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This Article is From Sep 17, 2022

ऑयल इकोनॉमिस्ट किरीट पारेख बोले- "पेट्रोल-डीजल को GST के दायरे में लाना चाहिए" बताई ये वजह

देश के जाने माने ऑयल इकोनॉमिस्ट किरीट पारेख (Kirit Parekh) ने कहा, अगर पेट्रोल-डीजल (petrol-diesel) को जीएसटी (GST) के दायरे में शामिल किया जाता है तो इससे देश में महंगाई पर नियंत्रण पाने में शॉर्ट टर्म और मीडियम टर्म में मदद मिलेगी.

ऑयल इकोनॉमिस्ट किरीट पारेख बोले- "पेट्रोल-डीजल को GST के दायरे में लाना चाहिए" बताई ये वजह
ऑयल इकोनॉमिस्ट किरीट पारेख ने कहा कि पेट्रोल-डीजल को GST के दायरे में लाना चाहिए.
नई दिल्ली:

देश में पेट्रोल- डीजल (petrol-diesel) की बढ़ती कीमतों और महंगाी के बारे में बोलते हुये देश के जाने माने ऑयल इकोनॉमिस्ट किरीट पारेख (Kirit Parekh) ने कहा,  अगर पेट्रोल-डीजल को जीएसटी(GST) के दायरे में शामिल किया जाता है तो इससे देश में महंगाई पर नियंत्रण पाने में शॉर्ट टर्म और मीडियम टर्म में मदद मिलेगी. पेट्रोल और डीजल सस्ता होने से देश में ज्यादा लोग इनका इस्तेमाल भी कर सकेंगे. इससे अर्थव्यवस्था को फायदा होगा. एनडीटीवी संवाददाता हिमाशु शेखर से बात करते हुये पारेख ने कहा कि भारत को ईरान से सस्ते रेट पर कच्चे तेल का आयात करना चाहिए.

ईरान के साथ 'बेटर ट्रेड' के जरिए कच्चे तेल के आयात को रोकने का फैसला गलत था. पारेख ने कहा कि अभी भारत के सामने एक अच्छा मौका है. भारत को इसका फायदा उठाना चाहिए. अगर हम 'बेटर ट्रेड' के जरिए ईरान से कच्चे तेल का आयात करते हैं तो इससे ईरान को हमारा एक्सपोर्ट भी बढ़ेगा. कच्चे तेल का सस्ती दरों पर आयात करने से भारत में महंगाई को नियंत्रित करने में भी मदद मिलेगी 

पारेख ने बताया कि जब कच्चा तेल अंतरराष्ट्रीय बाजार में एक डालर महंगा होता है तो भारत का आयात पर खर्च एक  बिलियन डॉलर तक बढ़ जाता है. अगर देश में पेट्रोल- डीजल की कीमतें टीएसटी के अंतर्गत आ जाएंगी तो दोनों की ईंधन सस्ते हो जाएंगे. ऐसे में माल भाड़ा भी सस्ता हो जाएगा. इसका सीधा असर सामान की कीमत पर भी पड़ेगा कीमतें कम होंगी तो आज जनता को राहत मिलेगी. 

आज इसके उल्टा हो रहा है, करीब 42 रुपये के एक लीटर पेट्रोल में एक्साइज ड्यूटी, सेल टैक्स और स्टेट के अपने टैक्स लगाने के बाद यह पेट्रोल 100 रुपये लीटर मिलता है. इसकी सबसे ज्यादा मार लोअर मिडिल और मिडिल क्लास आदमी को पड़ती है, जो दो पहिया वाहन चलाता है. पारेख ने कहा कि अगर जनता को महंगाई से राहत देना है तो पेट्रोल- डीजल को जीएसटी के दायरे में लाना होगा. इससे एर लीटर पेट्रोल की कीमत 50-60 रुपये लीटर के करीब हो जाएगी. ऐसे में जनता को राहत मिलेगी.


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