
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महाराष्ट्र दौरे में एक नया विवाद सामने आया है. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) की सांसद सुप्रिया सुले (Supriya Sule)ने पुणे के देहू में एक मंदिर के उद्घाटन समारोह के दौरान राज्य के उप मुख्यमंत्री अजित पवार (Ajit Pawar)को बोलने की इजाजत नहीं दिए जाने पर ऐतराज जताया. राज्य में सत्तारूढ़ महाविकास आघाड़ी की अहम सदस्य, एनसीपी की नेता सुप्रिया सुले ने कहा मंगलवार को कहा कि उपमुख्यमंत्री अजित पवार को मंदिर उद्घाटन समारोह के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi)की मौजूदगी में बोलने की अनुमति नहीं दी गई. सुप्रिया ने इसे राज्य का अपमान करार दिया.
एनसीपी सांसद सुप्रिया ने कहा कि भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने कार्यक्रम को संबोधित किया लेकिन अजित पवार को बोलने की अनुमति नहीं दी गई. उन्होंने अमरावती में संवाददाताओं से कहा, ‘‘अजित पवार के कार्यालय ने (प्रधानमंत्री कार्यालय) अनुरोध किया था कि उन्हें कार्यक्रम में बोलने की अनुमति दी जाए क्योंकि वह उपमुख्यमंत्री होने के साथ ही जिला प्रभारी मंत्री भी हैं लेकिन पीएमओ ने इसे मंजूरी नहीं दी."
सांसद ने कहा, ‘‘यदि हमारे उप मुख्यमंत्री मंच पर है तो यहां बोलने का उनका अधिकार है. फडणवीस को बोलने की इजाजत देना उनका निजी मामला है लेकिन अजित को देहू के कार्यक्रम में बोलने की अनुमति मिलनी चाहिए थे. यह बहुत गंभीर, दर्दनाक, चौंकाने वाला और अनुचित है. यह महाराष्ट्र का अपमान है.''सुप्रिया सुले ने बाद में ट्वीट किया, "नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस को देहू में पीएम के कार्यक्रम में बोलने का मौका दिया गया लेकिन राज्य के उप मुख्यमंत्री अजित पवार को बोलने की इजाजत नहीं मिली." एनसीपी के विधाय अमामल मितकारी ने भी सुप्रिया सुले के विचारों से सहमति जताई.
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