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This Article is From Mar 24, 2017

सिर्फ फ्लैक्सी किराया प्रणाली से ही नहीं हो सकती रेलवे के नुकसान की भरपाई : सुरेश प्रभु

सिर्फ फ्लैक्सी किराया प्रणाली से ही नहीं हो सकती रेलवे के नुकसान की भरपाई : सुरेश प्रभु
रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा है कि फ्लैक्सी किराया प्रणाली की नियमित रूप से समीक्षा की जाएगी.
नई दिल्ली: सिर्फ फ्लैक्सी किराया प्रणाली से ही रेलवे के नुकसान की भरपाई नहीं हो सकने पर जोर देते हुए रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने शुक्रवार को कहा कि इस प्रणाली की नियमित रूप से समीक्षा की जाएगी ताकि सीटों का अधिकतम उपयोग हो सके. रेल मंत्री ने कहा कि हम फ्लैक्सी किराया प्रणाली की लगातार समीक्षा करेंगे और इस संबंध में रेलवे बोर्ड को निर्देश दिए गए हैं. इससे यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने में मदद मिलेगी वहीं रेलवे को राजस्व भी मिल सकेगा.

उन्होंने कहा कि फिलहाल अन्य मेल, एक्सप्रेस गाड़ियों में फ्लैक्सी किराया प्रणाली लागू किए जाने का कोई प्रस्ताव नहीं है. उन्होंने कहा कि पहली अप्रैल से विकल्प योजना की शुरुआत की जा रही है ताकि एक गाड़ी की प्रतीक्षा सूची में शामिल यात्रियों से किराए का अंतर वसूल किए बिना उन्हें गाड़ियों की अन्य श्रेणियों में शिफ्ट किया जा सके. उन्होंने कहा कि किसी साधारण मेल या एक्सप्रेस गाड़ियों में बुक किए गए यात्रियों को वैकल्पिक मेल या एक्सप्रेस या राजधानी, हमसफर, दूरंतो, शताब्दी ट्रेनों में उसी श्रेणी में सीट मुहैया किया जा सकता है. प्रभु राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों का जवाब दे रहे थे.

उन्होंने कहा कि 30 हजार करोड़ रुपये के नुकसान की भरपाई फ्लैक्सी किराया प्रणाली से नहीं हो सकती. इसलिए कुछ अच्छी व्यवस्था बनानी होगी. रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि रेलवे ने घाटे को पूरा करने के लिए पहली बार गैर किराया राजस्व निदेशालय शुरू किया है और उसे 17,500 करोड़ रुपये का लक्ष्य दिया गया है. इसके अलावा स्टेशनों के पुनर्विकास की योजना शुरू की गई है जिसमें एक लाख करोड़ रुपये का निवेश होगा. इससे रेलवे को कम से कम 10 हजार करोड़ रुपये मिलेंगे. उन्होंने कहा कि घाटा कम करने के लिए लागत कम करने पर भी जोर दिया गया है. बिजली पर आने वाले खर्च में खासी कमी पर भी काम हो रहा है. उन्होंने कहा कि सिर्फ एक माध्यम से ही घाटे को दूर नहीं किया जा सकता.

रेल मंत्री ने कहा कि जो लोग भुगतान करने की स्थिति में हैं और वे कर सकते हैं तो उनसे लिया जाना चाहिए. लेकिन उन पर अतिरिक्त भार भी नहीं आना चाहिए. साथ ही हमारे प्रतिस्पर्धी को भी फायदा नहीं होना चाहिए. यदि हम अपने यात्री खोकर विमानन कंपनियों को फायदा पहुंचा रहे हैं तो उसका भी कोई फायदा नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए रेलवे बोर्ड से कहा गया है कि वे लगातार समीक्षा करते रहें और सिर्फ एक बार समीक्षा करने से बात नहीं बनेगी. हम लगातार समीक्षा करेंगे और उचित कदम उठाते रहेंगे.’’

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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