हरियाणा के दूसरे हिस्सों में दिखने लगा नूंह हिंसा का असर, मुस्लिमों के बहिष्कार के लिए जारी हो रहे फरमान

नूंह हिंसा के बाद रविवार को गुरुग्राम के तिगरा गांव में हुई हिंदू महापंचायत हुई. इस दौरान मुस्लिम समुदाय के खिलाफ कई फैसले लिए गए.

नई दिल्ली:

हरियाणा के नूंह में हुई सांप्रदायिक हिंसा का असर राज्य के दूसरे हिस्सों में भी दिखने लगा है. कई जिलों में 40 से ज़्यादा गांवों में पंचायत कर मुस्लिम समुदाय के व्यापारियों या गांव में जाकर सामान बेचने वाले मुस्लिम फेरी वालों के बहिष्कार का फैसला लिया गया है. प्रशासन अब ऐसी पंचायतों के खिलाफ कार्रवाई की बात कर रहा है. हालांकि, अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

नूंह हिंसा के बाद रविवार को गुरुग्राम के तिगरा गांव में हुई हिंदू महापंचायत हुई. इस दौरान मुस्लिम समुदाय के खिलाफ कई फैसले लिए गए. पंचायत में शामिल एक सदस्य ने कहा, "मैं तो सारे भाईयों से हाथ जोड़ कर कहता हूं कि इनका आधार कार्ड चेक करो. अगर ये मुस्लिम हैं, तो न इनको घर किराए पर दो न इनसे सामान ख़रीदो."

बॉयकाट के लिखित फरमान जारी
हिंदू महापंचायत की इस अपील का असर भी दिखने लगा है. धीरे-धीरे हरियाणा के गांवों से मुसलमान व्यापारियों, दुकानदारों और फेरी वालों के बॉयकाट के लिखित फरमान जारी होने लगे हैं. हरियाणा के झज्जर जिले के मुंडाखेड़ा गांव में भी ऐसा ही एक फरमान जारी हुआ है. इसमें लिखा है कि पंचायत ने निर्णय लिया है कि मुस्लिम व्यापारियों और फेरी वालों को गांव में व्यवसाय करने के लिए घुसने नहीं दिया जाएगा.

NDTV से बातचीत में हिंदू महापंचायत के सदस्य ने कहा, “हम गांव पिलनी से सिर्फ एक बात कहना कि अपने गांव में जो मुसलमान चूड़ी बेचने या गुड़ बेचने आए, उनकी एंट्री बैन हो. ये पूरे गांव का फैसला है."

सरकार ने अब तक नहीं लिया एक्शन
मुसलमानों के ऐसे बॉयकॉट के बयान सोशल मीडिया पर वायरल हैं. बड़ा सवाल ये है कि इन गैर कानूनी बयानों पर प्रशासन ने कोई एक्शन नहीं लिया है. बस कार्रवाई करने का बस बयान दिया जा रहा है.

क्या कहते हैं मंत्री?
हरियाणा सरकार में मंत्री ओम प्रकाश ने कहा, "हमें जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक पंचायतों ने माफ़ी मांगी है. प्रशासन ऐसे लोगों पर कार्रवाई करेगा. हमारी नज़रों में सब समान हैं. किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा."

क्या कहती है पुलिस?
झज्जर के डीसी शक्ति सिंह ने कहा, "हमारे संज्ञान में ऐसा मामला आया है. ये संविधान के खिलाफ है. मुझे पता चला है कि पंचायतों ने फैसले वापस ले लिए हैं. उनसे सख्ती से निपटा जाएगा."

हालांकि, इन फरमानों का असर दिख रहा है. गुरुग्राम से हजारों मुस्लिम कामगार पलायन कर चुके हैं. अब तक पुलिस ने इसपर कोई कार्रवाई नहीं की है.

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