़ आया. फिलहाल परिवार खुलकर पंचायत के खिलाफ कुछ नहीं बोल रहा है, क्योंकि उन्हें समाजिक बहिष्कार का डर है.

उधर, पुलिस ने इस मामले में अभीतक कोई कार्रवाई नहीं की है. पुलिस अधीक्षक अनिल सिंह कुशवाह ने कहा कि पुलिस के पास इस तरह की कोई शिकायत नहीं आई है, अगर कोई शिकायत आती है तो वे जरूर कार्रवाई करेंगे. 

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